जानां |
D-gang |
ब्लोगर भी कमबख्त अजीब होता है...एक ही पोस्ट को दो बार छाप दिया...इसके अलावा मेरे जन्मदिन में कोई दिक्कत नहीं आई. पहले तो सबकी शुभकामनाओं के लिए ढेर सारा शुक्रिया...
१० की रात हमने पिज्जा खाया...घर पर कुणाल के दोस्त, मेरे दोस्त सब आये थे...रात ३ बजे तक हमारी पार्टी चली...गप्पें, गप्पें और ढेर सारी गप्पें...कौन कहता है की लड़के चुप रहते हैं...बीच बीच में सॉफ्टवेर इन्फर्माशन ओवर लोड हो जाता था तो चिल्लाना पड़ता था...अब बंगलौर में रहने का ये पंगा तो है...जितने लोग आयेंगे उसमें ९०% सॉफ्टवेर वाले...उसमें सब अपना अपना शुरू कर देंगे...तो मोनिटर(न न डेस्कटॉप वाला नहीं...क्लास वाला) करना पड़ता था...उसपर कमबख्त ब्लैकबेरी सारे मेल पहुंचा देता है...बस सब अपना मेल देखना शुरू...धमकी देनी पड़ती थी की बाल्टी में डाल देंगे(तुमको नहीं ब्लैकबेरी को) तब जा के बंद होता था...
इस बार बहुत सारे अच्छे गिफ्ट्स भी मिले...और मेरा जो ये अच्छा सा सुइट देख रहे हैं न..सिल्क का है...कश्मीरी कढ़ाई वाला...कब से खरीद कर रखा था...खास मौके के लिए :) अगले दिन यही १० को सबको रात के खाने पर बुलाया था...पर X-men की The Class रिजीज हो गयी थी और दोपहर ढाई बजे का शो था...मन ललच गया...फिल्म देखने चले गए...आपको फुर्सत मिले आप भी देख डालिए...हमें बेहद पसंद आई. वापस आते लगभग साढ़े छह सात बज गए...अब मुसीबत आई...घर पर लगभग १० लोग आ रहे थे...और इतने लोगों का खाना बनाने का रिकोर्ड कुणाल के हिसाब से काफी ख़राब दिख रहा था...टेंशन के मारे हालत ख़राब. करें तो क्या करें...फिर सोचा की घर में फिर कभी डिनर कर लेंगे...चूँकि बर्थडे है तो बहार खा लेते हैं. यहाँ एक बड़ा अच्छा सा रेस्तौरांत है...लाजवाब...कुछ दो साल हुए होंगे उसे खुले हुए, तब से हम उसके एकदम रेगुलर कस्टमर हैं...हफ्ते दो हफ्ते में एक दिन तो चले ही जाते हैं. असल में बंगलोर में पहली बार कहीं अच्छा नोर्थ इंडियन खाना मिला था.
A different pose |
कुणाल का कलिग है मोहित...कलिग क्या घर का मेंबर ही है...तो मोहित को रेस्तौरांत में सब सेटिंग करने का जिम्मा दिया गया(मुझे बाद में पता चला) ठीक पहुँचने के पहले हम थोडा टेंशन में आ गए की जगह मिलेगी की नहीं...तब मुझे पता चला कि कुणाल ने सब करवा रखा है. टेबल लगी हुयी थी...और फटाफट केक आया...पाईनएप्पल फ्लेवर...मेरा फेवरिट :) और फिर वहां पर हैप्पी बर्थडे वाला गाना बजा...हमको बहुत अच्छा लगा...बचपन में ऐसे मानता था बर्थडे. और खाना इतना अच्छा था कि महसूस हो रहा था कि खास प्यार से बनाया गया है. बारह के लगभग खा पी के हम चले सबको सबके घर पर डिपोजिट करते हुए, घूम घाम पर वापस घर.
और सबसे awesome था शनिवार...कुणाल ने खुद से मेरे लिए डिनर बनाया :) और इतना अच्छा बनाया कि बस प्लेट को खा जाने कि नौबत आने वाली थी.
ये वाला वीकेंड अभी तक के कुछ बेस्ट वीकेंड्स में था...बहुत से दोस्त, अच्छा खाना...अच्छा पीना...और अनगिनत गप्पें अनगिन कार ड्राइव्स. लगभग सभी दोस्तों का फोन आया...या फिर मेसेज या फिर फेसबुक...सबका तहे दिल से शुक्रिया. एक दोस्त कश्मीर में पोस्टेड है...आर्मी में...उसका फ़ोन एक दिन बाद आया...पर याद उसे भी था. तो इतने सारे अच्छे अच्छे लोगों कि दुआएं हैं...काफी अच्छा रहा सब कुछ.
इंग्लिश में एक शब्द है 'blessed ' यानि कि ऐसा जिसपर इश्वर कि कृपा हो...वैसा ही महसूस किया.
फुटनोट: just to prove the skeptics wrong कि लड़कियां अपनी उम्र छिपाती हैं...I turned on 28...and really happy to be so :) हाँ दिल की उम्र...तो दिल तो बच्चा है जी :)
देर से ही सही .......हमारी भी बधाई स्वीकारी जाए !.......इतनी आसानी से अपनी असल उम्र बता दी ....यह भी बढ़िया ही रहा|
ReplyDeleteaise hee khilkhilaati raho .....
ReplyDeleteजन्मदिन की ढेर सारी शुभकामनायें .....
ReplyDeleteजियो तो इस कद्र की जिन्दगी मुस्कुरा उठे....
इस उम्मीद के साथ ''लहरे'' पर पोस्टें पोस्ट करते रहिये..
जिन्हें पढ़ के जिन्दगी खिलखिला उठे.....
इसी के साथ माफ़ी चाहता हूँ...
पोस्ट तो सारी पढता हूँ आपकी लेकिन कमेंट्स नहीं कर पाता...क्योकि जिन्दगी की भागादौड़ी इतनी है की पोस्ट भी साँस रोक कर ही पढ़ पाता हूँ ..की कहीं इसे पढ़ते हूवे बीच में कोई काम ना आ टपके...सो कमेंट्स ना कर पाने के लिए माफ़ी...
जानता हूँ ब्लागर यही कहेगा..अरे कोई बात नहीं कमेंट्स नहीं किया तो....लेकिन जानता हूँ ब्लाग को जिन्दा रखने के लिए पाठक के काम्मेंट्स कितने जरुरी होते हैं फिर भी नहीं कर पाता कमेंट्स ....उसके लिए सॉरी
आपका एक छोटा सा पाठक....
अंजुले
जन्मदिन की ढेर सारी शुभकामनायें ..
ReplyDeleteThode sa late gaya
ReplyDeletebadhai aapko khush rahe aabad rahe...!!!
Keep writing ...
जीते रहो, बच्चो।
ReplyDeleteथोड़ी देर हो गयी आते आते...चलिए जन्मदिन की बधाई स्वीकार कीजिये....:)
ReplyDeleteहम प्लेट नहीं खाते हैं, उसे ऐसे कहते हैं.. "खाना इतना अच्छा था की मन किया खाना बनाने वाले का हाथ ही काट कर रख लें".. ;)
ReplyDeleteDheron Shubhkaamnayen........
ReplyDeleteStay happy.
जन्मदिन की ढेरों शुभकामनायें। गूगल बाबा ने रीडर में यह पोस्ट पहुँचाने में देर कर दी लगता है।
ReplyDeleteहैप्पी बर्थडे इन एडवांस :) :) :)
ReplyDeletehamesha khush raho...
ReplyDelete:)