जी हाँ! ये है राम सेने का धमाकेदार ऑफर...जो सिर्फ़ और सिर्फ़ एक दिन के लिए है...जी हाँ, १४ फरवरी यानि वैलेंटाइन डे के लिए। अगर आप प्रेम विवाह करना चाहते हैं, और आपके रास्ते में समाज रोड़ा अटका रहा है, परिवार वाले राजी नहीं हो रहे...तो आपके लिए ये स्पेशल ऑफर...१४ तारीख को अपने पसंदीदा जोडीदार को ले कर बंगलोर आईये...करना कुछ नहीं है, बस साथ घूमना है। हाँ अगर आप चाहते हैं की आप ये ऑफर किसी भी तरह मिस न करें तो पब में बैठें, राम सेने की सबसे पसंदीदा जगह है...अरे आपने टीवी पर देखा तो होगा।
अब सुनिए ऑफर के बारे में विस्तृत जानकारी, श्री राम सेने ने घोषणा की है की उनके दस्ते १४ तारीख को बंगलोर me घूमेंगे और जो भी जोडियाँ उन्हें मिलेंगी उनकी शादी करा देंगे। उनके साथ में एक पंडित रहेगा और यही नहीं वो शादी को रजिस्ट्री भी करवाएंगे.
अपनी मर्जी से शादी करने में कितने झंझट है ये वही जान सकता जो इन लफड़ों में पड़ा हो या जिनके दोस्त इस इश्क के दरिया में उतर गए हों...अजी हुजूर अगर आप कायदे से रजिस्ट्री करके शादी करना चाहते हैं तो भूल जाइए क्योंकि पहले तो आप दोनों के नाम की लिस्ट टंग जायेगी कोर्ट में वो भी एक दो दिन नहीं, पूरे एक महीने...खुदा न खस्ता इस बीच अगर घर में ख़बर पहुँची तो बस लड़की तो सीधे शहर से ही एक्सपोर्ट ho जायेगी...फ़िर करते रहिये किससे शादी करते हैं। अगर आर्य समाज में शादी करनी है तो भी लंबा चौडा चक्कर लगता है...खूब सारे पैसे भी खिलाने पड़ते हैं. इसके बाद बहुत सारा भाषण सुनना पड़ता है. तब जाके शादी होती है.
और राम सेने वाले आपकी मुफ्त में शादी करा रहे हैं, भगवान उनका भला करे...उन्हें दुनिया के इश्क करने वालों की दुआएं लगेंगी...मैं तो सोच रही हूँ उनपर एक कविता भी लिख दूँ(इससे ज्यादा और मैं कर भी क्या सकती हूँ). उनका ये क्रांतिकारी अभियान उन्हें इश्क के इतिहास में अमर कर देगा...ये तो संत वैलेंटाइन से भी महान आत्मा हैं.
ये ऑफर लड़कियों के लिए खास तौर से डिजाईन किया गया है...श्री राम सेने से बड़ा हमारा शुभ चिन्तक आज धरती पर कोई नहीं है. लड़कियों सुनो...अगर तुम्हारे बोय्फ्रेंड्स शादी के लिए आनाकानी कर रहे हैं सीधा इलाज है, किसी भी बहने उनके साथ इस दिन पब चली जाओ...तुम्हारी शादी होने को कोई नहीं रोक सकता...न तो लड़का न उसका बाप :)
यही नहीं इनके पास दूसरा ऑफर भी है...राखी ऑफर...इससे पता चलता है की वो हम लड़कियों की कितनी फ़िक्र करते हैं...मान लो आपको कोई मनचला तंग करता है, ऑफिस या कॉलेज में कोई आप पर ज्यादा ही ध्यान देता है, और आपके साफ़ साफ़ कहने के बाद भी आपका पीछा नहीं छोड़ रहा है। आप इस नमूने को लेकर पब चले जाइए. राम सेने के रक्षक आयेंगे और आप आराम से उन्हें राखी बाँध देना. समस्या से हमेशा के लिए छुट्टी. ये राखी या मंगलसूत्र वाला ऑफर सिद्ध करता है कि भारत में अभी भी लड़कियां आजाद हैं और अपनी मर्जी से चुनाव कर सकती हैं.
देखिये मौका छूट न जाए...आज ही अपनी टिकेट बुक कराइये...जल्दी कीजिये जी, और देखिये अब तो हवाई जहाज की टिकेट भी सस्ती हो गई है...तो आप इंतज़ार किस चीज़ का कर रहे हैं? बंगलोर में एयर शो के कारण होटल जल्दी ही फुल हो जायेंगे...पर आप फ़िक्र मत कीजिये चाहे उसी शाम रिटर्न फ्लाईट से वापस जाना पड़े आइये जरूर.
राम सेने जिंदाबाद...हमारी स्वतंत्रता जिंदाबाद
हमारा रक्षक कैसा हो...राम सेने जैसा हो
आज के लिए इतना ही...बाकी तारीफ़ बाद में करेंगे :)
तो आप बंगलोर आ रहे हैं न?
Ohh ho itta acha offer hai aur hum hai ki Gf hi nahi hai koi ki offer ka labh utha sake.. :-( chaliye agle saal shayad phir se aaye yeh offer intezaar rahega :-)
ReplyDeleteबहुत अच्छे!!!
ReplyDeleteश्री राम सेना ओर आपके विचारों वाले सब भारतीय जायेंगे तो भारत की इज्जत को मिट्टी में मिलाकर ही दम लेंगे।
ये कोनसा भारत बना दिया है आप लोगों ने मिलकर, मैंने किताबों में जो पढा वो भारत तो नहीं लगता है, साला ये तो INDIA बन गया है।
बहुत अछ्चे विचार है श्री राम सेना ओर आपके।
आप दोनों को आपके उज्जवल भविष्य की हार्दिक मंगलकामनाएं।
raam sena....
ReplyDeleteachcha likha he..ladkiya aazaad pahle bhi thi bas unko chahiye thaa ek zazba..
aapki rachna us zazbe ko vayakt karti he..
meri shubhkamnaye
अरे रोहित भाई, GF नहीं है फिर भी शादी करना चाहते हैं तो किसी लड़की को पब में बैठकर एक पेग का ऑफर ही कर दिजियेगा.. फ्री का माल वो छोड़ेगी थोड़े ही ना.. :D
ReplyDeleteएक ही सवाल है, क्या आप १४ तारीख को बंगलूर जा रहे है...?
ReplyDeleteबहुत अच्छी जानकारी। आसपास के आैर मिलने वाले युवाआें को बताता हूं
ReplyDeleteकाकाजी नमस्ते...कहाँ रहते हैं आप, इंग्लैंड में? भारत के बारे में किताबों में पढ़ना पड़ रहा है आपको...मेरा भारत तो वो है जो मैंने देखा है, समझा है. कौन सी किताब पढ़ी है जी और हम भी तो जानें आपकी किताब का भारत कैसा है? जमीं पर उतरिये, अख़बार पढिये तब जानियेगा कहाँ क्या चल रहा है. और ये मेरा देश है मेरा मन करे इसे जिस दिशा में ले जाने का मैं एक पहल कर सकती हूँ...क्या आपको व्यंग्य की जरा भी पहचान है? जरा मेरा लेख फ़िर से पढिये फ़िर सोचियेगा भारत के बारे में. बिना पढ़े कुछ भी लिखने बैठ गए...टिप्पनी करने के पहले देख तो लीजिये कहाँ क्या चेप रहे हैं.
ReplyDeleteरे काका यो के चेप दीजो तेने. व्यंग्य न समझे है के?
ReplyDeleteपूजा, हमारे ऑफिस में कुछ लोग कह रहे थे कि वे भी गुट बनाकर शहर में घूमेंगे और श्री राम सेने वालों को पीटेंगे. प्रशासन क्या करता है यह देखना है. आसार तो कुछ नहीं हैं.
सही प्रतिउत्तर था पूजा..
ReplyDeleteवैसे जाने वाले तो हम भी थे, तुम्हें बताया भी था.. देखो, मेरे लिये किसी गर्ल फ्रेंड का इंतजाम करना तुम्हारी जिम्मेदारी है.. :P
वैसे दुनियावालों को बता रहे हैं कि एयर शो देखने जा रहे हैं.. ;)
हा हा ! आज इंडिया अनकट ब्लॉग पर ही ऐसी ही एक पोस्ट है: http://indiauncut.com/iublog/article/pramod-muthalik-master-satirist/ बाकी तो १४ के बाद ही पता चलेगा :-)
ReplyDelete@
ReplyDeleteगोविन्द K. प्रजापत "काका" बानसी ...
अरे भई काका तैं व्यंग नी समझदा ते चुप रह भाई. पहलम पूरी बात पढले फ़िर कुछ बोल यार.
खामखाह एक अच्छी भली बात का क्युं मजा किरकिरा करण लाग रया सै? भारत की तन्नै किम्मै ज्यादा समझ सै तो उस तरियां बात करले भाई.
रामराम.
अच्छा है पूजा जी, शादी फ्री में हो जायेगी और घर वालों का भी झंझट नही है.. वैसे आप वहां आ रही है ना....???
ReplyDeleteआपकी पोस्ट पढकर मन्नै भी विचार कर लिया था, पर ताऊ की किस्मत हर जगह धोखा दे जाती है.
ReplyDeleteदेखिये अभी २० जनव्री को मैं बंगलोर आया और २१ को दोपहर की फ़्लाईट से वापस हो लिया.
अभी आपकी पोस्ट पढी और तुरंत kingfisher airlines को बुकिंग के लिये फ़ोन किया तो जानती हैं क्या जवाब मिला?
आप सोच रही होंगी कि फ़्लाईट फ़ुल हो गई होगी? नही जी..फ़्लाईट हमारे शहर से बंगलोर ५ महिने के लिये कैन्सिल कर दी गई है. क्युंकि हमारा एयर पोर्ट ईंटरनेशनल बन रहा है सो सारी day flights कैन्सिल हो गई हैं.:)
अब मैं क्या करूं? मेरा विचार तो पक्का हो गया था वहां आने का. शायद ताई से पीछा नही छुटने वाला इस जन्म मे तो.:)
रामराम.
काश यह आफर 2002 में आया होता। चलो कोई बात नही अपने दोस्तों को तो अभी फोन करके बताता हूँ।
ReplyDeleteलेट लतीफी की भी इंतहा होती है..बहुत जोर का गुस्सा आया हुआ है. :)
ReplyDeleteबहुत अच्छी ख़बर दी है आपने . अविवाहित युवाओं को भिजवा दूंगा . यह पोस्ट पढ़कर आपके शहर में युवको की भीड़ जमा हो जायेगी और ट्रेफिक जाम हो जाएगा .......वैसे वेलेंटाइन अभी काफी दूर है ...मगर आपने समय के पहले ख़बर कर दी अच्छी बात है . बढ़िया लिखा है .वेलेंटाइन डे के दिन इसे नजारे हर शहरों में देखने मिलेंगे.
ReplyDeleteतो क्या वो लड़के भी आ सकते हैं जिनकी ढेर सारी गर्ल फ्रेंड हैं .....भाई उनका भी तो हक़ बनता है आने का ....ऐसे में श्री राम सेना वाले क्या करेंगे ....और किस किस लड़की की सुनेंगे .... :) :) :)
ReplyDeleteअरे हाँ मेरे एक भाई साहब हैं जिनका प्यार पूरे ७ साल से चल रहा है ...लड़की के घर वाले पूरी तरह सहमत नही ...क्या उन्हें भी भेजा जाये .... या तो भाई बहन बन कर वापस लौटेंगे या शादी करके ...:) :) :)
Sach much ees sale ki taiyari me bahut log jut gaye hain. Sabse jyada to hum shadi shuda dare hue hain. Kya pata kahin oon sena waalon ko mere aaju baaju me chalte hue se confusion ho gayee to bekar me lena ka dena ho jayega.
ReplyDeleteHum to soch liye hain ki oos din apane aage peechhe 5 ft tak koi ladki dekhte hi bhagna shuru karenge.
पूजा ,
ReplyDeleteये शायद तुम्हारा पहला व्यंग था. अच्छा लिखा है.मैं तुम्हारी इस काबिलेतारीफ रचना (जिसमें कुछ typos नहीं होते तो और भी अच्छा होता) से इतर कुछ कहना चाहता हूँ इस विषय पर. मेरी समझ में ये नहीं आता है कि ये राम सेना वाले हिंदू संस्कृति के रक्षक हैं या ये इस महान संस्कृति को बदनाम करना चाहते हैं. जिस तरह से बंगलौर में लड़कियों के साथ बर्ताव किया गया वो हिंदू संस्कृति में कहाँ फिट बैठता है. जिस संस्कृति में महिलाओं को इतना ऊंचा दर्जा दिया गया है उसके झंडाबदार महिलाओं के साथ जानवरों जैसा सलूक कैसे कर सकते हैं? मुझे तो लगता है कि हिंदू संस्कृति को बदनाम करने के लिए इस बार साजिशकर्ताओं ने हिन्दुओं को ही अपना हथियार बनाया है. कर्नाटक सरकार यदि समय रहते राम सेना रुपी इस मर्ज का इलाज़ नहीं करती है तो आने वाला समय उन्हें पछताने का भी मौका नहीं देगा. शराब मर्द पिए या औरत, ये तो दोनों के लिए ही ख़राब है. हाँ , भारत में औरतों की इस तरह की छवि सदियों से बनी आई है कि इस तरह कि चीजें मर्यादा के खिलाफ मानी जाती हैं परन्तु अगर उनका आचरण राष्ट्र के कायदे कानून के खिलाफ नहीं है तो ये हक़ सिर्फ़ बच्चों के माँ बाप को है कि वो जिसे बुरा समझते हैं उसे करने से उन्हें रोकें . राम सेना जैसी संस्थायों को इसका हक़ किसने दिया है. और गौरतलब ये भी है कि डंडा चलने से कहाँ कौन बदला है या सुधरा है. आप अगर सचमुच हिंदू संस्कृति के शुभचिंतक हैं तो इसके लिए जनजागरण अभियान चलायिए. बच्चों में वैसे संस्कार भरने के लिए वातावरण बनाने की कोशिश कीजिये जैसा कि आप हिंदू संस्कृति में देखना चाहते हैं. पर क्या ऐसा सम्भव है. मुझे नही लगता है. हिंदू संस्कृति में समय के साथ क्या बदलाव नहीं आया है? क्या सतयुग द्वापर से अलग नहीं था . राम और कृष्ण के समय में क्या एक समान सामाजिक मूल्य थे. राम के समय में आपने जुआ के बारे सुना है? और कृष्ण के समय में क्या जुआ एक व्यापक रूप से प्रचलित खेल नहीं बन गया था .
तो समय के साथ मूल्य बदलते है , परम्पराएँ बदलती हैं. आप कलयुग में सतयुग नहीं ला सकते. पचास साल पहले का भारत और अभी का भारत एक जैसा नहीं हो सकता . मेरा मानना है कि जबतक आदमी बगैर दूसरे आदमी को हानि पहुँचाए आत्म-उन्नति में लगा है तब तक बाकि सभी चीजें ठीक हैं क्यूंकि मैंने जो 'बगैर हानि ...' वाली शर्त लगायी है उसका दायरा बहुत विस्तृत है और इससे एक ;सर्वजन हिताय ,सर्व जन सुखाय' समाज की स्थापना में सहायक हो सकता है.
अब इतनी ग़रीबी(रूप की) में गर्लफ्रेण्ड कहाँ से लायें, समस्या तो है! लेकिन आपका जोश भरा लेख पढ़कर ही जी ख़ुश हो गया। कविता भी लिखिए इंतिज़ार है!
ReplyDeleteदेखना पड़ेगा अपनी तो एक्स्पाईरी डेट कब की नकल चुकी है,एकाध सेल मे लटकी गर्लफ़्रेंड मिल जाए तो आते हैं उधर।वैसे भी 1985 के बाद से बेंगलूरू जाना हुआ ही नही।देखे इस् सीजन की महाछूट का फ़ायदा उठा पाते हैं या नही।सटीक लिखा बधाई।
ReplyDeleteहमारी तो शादी ही १४ फरवरी को हुई थी....बंगलौर से अभी अभी लौटे भी है.....उन्ही के साथ दुबारा फेरे फिरवा सकते है?
ReplyDeleteपहले तो इस लाजवाब व्यंग्य को पढ़ा फिर नीचे टिप्पणी में कका जी कहिन....और आपका प्रत्युत्तर
ReplyDeleteह्हा हा ....मजेदार
रामसेना या इन जैसे ही अन्य उधर ---ये किस मिट्टी के बने हैं,समझ नहीं पा रहा
पिछले पाँच सालो से सकुशल वेलिंटाइन दे सकुशल मना रहे है.. सिर्फ़ 14 फ़रवरी को छोड़कर.. उस दिन हम रेस्ट कर लेते है ये सोचकर की पूरे साल जब प्यार ही किया है तो एक दिन छुट्टी ले लो.. उस दिन हम आराम करते है... ओर बाकी दिन सारी सेनाए..
ReplyDeleteअपुन टेनसॅन्वा नही लेता.. कोई भी सेना आए..
सही व्यंग्य किया है पूजा....मज़ा आया पढ़कर.
ReplyDeleteसटीक व्यंग्य !
ReplyDeleteBahut sahi tamacha in samaaj ke thekedaron ke muhn par maara hai aapne...waah.
ReplyDeleteNeeraj
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ReplyDelete@poemsnpuja
ReplyDelete@महेन
@ताऊ रामपुरिया
व्यंग्य तो मैं नहीं समझता हुं!!
लेकिन मेरी ये बात आपको जरुर समझ में आजायेगी
"जब कोई बात दुसरों पर गुजरती है, तब तक वो आपको मजाक लगती है॥"