बंगलौर में सर्दियाँ शुरू हो गयी हैं...यहाँ के साढ़े तीन साल में ये पहले बार है जब मौसम वाकई ठंढा सा हो रहा है. अख़बारों में भी आया है कि इस बार बंगलोर हर बार से थोड़ा ज्यादा ठंढा है. प्यार के बारे में मेरे अनगिनत थ्योरम में एक ये भी है कि 'Winter is the season to fall in love'. ठंढ का मौसम प्यार करने के लिए ही होता है.
सोचिये अच्छा सा कोहरा पड़ रहा हो, आप एकदम अच्छे से जैकेट, टोपी, दस्ताने, जींस और अच्छे वाले जूते पहन कर सड़क पर चल रहे हों...कोई गाना बज रहा हो बैकग्राउंड में...मन में या फिर हेडफोन्स में...कोई भी...जैसे कि मान लीजिये आजकल हमको ताज़ा ताज़ा कर्ट कोबेन से प्यार हुआ है तो दिन भर निर्वाणा के गाने सुनती रहती हूँ. तो मान लीजिये कि दिल्ली(हाय दिलरुबा दिल्ली, ठंढी आह भर लूँ!) की सड़कें हैं और गीत के बोल कुछ ऐसे हैं 'Come as you are' तो आपका दिल नहीं करेगा कि आपके हाथों को दस्तानों में नहीं किसी नर्म नाज़ुक लड़की के हाथों में होना चाहिए...फिर गर्म कॉफ़ी के कप के इर्द गिर्द उँगलियाँ लपेट कर आप किन्ही खाली रास्तों पर टहलते रहते...बोलते तो मुंह से भाप निकलती और ठंढ की गहरी रातों की ख़ामोशी में उसकी हंसी कुछ ऐसे खनकती कि आपको मालूम भी नहीं चलता कि आपको उससे प्यार हो रहा है...और जब तक आपको ये डर लगता कि शायद आपको उससे प्यार हो जाएगा, आपको आलरेडी प्यार हो चुका होता. फिर कभी उसे ज्यादा ठंढ लगती तो कंधे पर हाथ रखते और उसे थोड़ा अपने करीब खींच लाते...And on one of these days while sauntering on lonesome roads you could whisper 'I love you' in her ear ever so lightly that the poor girl might be totally confused...कि आपने वाकई उसे 'आई लव यू' कहा है or the wind is playing tricks with her mind.
मेरे तरफ कहते थे कि जाड़ों का वक़्त अच्छा खाना खाने का होता है...तो जाड़ों में मस्त पकोड़े खाइए, सड़क किनारे ठेले से मैगी या चाउमीन या फिर वो बांस की टोकरियों में बने मोमो खाइए...गर्म भाप उठती हो तभी फटाफट खा लेना पड़ेगा क्यूंकि ठंढी हो जाने पर इनका मज़ा नहीं आता. आपको कभी न कभी तो आइसक्रीम से प्यार हुआ होगा...न हुआ हो तो अब कर लीजिये कौन सी देर हो गयी है. जाड़ों में आइसक्रीम पिघलती भी देर से है तो लुत्फ़ उठा कर खायी जा सकती है, प्यार अगर ज्यादा उमड़ रहा हो तो बाँट के भी खायी जा सकती है...पर प्लीज किसी लड़की से उसके हिस्से की आइसक्रीम मत मांगिएगा...हम लड़कियां शेयर करने में थोड़ी कंजूस होती हैं. हाँ जिंदगी में कुछ नए रंग ट्राय करने हैं तो बर्फ का गोला खाइए...काला खट्टा गोला. थोड़ा खट्टा, थोड़ा मीठा रस में डूबा हुआ...प्यार की तरह. प्यार उस सफ़ेद बर्फ के चूरे की तरह होता है, उसे थोड़ी थोड़ी देर में जिंदगी के रंग बिरंगे अनुभवों में डुबाना पड़ता है...तब ही साथ रहना जादू सा होता है.
ओह प्यार! मैं कितना भी लिख लूँ, मेरे पास लिखने को चीज़ें कभी ख़त्म नहीं होतीं...मेरे अन्दर के कवि को हमेशा किसी न किसी से प्यार हुआ रहता है...आप प्यार में होते हो तो खुश होते हो. कभी कर्ट से प्यार हो गया तो दिन भर उसके गाने सुन रही हूँ...उसकी आँखों में देख रही हूँ और बेतरह उदास हो रही हूँ कि वो इस दुनिया में नहीं है वरना एक बेहद खूबसूरत चिट्ठी उसके नाम भी लिखती...डूब के...कभी किसी पेंटर के रंगों पर मर मिटे कि कैनवास में जिंदगी नज़र आने लगी. वैन गोग के बारे में कहते हैं कि वो ऐसे पेंट करते थे जैसी चीज़ें उन्हें दिखती थीं...अपने समय में वो भी गरीब रहे, उदास रहे और जीते जी सफलता नहीं देखी. मॉने की पेंटिंग के धुंधले रंग जाड़ों की सुबहें जैसी लगेंगी. दुनिया में कितना कुछ है प्यार हो जाने को.
मुझे जब भी कुछ नया मिलता है तो एक बार प्यार हो जाता है...कभी कवि से, कभी चित्रकार से, कभी गिटार से...किसी की आँखों से, कभी रूह में घुलती आवाज़ से...फिर ' La vie en rose' या कि दुनिया गुलाबी चश्मे से दिखती है...खूबसूरत, बेइन्तहा. दिल टूटता भी है...सब बिखरने सा बिखर जाता है पर फिर कलम टाँके लगा देती है और मैं फिर प्यार करने, टूटने और फिर प्यार में गिरने को तैयार हो जाती हूँ.
A poet is continually in love.
नवम्बर आखिरी चल रहा है...आज सोच रही हूँ लम्बी ड्राइव पर जाऊं, मैसूर रोड पर वाले कॉफ़ी डे में गरम कॉफ़ी...ब्राउनी विद चोकलेट सौस...रात को डिनर में कुछ अच्छा खाना बनाऊं...और फाइनली रॉकस्टार देख लूँ.
मेरी जिंदगी के खास लोगों के लिए ये फुटनोट...बस मुझे याद रहे इसलिए...प्यारे आकाश को उसके जन्मदिन पर मेरा ढेर सारा आशीर्वाद...और ढेर सी खुशियों की दुआएं...तुम मेरे सबसे सबसे फेवरिट हो.
And a shout out to Anupam Giri...You are superawesome...THANKS A TON Sir!!!
La vie, Je t'aime!
सोचिये अच्छा सा कोहरा पड़ रहा हो, आप एकदम अच्छे से जैकेट, टोपी, दस्ताने, जींस और अच्छे वाले जूते पहन कर सड़क पर चल रहे हों...कोई गाना बज रहा हो बैकग्राउंड में...मन में या फिर हेडफोन्स में...कोई भी...जैसे कि मान लीजिये आजकल हमको ताज़ा ताज़ा कर्ट कोबेन से प्यार हुआ है तो दिन भर निर्वाणा के गाने सुनती रहती हूँ. तो मान लीजिये कि दिल्ली(हाय दिलरुबा दिल्ली, ठंढी आह भर लूँ!) की सड़कें हैं और गीत के बोल कुछ ऐसे हैं 'Come as you are' तो आपका दिल नहीं करेगा कि आपके हाथों को दस्तानों में नहीं किसी नर्म नाज़ुक लड़की के हाथों में होना चाहिए...फिर गर्म कॉफ़ी के कप के इर्द गिर्द उँगलियाँ लपेट कर आप किन्ही खाली रास्तों पर टहलते रहते...बोलते तो मुंह से भाप निकलती और ठंढ की गहरी रातों की ख़ामोशी में उसकी हंसी कुछ ऐसे खनकती कि आपको मालूम भी नहीं चलता कि आपको उससे प्यार हो रहा है...और जब तक आपको ये डर लगता कि शायद आपको उससे प्यार हो जाएगा, आपको आलरेडी प्यार हो चुका होता. फिर कभी उसे ज्यादा ठंढ लगती तो कंधे पर हाथ रखते और उसे थोड़ा अपने करीब खींच लाते...And on one of these days while sauntering on lonesome roads you could whisper 'I love you' in her ear ever so lightly that the poor girl might be totally confused...कि आपने वाकई उसे 'आई लव यू' कहा है or the wind is playing tricks with her mind.
मेरे तरफ कहते थे कि जाड़ों का वक़्त अच्छा खाना खाने का होता है...तो जाड़ों में मस्त पकोड़े खाइए, सड़क किनारे ठेले से मैगी या चाउमीन या फिर वो बांस की टोकरियों में बने मोमो खाइए...गर्म भाप उठती हो तभी फटाफट खा लेना पड़ेगा क्यूंकि ठंढी हो जाने पर इनका मज़ा नहीं आता. आपको कभी न कभी तो आइसक्रीम से प्यार हुआ होगा...न हुआ हो तो अब कर लीजिये कौन सी देर हो गयी है. जाड़ों में आइसक्रीम पिघलती भी देर से है तो लुत्फ़ उठा कर खायी जा सकती है, प्यार अगर ज्यादा उमड़ रहा हो तो बाँट के भी खायी जा सकती है...पर प्लीज किसी लड़की से उसके हिस्से की आइसक्रीम मत मांगिएगा...हम लड़कियां शेयर करने में थोड़ी कंजूस होती हैं. हाँ जिंदगी में कुछ नए रंग ट्राय करने हैं तो बर्फ का गोला खाइए...काला खट्टा गोला. थोड़ा खट्टा, थोड़ा मीठा रस में डूबा हुआ...प्यार की तरह. प्यार उस सफ़ेद बर्फ के चूरे की तरह होता है, उसे थोड़ी थोड़ी देर में जिंदगी के रंग बिरंगे अनुभवों में डुबाना पड़ता है...तब ही साथ रहना जादू सा होता है.
ओह प्यार! मैं कितना भी लिख लूँ, मेरे पास लिखने को चीज़ें कभी ख़त्म नहीं होतीं...मेरे अन्दर के कवि को हमेशा किसी न किसी से प्यार हुआ रहता है...आप प्यार में होते हो तो खुश होते हो. कभी कर्ट से प्यार हो गया तो दिन भर उसके गाने सुन रही हूँ...उसकी आँखों में देख रही हूँ और बेतरह उदास हो रही हूँ कि वो इस दुनिया में नहीं है वरना एक बेहद खूबसूरत चिट्ठी उसके नाम भी लिखती...डूब के...कभी किसी पेंटर के रंगों पर मर मिटे कि कैनवास में जिंदगी नज़र आने लगी. वैन गोग के बारे में कहते हैं कि वो ऐसे पेंट करते थे जैसी चीज़ें उन्हें दिखती थीं...अपने समय में वो भी गरीब रहे, उदास रहे और जीते जी सफलता नहीं देखी. मॉने की पेंटिंग के धुंधले रंग जाड़ों की सुबहें जैसी लगेंगी. दुनिया में कितना कुछ है प्यार हो जाने को.
मुझे जब भी कुछ नया मिलता है तो एक बार प्यार हो जाता है...कभी कवि से, कभी चित्रकार से, कभी गिटार से...किसी की आँखों से, कभी रूह में घुलती आवाज़ से...फिर ' La vie en rose' या कि दुनिया गुलाबी चश्मे से दिखती है...खूबसूरत, बेइन्तहा. दिल टूटता भी है...सब बिखरने सा बिखर जाता है पर फिर कलम टाँके लगा देती है और मैं फिर प्यार करने, टूटने और फिर प्यार में गिरने को तैयार हो जाती हूँ.
A poet is continually in love.
नवम्बर आखिरी चल रहा है...आज सोच रही हूँ लम्बी ड्राइव पर जाऊं, मैसूर रोड पर वाले कॉफ़ी डे में गरम कॉफ़ी...ब्राउनी विद चोकलेट सौस...रात को डिनर में कुछ अच्छा खाना बनाऊं...और फाइनली रॉकस्टार देख लूँ.
मेरी जिंदगी के खास लोगों के लिए ये फुटनोट...बस मुझे याद रहे इसलिए...प्यारे आकाश को उसके जन्मदिन पर मेरा ढेर सारा आशीर्वाद...और ढेर सी खुशियों की दुआएं...तुम मेरे सबसे सबसे फेवरिट हो.
And a shout out to Anupam Giri...You are superawesome...THANKS A TON Sir!!!
La vie, Je t'aime!