13 February, 2009

एक खुशी का दिन :)


आज बहुत दिन बाद सुबह सुबह अखबार देखकर मन खुश हो गया...सारी खबरें अच्छी...ये कहीं वैलेंटाइन के पहले का गिफ्ट तो नहीं है?
एक तरफ़ पकिस्तान ने ये मान लिया कि मुंबई हमले कि सारी पृष्ठभूमि पकिस्तान कि सरजमी पर तैयार की गई थी। दूसरी तरफ़ कोर्ट ने निठारी मामले में पंधेर और कोली दोनों को अपराधी माना है...और सेने ने बंगलोर से अपना हाथ खींच लिया।
ये तीनो खबरें हमारी डेमोक्रेसी की जीत हैं...एक तरफ़ हम पाते हैं कि विश्व समुदाय के दिन ब दिन बढ़ते दबाव और ओबामा के कथन तथा भारत के दिए सुबूतों ने पकिस्तान को मजबूर कर दिया सच्चाई कुबूल करने के लिए। ये हमारी लोकतान्त्रिक जीत है...क्योंकि ऐसे माहौल में जंग या कोई भी ऐसा कदम हमारे लिए सही नहीं होता।
निठारी मामले ने रूह कंप थी थी, उसके बाद सीबीअई की नाकामी से एक तरह से उम्मीद टूट गई थी, लगा ही नहीं था इन कभी उन मृत बच्चों को इन्साफ भी मिलेगा। इतना जघन्य काम करने के बावजूद अगर मुजरिम छूट जाते तो न्यायिक व्यवस्था से विश्वास ही उठ जाता...justice delayed is justice denied.

और ये तीसरा कारन तो मुझे सबसे ज्यादा खुश कर रहा है...आख़िर श्री राम सेने ने बंगलोर में अपना कार्यक्रम स्थगित कर दिया है...अब ये पिंक चड्डी का असर था या फ़िर एक और चुनावी हथकंडा ये मालूम नहीं। उन्होंने अपने बयां में कहा है की उन्हीं डर है की बाकी असामाजिक तत्व लोगो को पीटेंगे और राम सेने का नाम बदनाम होगा। पर वो बाकी जगहों पर अपने अजेंडा को फोलो करेंगे...बंगलोर में मुतालिक और उनकी मोरल पोलिसिंग का जोर शोर सेना विरोध हो रहा था...और सब शांतिपूर्ण तरीके सेना, कहीं मानव श्रृंखला बना कर, तो कहीं उन्हें वैलेंटाइन डे पर ग्रीटिंग वार्ड भेज कर...और पिंक चड्डी के बारे में तो कहना ही क्या।

मैं इसे अपनी और अपने जैसी हजारों और लड़कियों की जीत के रूप में देखती हूँ...किसी को भी ये अधिकार नहीं की हमें बताये की हमारी संकृति क्या है और वो भी बलपूर्वक।

मैं एक ऐसी लड़की हूँ जिसे पता है की मेरी जड़ें कहाँ हैं...अपनी संस्कृति का सम्मान करना हम बखूबी जानते हैं, पर इसके लिए कोई और आके हमारे अधिकारों का हनन नहीं कर सकता है।

तो आज बहुत बहुत दिनों बाद मैं सुबह सुबह अखबार देख कर अपने देश में रहने के लिए गौरवान्वित महसूस करती हूँ। इस दिन को इतना खूबसूरत बनाने के लिए बहुतों ने कार्य किया है...उन सबका हार्दिक धन्यवाद।

13 comments:

  1. पूजा जी आपके ब्लॉग पर आकर अच्छा लगा. मै भी आपके ही शहर से अपनी शिक्षा पूरी की है, पर अब किसी और शहर में रहता हूँ... आपकी आलेख पढ़ी, अच्छी लगी..लिखते रहिये. आभार.

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  2. बढ़िया है जी. वाकई एक जीत है और आप बधाई की हकदार.

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  3. ये आम लोगो की सोच , मीडिया कि बढती पहुँच , और आए थोड़े बहुत बदलाव का नतीजा है कि सही तरीके से न्याय मिल गया .... रही बात श्री राम सेना की तो वो राजनीतिक कारण ही रहा होगा जिसके तहत उन्होंने ऐसा किया ...या फिर पिछले दिनों से जो हुआ उसका दवाब ....पर उनके कारनामे देश के अन्य नगरों में जरूर देखने को मिलेंगे ..... पर चलो खुशी इस बात की है कि कहीं तो रुका ....


    मेरी कलम - मेरी अभिव्यक्ति

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  4. चलो जश्न मानाने का एक और मौका मिल गया. ये पता होता तो हम थाईलैंड क्यो आते.! आभार.

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  5. लग रहा है आज के दिन सारी बुराईयों और झूट पर सच्‍चाई की जीत हो रही है अब धीरे धीरे सच्‍चाई का साम्राज्‍य चहुं ओर विस्‍तृत हो जाएगा

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  6. अपनी संस्कृति का सम्मान करना हम बखूबी जानते हैं, पर इसके लिए कोई और आके हमारे अधिकारों का हनन नहीं कर सकता है।

    बहुत बधाई.

    रामराम.

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  7. पूजा की बात में दम है। ऐसी पुजाओं की कमी नहीं इस देश में जो जानती हैं कि उनकी संस्‍कृति क्‍या है। ..और कोई भी किसी को भी मुगली घुट्टी की तरह संस्‍कृति नहीं पिला सकता। लोकतंत्र में सभी को समान अधिकार हैं और उनका हनन निंदनीय होना ही चाहिए।
    मैं ऐसे प्रतिक्रियावादी संस्‍कृति के तथा‍कथित ठेकेदारों और दिन-रात मीडिया को कोसने वाले तथाकथत बुद्धिजीवियों से पूछना चाहता हूं कि वह बताएं कि अगर इस देश का मीडिया जागरूक नहीं होता तो क्‍या निठारी कांड कभी इस देश के लोगों के सामने आता। ऐसे अनगिनत मामले हैं जिन्‍हें लोकहित और राष्‍ट्रहित में उजागर किया है लेकिन नागपुर रिटर्न लोग अपनी आलोचना को तनिक भी बर्दाश्‍त नहीं कर पाते। उनकी नेकर खुल जाती है। सच्‍चाई बरदाश्‍त नहीं हैं उन्‍हें और वह हर हथकंडा अपनाकर अपनी करनियों पर परदा डालने की कोशिश करते हैं चाहें उन्‍हें कितना भी नीचे गिरना पड़े।

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  8. आज पेपर देख के मुझे भी अच्छा लग रहा था

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  9. पाकिस्तान वाली खबर पे तो प्रतिक्रिया खैर कुछ और रही थी,लेकिन हाँ शेष दो से जुड़ी आपकी बातों से हम भी मुखातिब हैं

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  10. कल खबर पढ़ी थी कि निठारी वाले केस कि सुनवाई होने वाली है..
    मुझे कोई उम्मीद नहीं थी कि कुछ सजा होगी उसे.. अभी मुझे यह खबर तुम्हारे ही ब्लौग से मिली है.. बहत ख़ुशी हुई जानकर..

    श्री राम सेना का क्या कहे? एक गीत याद आता है..
    "देखो ओ दिवानो तुम यह काम ना करो..
    राम का नाम, बदनाम ना करो.." :)

    पाकिस्तानी खबर तो सुभान अल्लाह ही है.. सभी जानते हैं कि कुछ होने जाने वाला नहीं है पाकिस्तान में..

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  11. आपका जज़्बा बहुत प्रेरणादाई है पूजा जी। बहुत बेहतर कहा आपने।

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  12. राम सेना का क्या कहे? एक गीत याद आता है..
    "देखो ओ दिवानो तुम यह काम ना करो..
    राम का नाम, बदनाम ना करो.." :

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