कुछ लड़के ऐसे होते हैं, बिखरे से बालों वाले। कि हमेशा कोई आवारा लट माथे पे झूलती रहेगी। जब भी उनसे मिलें, दिल करता है उसे लट को ज़रा सा उँगलियाँ फिरा के उनकी सही जगह टिका दें। लेकिन उन्हें किसी ने लड़कियों की तरह तमीज़ से रहना तो सिखाया नहीं है...हँसेंगे बेलौस और लट झूल जाएगी फिर फिर। साथ में आपका मन भी ऐसे ही ऊँचे झूले पर पींग बढ़ाता जाएगा।
मिलना उससे पलाश के खिलने के मौसम में। पूछना उससे। साल में एक बार मिलने की उम्मीद तो कर सकती हूँ तुमसे?
जैसे कुछ लड़कियों के बारे में कहते हैं ना, कि उनका मन कँवारा ही रहता है, वे औरतपने की परछाईं से भी दूर रहती हैं...वैसे ही ये कुछ लड़के भी होते हैं…कि जो गृहस्थ नहीं बने होते। उनका घर होता है, बीवी होती है, बच्चे होते हैं लेकिन वे मन से आवारा होते हैं, मुक्त। ये वो लड़के हैं जिनके लड़कपन में भाभियाँ छेड़ते हुए कहती हैं, ऐसे ही जानवर की तरह बौराते रहोगे या आदमी भी बनोगे? हमारा समाज समझता है किसी औरत के पल्ले में गांठ की तरह बंध कर इन लड़कों में ठहराव आ जाएगा।
ये लड़के कि जिनका बचपना बाक़ी रहता है पूरा का पूरा। पितृसत्ता ने इन्हें स्त्री को अपने से कमतर समझने का ज्ञान सिखलाया नहीं होता है। पौरुष की अकड़ इन्हें हर स्त्री में भोग्या नहीं दिखाती। अक्सर ये परिवारों में बहुत सी लड़कियों के साथ पले बढ़े होते हैं। दीदियाँ, छोटी बहनें, दोस्त भी सारे दीदी के दोस्त ही। ये लड़के बड़े मासूम और दिलकश होते हैं। कि जिनसे इश्क़ करने को जी चाहता है। जिनका दिल तोड़ देने को जी चाहता है कि वे थोड़ा दुनियावी हो जाएँ। कि कविताओं से दुनिया थोड़े चलती है। लेनदेन का हिसाब। थोड़ी सौदागरी सीख लें इसी बहाने। दिल को बेच सकें सबसे ऊँची बोली लगाने वाले के चिड़ियाघर में।
वे लड़के कि जिन्हें किसी सुघड़ औरत के हाथों ने कभी छुआ नहीं हो। वे लड़के कि जिनके सीने से लग कर कोई नदी जैसी लड़की बही नहीं हो। ऐसी लड़की जिसके लिए वे बाँहों का मज़बूत बाँध बनाना चाहें। कि जिसके लिए वे पत्थर होना चाहें...उसके इर्द गिर्द रचना चाहें सात अभेद्य दीवारों वाला किला।
जिन्हें दुनिया की मायूसी तोड़ ना पायी हो। जिनका अच्छाई पर से भरोसा ना उठा हो। कि जो बिखरे बिखरे हों और कैसी तो उदासी बसाए चलते हों अपनी आँखों में। कि भरे पूरे घर की पूरी ज़िम्मेदारी उठाए ये लड़के जाने किस तलाश किस प्यास को ख़ुद में छुपाए रखते हैं।
वे लड़के कि जिनसे मिल कर हर औरत के अंदर की लड़की बाहर चली आए। अपने गुलाबी दुपट्टे से पोंछ देना चाहे उसके माथे का पसीना। कि जो क़रीने से रख देना चाहे उसकी कविताओं वाले पन्ने। जिसे ठीक मालूम हो उसके पसंद की कॉफ़ी और जो कहना नहीं चाहे उससे कुछ। बस। देर तक बैठी रहे उसके पास। उसके सीने पर सर रखे, उसकी धड़कन को सुनते हुए।
लड़के जो ज़मीन, आसमान, किसी के ना हुए हों। जिनके दिल पर किसी का भी नाम ना लिखा हो। लड़के जो कोरी सलेट की तरह हों। बेपरवाह लड़के। जिन्हें ना इश्क़ से डर लगता हो ना दुनिया और समाज के किसी नियम से। जो हँस कर कह सकें उस लड़की से...तुम लिखो ना कविता…हम कभी तुमसे सवाल नहीं करेंगे।
आज़ाद लड़के। कि जो किसी आज़ाद लड़की से मिलें तो दोनों साथ आवारा होना चाहें। जिन्हें लम्हे में जीना आता हो। जिन्हें हँसना आता हो। और जिनके दिल में हमेशा किसी टूटी फूटी सी लड़की के रहने के लिए ख़ूब ख़ूब सी जगह हो। लड़के कि जिन्हें बंद कमरों में नहीं...खुले आसमान के नीचे चूमने को जी चाहे। जिनके साथ बारिश में भीगने को जी चाहे। बिना किसी हमेशा के वादे के...प्यार करने को जी चाहे। प्यार करके भूल जाने को जी चाहे।
बहुत रेयर होते हैं ऐसे लड़के। बहुत दुर्लभ। ध्यान रखो, अगर कहीं मिलें तो एकदम से खोने मत देना इन्हें। प्यार व्यार के झूठे फ़रेब में नहीं आना। ये लड़के दोस्ती करने के लिए बने होते हैं। उम्र भर के तुम्हारे पागलपन को निभाने के लिए। कि तुम जब रात के चार बजे किसी को तलाशना चाहोगी तुम्हारी पागल कहानियाँ सुनने के लिए, तो ये सुनेंगे। उनकी हँसी की जलतरंग में दुनिया के सबसे सुंदर गीत होंगे।
उनसे मिलना कभी तो गले लगना। कि दुनिया का कोई अधूरापन नहीं जो उनसे मिल कर थोड़ा कम अधूरा ना लगता हो। और जो कहीं ग़लती से उन्हें प्यार हो भी जाए तुमसे…तो होने देना। प्यार कोई ऐटम बम नहीं है कि शहरों को नेस्तनाबूद कर दे। ये टेम्परेरी होगा। वापस वे लौट कर यारी में ही चले आएँगे। उन्हें जीने का स्पेस देना। हँसना। अपनी पूरी ख़ूबसूरती की धूप में उन्हें सूरजमुखी की तरह खिलने देना। उनके साथ शहरों की परिकल्पना करना। आर्किटेक्चर फ़ाइनल करना। लोगों के लिए जगह बनाना। उसके साथ होना कोई कविता। कोई नदी।
लड़के। कन्फ़ेशन बॉक्स जैसे। उनके पास रखना अपने सारे गुनाहों का हिसाब। और रखना उनकी दोस्ती को अपने दिल में सबसे आसानी से मिल जाने वाले फ़ोल्डर में। उनके साथ बाइक ट्रिप प्लान करना। घूमना शहर। याद रखना ढाबे में खाए तवा पनीर की सब्ज़ी की रेसिपी। सफ़र के रास्ते में पड़ेगा उसका एक कमरे का घर। किसी बहुत छोटे से शहर में। किताबों और छोटे से किचन वाला घर। उसके साथ मिल कर बनाना कोई शाम तोरई की सब्ज़ी। दाल और चावल। बैठ के खाना लालटेन की रोशनी में। कोई मिसाल बनना। कोई ऐसा क़िस्सा कि जो किसी से कहा ना जाए। जिया जाए जिसे और बस कहानी में लिख कर भूल जाया जाए।
ऐसे किसी लड़के के लिए ख़रीदना गहरे लाल रंग का बैंडाना। सिखाना उसे ठीक से बाँधना। उसके गोरे रंग पर कांट्रैस्ट करेगा टेसु का गहरा लाल रंग। बिना हेल्मेट के चलाना बाइक। देखना बालों को हल्के हल्के हवा में उड़ते हुए। देखना आँखों में भरोसा। किसी को ताउम्र ऐसे ही प्यार करने का भरोसा। किसी के साथ सफ़र में बिना प्लान के चले आने का वादा।
मिलना उससे पलाश के खिलने के मौसम में। पूछना उससे। साल में एक बार मिलने की उम्मीद तो कर सकती हूँ तुमसे?
सबके अपने-अपने कैरेक्टर ...
ReplyDeleteवाह ! बहुत प्यारा लिखा है। अच्छा लगा पढ़ कर।
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