रोज़ अलविदा के पोस्ट इट्स
चिपकाने वाली लड़की
मुझे भी मालूम है
तुम्हारे आखिरी दिन
तुम भूल जाओगी कहना
विदा
---
तुमने जो बनवा रखे हैं
ज़ख्मों के टैटू
उनमें मेरा नाम नहीं है
---
तुम लिखती हो सबसे ज्यादा ख़राब
जब तुम गहरे प्यार में होती हो
(हैप्पीनेस डज़ नॉट सूट द राईटर इन यू
बीइंग इन लव सफोकेट्स हर)
या तो ऐसे प्यार न करो...या लिखो मत
ईमानदारी से एक दुखती बात कहूँ
तुम्हारे महबूब की बातों में
किसी की दिलचस्पी नहीं है
तुम्हारे सिवा
---
तुम में ऐसा कुछ भी नहीं है
जिसे सहेजने की जरूरत आन पड़े
तुम एकदम साधारण लड़की हो
भीड़ में गुम कोई भी
तुम्हारे चेहरे पर जो ओज है न
वो इश्क का है
तुम्हारा नहीं
---
सुनो लड़की
मुझे कभी तुमसे प्यार नहीं होगा
जितनी जल्दी तुम्हें ये बात समझ आ जाए
बेहतर है
---
तुम्हारा एकतरफा प्यार
निकृष्ट और छिछला है
इसमें कुछ नहीं है
जो मुझे बांध सके
स्टॉप एम्बरासिंग मी
डोंट क्राय
---
जब कहता हूँ
आई हेट स्मोकर्स
तो मेरा निशाना होती हो
सिर्फ तुम
---
काश! उसने कही होतीं
ऐसी बातें
मेरा दिल तोड़ते हुए
उसे भूलना आसान होता
उफ्फ्फ उसे तो ठीक से
दिल तोड़ना भी नहीं आता
मैं अपनी सोच में भी नहीं कह सकती उसे
आई हेट यू
गेट लौस्ट
---
या खुदा
मैं नहीं चाहती
कि वो थोड़ी सी देर रुक जाए
मेरी आखिरी साँसों भर
कि वो रोये
मेरी लाश को बांहों में भर कर
मुझे लौटा लाना चाहे
कुछ इतना ऐम्बिशीयस नहीं
बस इतना
कि वो जाते हुए
देख ले मुड़ के
एक बार
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चिपकाने वाली लड़की
मुझे भी मालूम है
तुम्हारे आखिरी दिन
तुम भूल जाओगी कहना
विदा
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तुमने जो बनवा रखे हैं
ज़ख्मों के टैटू
उनमें मेरा नाम नहीं है
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तुम लिखती हो सबसे ज्यादा ख़राब
जब तुम गहरे प्यार में होती हो
(हैप्पीनेस डज़ नॉट सूट द राईटर इन यू
बीइंग इन लव सफोकेट्स हर)
या तो ऐसे प्यार न करो...या लिखो मत
ईमानदारी से एक दुखती बात कहूँ
तुम्हारे महबूब की बातों में
किसी की दिलचस्पी नहीं है
तुम्हारे सिवा
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तुम में ऐसा कुछ भी नहीं है
जिसे सहेजने की जरूरत आन पड़े
तुम एकदम साधारण लड़की हो
भीड़ में गुम कोई भी
तुम्हारे चेहरे पर जो ओज है न
वो इश्क का है
तुम्हारा नहीं
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सुनो लड़की
मुझे कभी तुमसे प्यार नहीं होगा
जितनी जल्दी तुम्हें ये बात समझ आ जाए
बेहतर है
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तुम्हारा एकतरफा प्यार
निकृष्ट और छिछला है
इसमें कुछ नहीं है
जो मुझे बांध सके
स्टॉप एम्बरासिंग मी
डोंट क्राय
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जब कहता हूँ
आई हेट स्मोकर्स
तो मेरा निशाना होती हो
सिर्फ तुम
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काश! उसने कही होतीं
ऐसी बातें
मेरा दिल तोड़ते हुए
उसे भूलना आसान होता
उफ्फ्फ उसे तो ठीक से
दिल तोड़ना भी नहीं आता
मैं अपनी सोच में भी नहीं कह सकती उसे
आई हेट यू
गेट लौस्ट
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या खुदा
मैं नहीं चाहती
कि वो थोड़ी सी देर रुक जाए
मेरी आखिरी साँसों भर
कि वो रोये
मेरी लाश को बांहों में भर कर
मुझे लौटा लाना चाहे
कुछ इतना ऐम्बिशीयस नहीं
बस इतना
कि वो जाते हुए
देख ले मुड़ के
एक बार
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प्रेम का मार्मिक चित्रण
ReplyDeleteप्रेम की अनचीन्ही राहें...हर बार नयी...मेरे लिये..
ReplyDeleteसाधारण ही तो होता है असाधारण...
ReplyDeleteउत्कृष्ट... उज्जवल... प्रेम की किरणों सा अनमोल!
उफ़ क्या चाहत है
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