27 November, 2008

शोक, क्षोभ, क्रोध

वो आयें

अपनी योजना बनाएं

और जहाँ मन करे विस्फोट कर दें

लोगों को बंधक बना लें

मांग करें आतंकवादियों को रिहा करने की

घंटों फायरिंग करें, ग्रेनेड फेकें

हमारे एक एक करके जवान शहीद हों

और मीडिया फ़िर से चीख चीख कर कहे

ये भारत पर अटैक है

और हमारे जवानों की सारी स्ट्रैटेजी टीवी पर दिखा दे

ताकि उन्हें मालूम होता रहे की जवाबी हमला कैसे होने वाला है

कहें की मुंबई रूकती नहीं, डरती नहीं

मगर क्या उपाय है...घर में बंद हो जाएँ

चूल्हा कैसे जलेगा

मैं दिन भर बस परेशान रह सकती हूँ

प्रार्थना कर सकती हूँ

इश्वर सबकी रक्षा करे

क्योंकि अब अपने ही देश में हम सुरक्षित नहीं
मैं न आर्मी में हूँ, न पुलिस में

ऐसी परिस्थिति में मैं कुछ नहीं कर सकती

कोई उपाय नहीं समझ आता इनसे मुकाबला करने का

खून खौल उठता है

ऐसा कुछ नहीं है जो मैं कर सकूँ

तो मैं क्या बस कविता लिखूँ?

12 comments:

  1. दो ही रास्ते हैं -

    १. शोक करते रहो और मरते रहो
    २. विद्रोह करो और जिंदा रहो

    च्वाइस आपकी?

    राजा अगर नपुंसक हो तो उसकी प्रजा का यही हश्र होता है, प्रजा को अगर जिंदा रहना है तो उसे ऐसे नपुंसक राजा और उसकी नपुंसक सेना दोनों के खिलाफ विद्रोह कर उन्हें गद्दी से हटा देना चाहिये।

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  2. बेहद निन्दनीय कृत्य. अति दुखद. मन व्यथित है.

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  3. स्तब्ध हूँ शोकाकुल और दुखी हूँ ..

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  4. क्या करें? कल रात से सोया नहीं... टीवी चला जा रहा है... कल से ही लग रहा है अगले २ घंटे में ख़त्म हो जायेगा. मन दुखी है.

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  5. संकट के इन पलों में एकजुटता ही सबसे बड़ा संबल है

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  6. बेहद दुखद और दर्दनाक ! सभी व्यथित हैं !

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  7. मैंने मरने के लिए रिश्वत ली है ,मरने के लिए घूस ली है ????
    ๑۩۞۩๑वन्दना
    शब्दों की๑۩۞۩๑

    आप पढना और ये बात लोगो तक पहुंचानी जरुरी है ,,,,,
    उन सैनिकों के साहस के लिए बलिदान और समर्पण के लिए देश की हमारी रक्षा के लिए जो बिना किसी स्वार्थ से बिना मतलब के हमारे लिए जान तक दे देते हैं
    अक्षय-मन

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  8. बेहद दुखद और कायरतापुर्ण घट्ना!देश के लिये एकजुट और जागरुक होना होगा!

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  9. आज शब्द मौन हैं और अभिव्यक्ति कुंठित !

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  10. और हमारे जवानों की सारी स्ट्रैटेजी टीवी पर दिखा दे

    ताकि उन्हें मालूम होता रहे की जवाबी हमला कैसे होने वाला है

    ... आपके विचारों व अभिव्यक्ति से सहमती है, संवेदनशील रचना है।

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  11. bilkul sahi kaha aur yeh media wale to TRP ke liye sab live dikha rahe hai sale

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  12. आपने कभी सोचा है की अमेरिका पे दुबारा हमला करने की हिम्मत क्यों नही हुई इनकी ?अगर सिर्फ़ वही करे जो कल मनमोहन सिंह ने अपने भाषण में कहा है तो काफ़ी है.....अगर करे तो....
    फेडरल एजेंसी जिसका काम सिर्फ़ आतंकवादी गतिविधियों को देखना ....टेक्निकली सक्षम लोगो को साथ लाना .रक्षा विशेषग से जुड़े महतवपूर्ण व्यक्तियों को इकठा करना ....ओर उन्हें जिम्मेदारी बांटना ....सिर्फ़ प्रधान मंत्री को रिपोर्ट करना ,उनके काम में कोई अड़चन न डाले कोई नेता ,कोई दल .......
    कानून में बदलाव ओर सख्ती की जरुरत .....
    किसी नेता ,दल या कोई धार्मिक संघठन अगर कही किसी रूप में आतंकवादियों के समर्थन में कोई ब्यान जारीकर्ता है या गतिविधियों में सलंगन पाया जाए उसे फ़ौरन निरस्त करा जाए ,उस राजनैतिक पार्टी को चुनाव लड़ने से रोक दिया जाए .उनके साथ देश के दुश्मनों सा बर्ताव किया जाये .......इस वाट हम देशवासियों को संयम एकजुटता ओर अपने गुस्से को बरक्ररार रखना है .इस घटना को भूलना नही है....ताकि आम जनता एकजुट होकर देश के दुश्मनों को सबक सिखाये ओर शासन में बैठे लोगो को भी जिम्मेदारी याद दिलाये ....उम्मीद करता हूँ की अब सब नपुंसक नेता अपने दडबो से बाहर निकल कर अपनी जबान बंद रखेगे ....इस हमले को याद रखियेगा ......ये हमारे देश पर हमला है !

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