तू छिपा ले अपना दर्द मुस्कान के पीछे
पर मेरी आंखों में बादल बन बरसता तो है
तू चाहे तो कर मुझसे बेईन्तहा नफरत
यूँ ही सही तू मुझे सोचता तो है
मुझसे दूर जाने की खातिर ही घर बदला होगा तूने
पर गुजरता था जहाँ से तू वो रास्ता तो है
तू अपने आसमाँ को देखता है मैं अपने आसमाँ को देखती हूँ
पर जिस चाँद को तूने देखा वो कुछ मेरा भी तो है
अपने दोस्तों से तो तू लड़ नहीं सकता
मेरे बिना तेरा गुस्सा तनहा तो है
तुम्हारी जिंदगी की किताब में धुंधला सा ही सही
पर मेरी यादों का एक पन्ना तो है
२१/२/०१
तू चाहे तो कर मुझसे बेईन्तहा नफरत
ReplyDeleteयूँ ही सही तू मुझे सोचता तो है
तुम्हारी जिंदगी की किताब में धुंधला सा ही सही
पर मेरी यादों का एक पन्ना तो है
ye paktiya bhut aachi lagi.bhut hi gahari.ati uttam. likhati rhe.
तू चाहे तो कर मुझसे बेईन्तहा नफरत
ReplyDeleteयूँ ही सही तू मुझे सोचता तो है
तुम्हारी जिंदगी की किताब में धुंधला सा ही सही
पर मेरी यादों का एक पन्ना तो हैअपने दोस्तों से तो तू लड़ नहीं सकता
मेरे बिना तेरा गुस्सा तनहा तो है
agree with rashmi....
तू छिपा ले अपना दर्द मुस्कान के पीछे
ReplyDeleteपर मेरी आंखों में बादल बन बरसता तो है
तुम्हारी जिंदगी की किताब में धुंधला सा ही सही
पर मेरी यादों का एक पन्ना तो है
कितने प्यारे जज्बात लिख दिये आपने।
bahut hi achhe ehsaas hai pooja aapne
ReplyDeleteमुझसे दूर जाने की खातिर ही घर बदला होगा तूने
ReplyDeleteपर गुजरता था जहाँ से तू वो रास्ता तो है
wowwwwwwww
wat to say, some how touched me. might be close to my feelings
goood one
तू चाहे तो कर मुझसे बेईन्तहा नफरत
ReplyDeleteयूँ ही सही तू मुझे सोचता तो है
bahut hi badhiya sher, bahut umda, thoughts kafi gehre hain. likhti rahiye
bahut khoob bahut badiya likha haa...........
ReplyDelete