क्या कहूँ...आज के दिन का वाकई कुछ याद नहीं है...सिवाए इसके कि जितनी तुमने बाँहें खोली थीं उनमें पूरा आसमान आ जाता...
रिश्ते पर जाती हूँ तो बस इतना है कि मैं बहुत खुश थी...और तुम भी. बस.
बहुत देर से कोरा पन्ना खुला हुआ है...जानती हूँ कि कुछ नहीं लिख सकूंगी...कुछ भी नहीं...तुम्हें इतने सालों बाद देखना...तुम्हें छूना...तुम्हारे गले लगना...
बस...आने वाले कई सालों के लिए इसे यहाँ सहेज के रख रही हूँ...कि आज इक्कीस जनवरी २०१२ की रात मेरे चेहरे पर एक मुस्कान थी...तुम्हारे कारण...दिल में धूप उतरी थी...सब कुछ अच्छा था...कहीं कोई दर्द नहीं था...एक लम्हा...सुकून था.
La vie, Je t'aime!
Life, I love you!
जिंदगी...मुझे तुझसे मुहब्बत है!