ग़ुस्ताख़ हो रहे हो
रंगीन हो रहे हो
सारी हिमायतों की
तौहीन हो रहे हो
वो और होते होंगे
बस हैंडसम से लड़के
तुम हैंडसम नहीं रे
हसीन हो रहे हो
होठों पे जो अटकी है
आधी हँसी तुम्हारी
चक्खेंगे हम भी तुमको
नमकीन हो रहे हो
ये सातवाँ था ब्रेक-अप
और बारवीं मुहब्बत
दिल तोड़ने की तौबा
मशीन हो रहे हो
इतनी अदा कहाँ से
तुम लाए हो चुरा के
इतना नशा कहाँ पे
तुम आए हो लुटाते
छू लें तो जल ही जाएँ
उफ़, इतने हॉट हो तुम
हों दो मिनट में आउट
टकीला शॉट हो तुम
थोड़ा रहम कहीं से
अब माँग लो उधारी
वरना तो मेरे क़ातिल
लो जान तुझपे वारी
अब जान का मेरी तुम
चाहे अचार डालो
हम फ़र्श पे गिरे हैं
पहले हमें उठा लो
इतना ज़रा बता दो
तुम्हें पूरा भूल जाएँ
या दोस्ती के बॉर्डर
पर घर कोई बनाएँ
लेकिन सुनो उदासी
तुमपर नहीं फबेगी
कल देखना कोई फिर
अच्छी तुम्हें लगेगी
तुम फिर से रंग चखना
तुम फिर अदा से हँसना
दिल तोड़ना कोई फिर
और ज़ख़्म भर टहकना
तुम इक नया शहर फिर
होना कभी कहीं पर
हम फिर कभी मिलेंगे
आँखों में ख़्वाब भर कर
अफ़सोस की गली की
कोठी वो बेच कर के
लाना बुलेट नयी फिर
घूमेंगे हम रगड़ के
ग़ालिब का शेर बकना
विस्की में चूर हो के
कहना दुखा था कितना
यूँ हमसे दूर हो के
इस बार पर ठहरना
जैसे कि बस मेरे हो
मन, रूह या बदन फिर
कोई जगह रुके हो
हम फिर कहेंगे तुमसे
ग़ुस्ताख़ हो गए हो
तुम चूम के चुप करना
और कहना तुम मेरे हो
Waah! Superb:-)
ReplyDeleteबहुत खूब
ReplyDeleteLajawab❤️
ReplyDeleteबहुत बढ़िया
ReplyDeleteAwesome..😍
ReplyDeleteशानदार - जानदार !!
ReplyDeleteउफ्फ बिल्कुल!!
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