जब ख़त्म हो जायें शब्द मेरे
तुम उँगलियों की पोरों से सुनना

जहाँ दिल धड़कता है, ठीक वहीँ
जरा बायीं तरफ
अपनी गर्म हथेली रखो
इस ठिठुरते मौसम में
दिल थरथरा रहा है
मेरे लिए एक हाफ स्वेटर बुन दो
हलके हरे रंग का
कि जैसे कच्चे कश्मीरी सेब
और जहाँ दिल होता है न
जरा बायीं तरफ
एक सूरज बुन देना
पीला, चटख, धूप के रंग का
सुनो ना,
ओ खूबसूरत, पतली, नर्म, नाज़ुक
उँगलियों वाली लड़की
जब फंदे डालना स्वेटर के लिए
तो जोड़ों में डालना
मैं भी इधर ख्वाब बुनूँगा
तुम्हारी उँगलियों से लिपटे लिपटे
मेरे लिए स्वेटर बुनते हुए
तुम गाना वो गीत जो तुम्हें पसंद हो
और कलाइयों पर लगाना
अपनी पसंद का इत्र भी
फिर कुनमुनी दोपहरों में
मेरे नाम के घर चढ़ाते जाना
हमारा प्यार भी बढ़ता रहेगा
बित्ता, डेढ़ बित्ता कर के
कि हर बार, मेरी पीठ से सटा के
देखना कि कितना बाकी है
मुझे छूना उँगलियों के पोरों से
एक दिन जब स्वेटर पूरा हो जाएगा
ये स्वेटर जो कि है जिंदगी
तुम इसके साथ ही हो जाना मेरी
और मैं तुम्हारे लिए लाया करूंगा
चूड़ियाँ, झुमके, मुस्कुराहटें और मन्नतें
और एक, बस एक वादा
छोटा सा- मैं तुम्हें हमेशा खुश रखूँगा!
तुम उँगलियों की पोरों से सुनना
जहाँ दिल धड़कता है, ठीक वहीँ
जरा बायीं तरफ
अपनी गर्म हथेली रखो
इस ठिठुरते मौसम में
दिल थरथरा रहा है
मेरे लिए एक हाफ स्वेटर बुन दो
हलके हरे रंग का
कि जैसे कच्चे कश्मीरी सेब
और जहाँ दिल होता है न
जरा बायीं तरफ
एक सूरज बुन देना
पीला, चटख, धूप के रंग का
सुनो ना,
ओ खूबसूरत, पतली, नर्म, नाज़ुक
उँगलियों वाली लड़की
जब फंदे डालना स्वेटर के लिए
तो जोड़ों में डालना
मैं भी इधर ख्वाब बुनूँगा
तुम्हारी उँगलियों से लिपटे लिपटे
मेरे लिए स्वेटर बुनते हुए
तुम गाना वो गीत जो तुम्हें पसंद हो
और कलाइयों पर लगाना
अपनी पसंद का इत्र भी
फिर कुनमुनी दोपहरों में
मेरे नाम के घर चढ़ाते जाना
हमारा प्यार भी बढ़ता रहेगा
बित्ता, डेढ़ बित्ता कर के
कि हर बार, मेरी पीठ से सटा के
देखना कि कितना बाकी है
मुझे छूना उँगलियों के पोरों से
एक दिन जब स्वेटर पूरा हो जाएगा
ये स्वेटर जो कि है जिंदगी
तुम इसके साथ ही हो जाना मेरी
और मैं तुम्हारे लिए लाया करूंगा
चूड़ियाँ, झुमके, मुस्कुराहटें और मन्नतें
और एक, बस एक वादा
छोटा सा- मैं तुम्हें हमेशा खुश रखूँगा!