गोवा ऐसा हसीन भी हो सकता है, सोचा नहीं था आखिर जिंदगी में रंग भरने वाले इस लड़के से पहले थोड़े मिली थी. ये लड़का जिसकी आँखों में देखती हूँ तो जिंदगी गुलाबी हो जाती है. इस बार हमने अपनी सालगिरह गोवा में मनाई...३ दिसंबर शुक्रवार पड़ा था...तो आराम से तीन दिन इस स्वर्ग में बिताये.
समंदर का पानी एकदम पारदर्शी, जैसे कि पूरा समंदर फ़िल्टर किये पानी से बना हो. और लहरें एकदम नपी हुयी, हलकी हलकी...रेत एकदम महीन, पहले के किसी भी समंदर से ज्यादा महीन वाकई टेलकम पावडर जैसी...नंगे पांव चलो तो गुदगुदी लगे. किनारे से दूर दूर तक छिछला पानी जिसमें छोटी लहरें कि डूबने का डर ही ना लगे...जहाँ तक मर्जी चले जाओ. (कभी कभी पतिदेव के छह फुट से लम्बा होने और तैरना आने का फायदा भी तो मिलना चाहिए)
ताज एक्सोटिका (Taj Exotica) गोवा...लोग जैसे कि मन की बात जान जायें कि कब आपको पानी चाहिए, कब कोई और ड्रिंक, कब भूख लग रही है. मैंने और किसी भी विला के कमरे का मिनी बार इतना स्टोक वाला नहीं देखा है...ये कुणाल का कहना था. एक छोटा सा विला जिसमें सामने नीले पानी का पूल जिसमें एक छोटा सा झरना तो दिन भर झरने की कल कल और रात को समंदर का मद्धम गीत. पूल के सामने नारियल के पेड़ों के बीच लगा हुआ झूला...दो आराम कुर्सियां और फुर्सत ही फुर्सत. पहली बार महसूस किया कि कुछ नहीं करने और आलसियों की तरह पड़े रहने में कितना आनंद है :)
दिन चढ़ते धूप तापी जाए झूले में और ज्यादा गर्मी लगे तो पूल में उतर गए...फिर थोड़ी देर झूले पर. समंदर किनारे दूर तक आराम कुर्सियों कि कतार और उनके ऊपर तनी हुयी रंग बिरंगी छतरियां....लोग या तो किताबें पढ़ते हुए या टोपी से चेहरा ढक कर सोये हुए. हमें भी बंगलोर के ठंढे मौसम के बाद गोवा की धूप में आँखें बंद कर सोना जितना अच्छा लगा...पहले कभी नहीं लगा था. और समंदर का पानी गुनगुना...ठंढा नहीं और इतना साफ़ कि यकीन ही ना हो कि ये खारा पानी है, लगता है जैसे सीधे किसी मिनरल वाटर प्लांट से आ रहा हो.
ताज का खाना तो क्या कहने...चाइनीज़ खाना मैंने अपनी जिंदगी में उससे अच्छा नहीं खाया है. मुझे इतना अच्छा लगा कि जो शेफ था...तेनजिन उसको खास तौर से बुलवा के शुक्रिया बोला कि लाजवाब खाना बनाते हो. उसी तरह काटी रोल जो कुणाल ने खाया इतना लजीज था कि मज़ा आ गया. डिनर के वक़्त लाइव संगीत....लोग गिटार पर मुस्कुराते हुए धुन बजाते हुए...लगता ही नहीं था कि हिंदुस्तान में कहीं हैं...एक तो चारो ओर सिर्फ फिरंग ही दिख रहे थे...लग रहा था कि हम ही उनके देश में कहें पहुँच गए हैं.
ऐसी जगह जहाँ बात करने को भी बहुत कुछ था और चुप रहने को भी बहुत सारा वक़्त...इसलिए तीन दिन हम किसी घूमने के चक्कर में नहीं पड़े...हम वहां सिर्फ और सिर्फ आराम फरमाने गए थे...आलसी होना स्वाभाव नहीं परिस्थियों के कारण स्वयं उपजने वाला भाव है...ये भी वहीं महसूस किया :) ना कोई फोन, ना इन्टरनेट...सब विला में छोड़ छाड़ के समंदर किनारे सूरज डुबाना एक सुखद अहसास था. गोवा चूँकि वेस्ट कोस्ट है तो सूरज समंदर में डूबता है और शाम बेहद खूबसूरत होती है. आसमान के एक कोने से रात सरकती जाती है और नीला आसमान गहराता जाता है. गहरे नीले आसमान में तारे भी दीखते हैं और वो काली रात से कहीं ज्यादा ख़ूबसूरत लगते हैं.
कहते हैं कि आपस की अन्डरस्टैंडिंग को नापने का पैमाना है कि आप किसी के साथ बिना कुछ बोले देर तक बैठें और आपको महसूस हो कि जिंदगी में इससे बेहतर बातें आपके किसी के साथ नहीं कीं. तो इस पैमाने पर मेरे किये खरा उतरना सोच के मुश्किल लगता था...चुप रहना कभी भी मेरे लिए आसान नहीं था....पर जब वक़्त और माहौल में ऐसी नजाकत और नफासत हो कि लगे बोलने से जादू बिखर जाएगा तो वाकई ख़ामोशी से एक ढलती शाम, समंदर किनारे सपने सच हो जाते हैं...बिना कुछ कहे....बिना कुछ मांगे.
ताज का खाना तो क्या कहने...चाइनीज़ खाना मैंने अपनी जिंदगी में उससे अच्छा नहीं खाया है. मुझे इतना अच्छा लगा कि जो शेफ था...तेनजिन उसको खास तौर से बुलवा के शुक्रिया बोला कि लाजवाब खाना बनाते हो. उसी तरह काटी रोल जो कुणाल ने खाया इतना लजीज था कि मज़ा आ गया. डिनर के वक़्त लाइव संगीत....लोग गिटार पर मुस्कुराते हुए धुन बजाते हुए...लगता ही नहीं था कि हिंदुस्तान में कहीं हैं...एक तो चारो ओर सिर्फ फिरंग ही दिख रहे थे...लग रहा था कि हम ही उनके देश में कहें पहुँच गए हैं.
ऐसी जगह जहाँ बात करने को भी बहुत कुछ था और चुप रहने को भी बहुत सारा वक़्त...इसलिए तीन दिन हम किसी घूमने के चक्कर में नहीं पड़े...हम वहां सिर्फ और सिर्फ आराम फरमाने गए थे...आलसी होना स्वाभाव नहीं परिस्थियों के कारण स्वयं उपजने वाला भाव है...ये भी वहीं महसूस किया :) ना कोई फोन, ना इन्टरनेट...सब विला में छोड़ छाड़ के समंदर किनारे सूरज डुबाना एक सुखद अहसास था. गोवा चूँकि वेस्ट कोस्ट है तो सूरज समंदर में डूबता है और शाम बेहद खूबसूरत होती है. आसमान के एक कोने से रात सरकती जाती है और नीला आसमान गहराता जाता है. गहरे नीले आसमान में तारे भी दीखते हैं और वो काली रात से कहीं ज्यादा ख़ूबसूरत लगते हैं.
कहते हैं कि आपस की अन्डरस्टैंडिंग को नापने का पैमाना है कि आप किसी के साथ बिना कुछ बोले देर तक बैठें और आपको महसूस हो कि जिंदगी में इससे बेहतर बातें आपके किसी के साथ नहीं कीं. तो इस पैमाने पर मेरे किये खरा उतरना सोच के मुश्किल लगता था...चुप रहना कभी भी मेरे लिए आसान नहीं था....पर जब वक़्त और माहौल में ऐसी नजाकत और नफासत हो कि लगे बोलने से जादू बिखर जाएगा तो वाकई ख़ामोशी से एक ढलती शाम, समंदर किनारे सपने सच हो जाते हैं...बिना कुछ कहे....बिना कुछ मांगे.
इश्क की तीसरी सालगिरह मुबारक हो... अन्डरस्टैंडिंग को नापने का पैमाना.!!.. तलाश थी... आज वो नही मिल गया....
ReplyDeleteइश्क की तीसरी सालगिरह मुबारक हो... अन्डरस्टैंडिंग नापने का पैमाना.!!.. तलाश थी... आज वो मिल गया :-)
ReplyDeleteशुक्रिया नीरा :) पैमाना छलकता रहे दुआ है :)
ReplyDeleteटच वुड!!!! एक काला टीका लगा दो पूजा...
ReplyDeleteGod Bless you Both!!!!
शुक्रिया अनुराग जी :) लगा देते हैं काला टीका.
ReplyDeleteदुनिया के इस हसीन कपल के लिए "टच वुड"....God bless you...बेहद खूबसूरत लग रही हूँ पूजा......ब्लॉग हेडर में तो जान आ गई जी :-)
ReplyDeleteलगता है लहरों में डूब कर लिखा है..
ReplyDeleteऔर हाँ ताज वालो से कोई कांट्रेक्ट तो नहीं कर लिया..? क्योंकि हमने दूसरी तब में ताज एक्सोटीका की वेबसाईट खोल ली है..
खुदा करे तुम्हारे ख्वाबो की उम्र और भी लम्बी हो जाए.. ताकि तुम्हारा इश्क और परवान चढ़े..
God bless you both!
गोवा जाने का दिल न जाने कब से है..दोस्तों की तस्वीरें देख काफी जला भी हूँ :)
ReplyDeleteइश्क की तीसरी सालगिरह मुबारक हो :)
ब्लॉग हेडर फोटो कमाल का है.
गोवा जाने का दिल न जाने कब से है..दोस्तों की तस्वीरें देख काफी जला भी हूँ :)
ReplyDeleteइश्क की तीसरी सालगिरह मुबारक हो :)
ब्लॉग हेडर फोटो कमाल का है.
@प्रिया इतने प्यारे से कमेन्ट के लिए ढेर सा शुक्रिया.
ReplyDelete@कुश...ताज एक बेहतरीन जगह है छुट्टियाँ बिताने के लिए...तुमको तो दुआ देंगे कि हनीमून प्लान करो उधर. ताज वाले तो कोई कोंट्राक्ट पर नहीं हैं, तुम ही कुछ कमीशन भेज देना...जैसी श्रद्धा हो :)
@ abhi, जलना वलना ओल्ड फैशन हो गया अब...फटाफट सामान बांधिए और गोवा निकल लीजिए, ये मौसम एकदम परफेक्ट है गोवा जाने के लिए.
ReplyDeleteशीर्षक जैसा आपने बनाया है, वह अपनी पूरी महसूसियत के साथ आखिर तक निभा है, बधाई.
ReplyDeleteकाश हमें भी ऐसा मौका मिला होता. बधाई.
ReplyDeleteदुआ है कि तुम्हारा ये इश्क लहरों का ना खत्म होने वाले सिलसिले सा हो जाए... हर पल, एक नयी लहर, ताजगी भरती हुयी...
ReplyDeleteफुर्सत के पल यूँ ही ज़िंदगी में आते रहें...तुम्हें वो मौसम वाला गाना ना गाना पड़े "दिल ढूंढता है."
अब थोड़ा मज़ाक... बुढ़ापे तक यूँ ही सालगिरह पर
सालगिरह मनाते जाओ...:-)
एक दिन वो भी आये जब पोते-पोतियों के साथ भी गोवा जाओ :-)
आपकी खुमारी ताउम्र बनी रहे। आपकी इश्किया सालगिरह को पर्याप्त मान देते हुये, हम अपनी गोवा यात्रा के विवरण वाली पोस्ट एक सप्ताह आगे बढ़ा देते हैं। छापेंगे अवश्य, क्या करें, सागर की लहरों में पता नहीं कितनी ऊर्जा मिल जाती है।
ReplyDeleteआपको व कुणाल को पुनः शुभकामनायें, सुखमय जीवन की।
सालगिरह हो गिरहगामी
ReplyDeleteलहरों हों प्यार की जबानी
मैं तीन को गोवा में ही था
चार को चला हूं
दिल्ली के लिए
बतला दिया होता
तो आपसे भी
मिल लिया होता
डूब कर लिखा है...इश्क का नूर झलक रहा है चेहरे से.आपको आपके साथी के साथ यह सालगिरह बहुत मुबारक हो.All the very best for your life ahead.
ReplyDeleteबहुत अच्छी पोस्ट .. बधाई एवं शुभकामनाएं !!
ReplyDeleteइश्क पर इतना अच्छा लिखा है कि बस मैं तो डूब ही गया, बहुत अच्छा, आपको व कुनाल को इश्क की तीसरी सालगिरह मुबारक हो।
ReplyDeletevery sweet pics dear :)
ReplyDeleteaur jo likha hai...uspar kya comment karoon...god bless u
इश्क की सालगिरह हो तो ऐसी………………हार्दिक शुभकामनायें।
ReplyDeleteआप सब की शुभकामनाओं के लिए हार्दिक शुक्रिया
ReplyDeleteदेर से ही सही मुबारक कह देते हैं।
ReplyDeleteishk ki umr bahut bahut lambi ho....saalgirah ki dher saari badhai... goa ki ret par beete apki un meethi si shaamon aur sunehre se dinon se humko bhi milwaati yeh post bahut pyaari lagi.......
ReplyDeletebahaut achcha laga padh k...& khushi hui ki aap ISHQ ki salgirah manati hai....aap ki post padh k Goa jaane ka man ban gaya...
ReplyDeleteGod bless u....
तुम कितनी खुशकिस्मत हो पूजा...ईर्ष्या होती है कभी-कभी...हमेशा ऐसी ही खुश रहो, ईश्वर...यदि है, तो हमेशा इतना ही खुश रखे तुमको।
ReplyDeleteविवेक