14 February, 2009

वैलेंटाइन

वो कौन सी मेमोरी डिस्क है

जिसमें रिकॉर्ड हो जाता है

एक ही बार कहने के बाद

कि घर में किसे कौन सी सब्जी पसंद है

कौन भिन्डी या तोरई बनने पर

एक ही रोटी में उठ जाता है

किसे पसंद हैं काढे हुए रूमाल

या अपनी चोटी उससे गुन्थ्वाना

कलफ लगी साडियां

चौराहे वाले समोसे

उसे सब पता है

वो पत्नी है, माँ है, बेटी है, बहन है, बहू है

हाँ शायद उसे वैलेंटाइन का मतलब नहीं पता
पर क्या सिर्फ़ न कहने भर से प्यार होता नहीं?

12 comments:

  1. वो पत्नी है, माँ है, बेटी है, बहन है, बहू है

    क्या लाजवाब बात जही है? बहुत धन्यवाद जी इसके लिये.

    रामराम.

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  2. love....prem.....ye shabad chcarcha ka vishay nahi...ise mahsoos kro.....ruh mai utaaro....
    happy velentine

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  3. वो पत्नी है, माँ है, बेटी है, बहन है, बहू है

    पर क्या सिर्फ़ न कहने भर से प्यार होता नहीं?

    बहुत सुंदर लिखा आपने पूजा ..सही बात कही ...

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  4. बहुत खूब लिखा, काफी शिद्दत से महसूस किया है आपने !

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  5. बहुत खूब लिखा, काफी शिद्दत से महसूस किया है आपने !

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  6. बहुत ही बेहतरीन लिखा है आपने सच में नारी जो मां है बहन है बेटी है पत्‍नी है उसकी व्‍याख्‍या बहुत ही आदर के साथ कही जानी चाहिए और वही आपने कही है बहुत बहुत धन्‍यवाद

    मन से

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  7. sachi baat bahut khub likha hai.

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  8. सबा कुछ पता है उन सबको!!
    और मैं अक्सर उन सबको दिल से याद किया करता हूँ जिन्हें सब कुछ पता है मेरे बारे में..

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  9. सुंदर खयालात.आभार

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  10. बिल्कुल ! महसूस करना भी होता है पर होता ये है कि जिसे महसूस करना होता है उसकी अहमियत उससे दूर होने पर ही समझ में आ पाती है . शायद इसीलिए कह देने का रिवाज चल निकला होगा

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