24 June, 2011

अधूरा सा 'बाय' अटका पड़ा है

'चलो रखती हूँ...गुडनाईट'
'गुडनाईट '

'ओके बाय'
'बा...'
बीप बीप...उधर से फोन कट चुका था...

'बाय' बिचारा बीच में अटका हुआ सोच रहा था किधर जाए...उसे ऐसे बीच में अटके हुए रहने की आदत थी नहीं.

लड़का अलग भौंचक्का सा खड़ा रह गया...कि ये क्या हो गया...उसे मेरे लिए आधा सेकण्ड टाइम नहीं है...अक्सर उसके बाय बहुत लम्बे हुआ करते थे...जैसे की कोई फ़्लाइंग किस भेज रही हो...उसका बा....से शरू होकर ...य तक आना किसी गीत के आलाप सा लगता था. खुशमिजाज़ और जीवंत...अल्हड़ और जोशीला. 

किसी भागते दौड़ते शहर में मोबाईल किसी जादू से कम है...जहाँ लोगों के पास किसी को भूलने की फुर्सत नहीं है...हर शाम ठीक आठ बजे उसका कॉल इतना नियमित था जैसे दिल की दो धड़कनों के बीच का अन्तराल... जैसे ठीक सवा ग्यारह बजे के बाद मेट्रो का न आना...जैसे कि हर शाम का बेहूदा यकीन की सारी जेबें खंगाल कर गोल्डफ्लेक के लिए ढाई रुपये ही निकलेंगे.

मेट्रो स्टेशन के बाकी पांच मिनट बेहद लम्बे खिंच गए...हालाँकि घड़ी बता रही थी कि मेट्रो ठीक ग्यारह बज कर बारह मिनट पर आई थी उसे लगा कि मेट्रो आज लेट आई...पूरे आधे सेकण्ड लेट. उसे लेट से आने वाली चीज़ें पसंद थी...पर आज उसे बेहद झुंझलाहट हुयी. दरवाज़े बंद हुए...झटके से मेट्रो चली और वह अपना अधूरा सा बाय लेकर सीट पर बैठा. अचानक से उसे तेज प्यास सी महसूस हुयी...हलक में अटका बाय उसका दम घोंटने लगा. आजकल जब वह फोन करती है तो अक्सर हेल्लो या कुछ और नहीं...उसकी बातें शुरू होती हैं...'हाँ' से. जैसे कि वो एक सदियों से ना पूछा गया सवाल है...और वो बाय के त्रिशंकु की तरह अटका हुआ जवाब. 

उसने अक्सर नोट किया है कि वो अपने ख़त में 'सुनो' बहुत बार कहती है...जैसे कि लिख कर उसका दिल नहीं भरता हो...कि जैसे वो सारे ख़त उसे बोल कर सुनाना चाहती है. रात की आखिरी मेट्रो एकदम खाली होती है और उसमें आवाज़ बहुत गूंजती है...वो शाम की बातों के टुकड़े उछालता रहता है और लौट कर आती आवाजें उसके बालों में उँगलियाँ फिरा जाती हैं...मेट्रो में सिगरेट पीना मना है और चूँकि एक ही सिगरेट है वो पैदल चलने के एकांत के लिए रखना चाहता है. पर हाथ बार बार पॉकेट में चला जाता है...

एक सिगरेट है...मोबाईल...और अटका हुआ 'बाय'.

19 comments:

  1. बहुत सुंदर गद्य!

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  2. एक अधूरा बाय कभी कभी रिश्ते ख़त्म कर देता है...:-/

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  3. अटका हुआ बाय बहुत खटकता रहता है।

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  4. अधूरेपन की मुकम्‍मल दास्‍तान.

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  5. hmm... accha hai....parlag raha hai aapke paas bhi samay kam saa tha... varnaa aapki post yun jaldi se khatmho jaaye...bina dher saare pehlon ko chue....aisa kahan hota hai..... :) par acchi hai....

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  6. This comment has been removed by the author.

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  7. नहीं नहीं ऐसा नहीं हुआ था। हुआ ऐसा था कि उससे पहले कई मेट्रो यूं ही जाने दिया गया था। स्टेशन पर होते हुए भी और फोन पर बात करते हुए भी कुछ गाडि़यां छोड़ वो खाली प्लेटफार्म हो गया था। उसे लगा अब मेेट्रो अंडरग्राउंड हो जाएगी तो वो फिर से खाली प्लेटफार्म हो जाएगा। होगा वो बस वही एक इन द मूड फाॅर लव की याद दिलाता बड़ी सी घड़ी जिसमें ग्यारह बज कर लगभग दो मिनट हो रहे होंगे। दिन भर का थकान तारी होगा। पी जा चुकी सिगरेट का धुंआ गायेठे के गंध में बदल कर पूरे बदन में घुल रहा होगा। कल के लिए मन में कोई प्रोग्राम नहीं होगा। निदा की नज्म होगी इतनी पी जाओ कि कुछ होश न रहे। कुछ मत सोचो और थक कर सो जाओ।

    .... पर गले में सिर्फ बाय अटका थोड़े ना अटका होगा।


    (दो बरस पहले का एक अपना ख्याल, आज तुमने लिखा तो इसमें जोड़ना हुआ)

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  8. बहुत सुन्दर लिखा है तुमने, पढ़ कर सचमुच बहुत सुकून मिला.

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  9. मुई सिगरेट.. रिश्तो के बीच में अक्सर अपनी जगह बनाये रखती है ...ऐसा क्यों ?....
    ये लटका हुआ" बाय " बड़ा पसंद आया .

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  10. आपकी खूबसूरत रचना की हलचल और आपकी पुरानी नयी यादें यहाँ भी हैं .......कल ज़रा गौर फरमाइए
    नयी-पुरानी हलचल
    http://nayi-purani-halchal.blogspot.com/

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  11. आज समझ में आया ...ये वाही अधूरा "बाय" था जो मेरे अंदर एको कर रहा था...मेरे खुद की मुझे ही जानकारी देने के लिए पूजा जी आपका बहुत बहुत शुक्रिया...रचना जीवंत हो उठी है...

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  12. hi, jaisa ki maine kaha tha ki mai aapki likhi kahanio ko khoj-2 kar padh raha hun...kal maine "woh cigrate", "neele paon wali ladki" aur abhi hajaaron khwahishe padhi. bahut achchi aur aapka filmo me intrest jaankar achcha laga, kyonki kabhie mai bhi chahta tha ki mai koi film banao...... bilkul diffrent sa........ per sapne aksar sapne hi rah jate hai.

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  13. उस अधूरे बाय के दुसरे छोर पर खड़े शख्स को पता भी नहीं होगा ..के उसका ये बाय किसी की साँसों में अटक गया है और वो बाय अब सिगरेट के धुंए साथ निकलेगा

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  14. ik adhuraa 'bye'
    ik adhoori daastaaN ko
    qreeb, poora hi keh gayaa ...

    nice write !

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  15. bahut dino bad blog par koi post pura pada....maja aa gaya...adbhut...

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