15 February, 2012

आइस क्यूब्स


ये झूठ है कि
किसी से बिछड़ता है कोई
हम बस, मर जाते हैं.
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एयरटेल कहता है
हमारी दुनिया में आप कभी अपनों से कभी जुदा नहीं होते
ऐसा वादा खुदा क्यूँ नहीं करता कभी?
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कहीं से आती कोई हवाएं
नहीं बता पाती हैं
कि तुम्हारे काँधे से कैसी खुशबू आती है?
---
किसी भी पहर
तुम्हारी आवाज़ नहीं भर सकती है 
मुझे अपनी बांहों में! 
---
मैं वाकई नहीं सोचती 
लिप बाम लगाते हुए
कि तुम्हारे होटों का स्वाद कैसा है! 
---
मेरी सिगरेट से
नहीं है तुम्हारा कोई भी रिश्ता
सिवाए ब्रांड सेम होने के... 
---
मुझे कभी मत बताना
कितनी आइस क्यूब डालते हो
तुम अपनी विस्की में.
---
कच्ची डाली से
मत तोड़ा करो मेरी नींदें
इनपर ख्वाब का फूल नहीं खिलता फिर.   
---
बातों का कैसे ऐतबार कर लूं
तुम न कहते हो मुझसे झूठ झूठ 
'आई लव यू'.
---
सच कहती हैं सिर्फ उँगलियाँ
जो तुम्हारा फ़ोन कॉल पिक करते हुए
तुम्हें छूना चाहती हैं... 
---
काश! कह देने भर से
तुम वाकई हो जाते मेरे 
एक शहर तुम्हें मुझसे कभी मिलने न देगा. 
---
मेरी उम्र फिर से हो गयी है अठारह की
तुम भी इक्कीस के हो ही गए होगे
चलो, कहीं भाग चलते हैं!

22 comments:

  1. Aha... Khayalon ki whisky mein lafzon ki ice cubes. Mujhe kuchh der doobe rahne dijiye khumari mein.. :-)

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  2. chalo bhaag chlte hae....wah....

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  3. छोटे -छोटे ... आइस क़ुब्स अछे लग रहे है ... आपके ब्लॉग पर पहली बार आया ... मेरे ब्लॉग पर भी पधारे

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  4. चिर युवा पंक्तियाँ..
    भाग जाओ पूरब की ओर...पश्चिम का भरोसा नहीं..

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  5. मेरी उम्र फिर से हो गयी है अठारह की
    तुम भी इक्कीस के हो ही गए होगे
    चलो, कहीं भाग चलते हैं!
    :)

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  6. खुमारीमें में डूबें हैं सारे क्यूब्स ...आइस के हैं या शुगर के कहना मुश्किल है ...

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  7. बहुत सुन्दर. हमें भी कहीं भाग चलने का मन कर रहा है जहाँ मुझसे कोई कहे 'आई लव यू'. झूठा ही सही.

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  8. मन बहलाने को गालिब ख्याल अच्छा है :))))))

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  9. पल भर के लिए कोई हमे प्यार करले..झूठा ही सही...:)

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  10. एक शहर तुम्हें मुझसे कभी मिलने न देगा. ..............पूरा सच

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  11. आपकी किसी नयी -पुरानी पोस्ट की हल चल बृहस्पतिवार 16-02-2012 को यहाँ भी है

    ...नयी पुरानी हलचल में आज...हम भी गुजरे जमाने हुये .

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  12. मेरी उम्र फिर से हो गयी है अठारह की
    तुम भी इक्कीस के हो ही गए होगे
    चलो, कहीं भाग चलते हैं!


    शाश्वत प्रेम....बधाई

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  13. कच्ची डाली से
    मत तोड़ा करो मेरी नींदें
    इनपर ख्वाब का फूल नहीं खिलता फिर.

    too good ......

    पहली बार आई हूँ आपके ब्लॉग पर. आपकी खूबसूरत, भावों से सराबोर रचना पढ़ कर बहुत अच्छा लगा. और अभी तक न आ पाने पर अफ़सोस भी हुआ.
    सदर
    मंजु

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  14. I LIKE & LOVE,लहरें हों समन्दर के या हों आइस-क्यूब्स.... आपकी रचना उसी की अहसास करती हुई.... :)

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  15. कहीं से आती कोई हवाएं
    नहीं बता पाती हैं
    कि तुम्हारे काँधे से कैसी खुशबू आती है?
    *****
    सच कहती हैं सिर्फ उँगलियाँ
    जो तुम्हारा फ़ोन कॉल पिक करते हुए
    तुम्हें छूना चाहती हैं...

    बहुत ही सुन्दर रचनाएं.... आइस क्यूब की ठंडक है हरेक में....
    बहुत ही आनंद आया इन रचनाओं को पढ़ कर ..

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  16. khubsurat
    aur ha aapka facebook pata, pata karna chahite hai..............bata digiyega jara

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  17. khubsurat
    aur ha aapka facebook pata, pata karna chahite hai..............bata digiyega jara

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  18. नए बिम्बों के साथ गहन भाव ....तुम कमाल कर रही हो पूजा !

    लगता है आने वाले समय में साहित्य का एक युग पूजा के नाम से जाना जाएगा :))

    तुम्हें मेरा बहुत-बहुत आशीर्वाद !

    थोड़े और पुराने संस्करण में आशीर्वाद दूं तो...."दूधों नहाओ ..पूतों फलो बिटिया ! " :))))

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