आजकल तुमपर इतना प्यार आता है कि कुछ लिख ही नहीं पाती...काश तुम्हारी मुस्कान थोड़ी कम दिलकश होती, गालों पर पड़ते ये खूबसूरत गड्ढे नज़र नहीं आते, आँखें यूँ शरारत से नहीं मुस्कुरातीं
हर सुबह ऑफिस जाना कितना मुश्किल हो जाता है जब तुम्हें उनींदा सा दरवाजे पर देखती हूँ...बिना सुबह की चाय पिए तुम्हारी आँखें ही नहीं खुलतीं...मेरा भी आधा घंटा और सोने का मन करने लगता है
और वो कमबख्त लिफ्ट...इतनी जल्दी क्यों आ जाती है....वक्त थोड़ा धीरे क्यों नहीं बीतता सुबह
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घर का ताला खोलकर अंधेरे घर में कदम रखना, ट्यूब जलना...जो भुक भुक करके कितनी तो देर में जलती है, मुझे कभी भी बल्ब जलने का मन क्यों नहीं करता...वो खूबसूरत झूमर जो हॉल में लगा hai कभी तो उसकी बत्ती जलाऊं, बिजली बचने की चाह कभी उतने सारे बल्ब जलाने ही नहीं देती। तुम कैसे इतने आराम से आते ही सीधे झूमर ऑन कर देते हो...जब भी तुम्हारे बाद घर आती हूँ तो लगता है किसी परियों वाले महल में आ गई हूँ।तुम्हारे साथ खाना खाना कितना अच्छा लगता है...और तुम हो भी इतने अच्छे कि कुछ भी बनाऊं उतनी ही खुशी से खाते हो, वो भी तारीफ़ कर कर के। साथ खाने से प्यार बढ़ता है...ऐसा भी लोग कहते हैं
बस तुम्हारे होने भर से, जिंदगी कितनी खूबसूरत हो गई है...कितने रंग, कितनी खुशबुयें और कितने ख्वाब...
मैं तुमसे बहुत प्यार करती हूँ...मेरी जिंदगी में यूँ ही चले आने का शुक्रिया
haay haay ham to mar mite jee, daagdar saahibaa, ....kitti pyaar mohabbat kee baatein likh dee aapne....ab pure weekend romantic rahegaa mood....
ReplyDeleteRomantic Andaz !!
ReplyDelete५ दिन बिजली बचा लो,
ReplyDeleteऔर एक दिन झुमर भी जगमागा दो!!
्बहुत प्यारी पंक्तियां...
How simple and beautiful :) awesome post
ReplyDeleteSubaha ki neend to sabko bahut pyari hoti hai... "Bas 5 min aur..." jaise isi 5 min main saari neend poori ho jayegi.... :)
ReplyDeleteBahut sundar.....
गालिब का मगर है अंदाजे बयां और!!
ReplyDeleteवाकई!!
बेहतरीन पीस ऑफ इन्नोसेन्ट इज़हार-ए-मोहब्बत!!
:)
ReplyDeleteअन्दाज ही लगा सकते हैं हम कि खाना बहुत ही स्वादिष्ट होता होगा।
ReplyDelete@gyan ji...aap sadar aamantrit hai hamare ghar par, khana khane ke liye...swadisht khane ka maza andaaja lagane me nahin, khane me hai :)
ReplyDeleteबहुत खूब !!
ReplyDeleteबहुत बेहतरीन.
ReplyDeleteरामराम.
प्रेम की अनुभूति अत्यंत सुखद होती है.....जीवन में सभी किसी न किसी रूप में प्रेम अवश्य करते है....ब्लॉग अच्छा लगा.....
ReplyDeleteसुबह उठने वाली बात भी सही है......सारी रात की नींद एक तरफ और वो १० मिनट एक तरफ.....
साभार
हमसफ़र यादों का.......
जय हो। ऐसा आपै लिख सकती हैं डा.साहब। हम तो खड़े के खड़े रह गये की तर्ज पर बैठे के बैठे ही रह गये पढ़ते-पढ़ते। शानदार!
ReplyDeleteAs you sow so shall you reap.
ReplyDeleteIn love-
1+1=2,1+1= 11,1-1=0,1*1=1,1/1=0,
you are 1+1=11.lovely sense of expession of your love.congrets.
गुद गुदी होने लगी बुढापे में!
ReplyDeleteफोटो में विद्यमान ये दोनों विभूतियाँ हमारे घर में ऐसे ही पास पास बैठी हैं एक बार तो लगा कि आप को ये फोटो कैसे मिल गयी
ReplyDeleteachchhee rachna
ReplyDeletepuja,
ReplyDeletejindgi ko apni lekhni se ek shakl dena.....bahut achchha lagta hai....lagta hai jaise apni hi jindagi hai...waah...
Bommarillu dekhke uthe(3rd time) aur fir ye romantic post....maahol roomani ho gaya :)
ReplyDeleteतुमने जाने क्या लिखा...हमें तो पूरी शायरी नजर आयी है ये पोस्ट
ReplyDeleteअद्भुत शायराना अंदाज़!
ReplyDeleteबहुत सुन्दर पोस्ट है। जीवन यूँ ही चलता रहे, महकता रहे।
ReplyDeleteघुघूती बासूती
पूजा जी बहुत ही बेहतरीन अंदाज होता है आपके लिखने का अति बेहतरीन बहुत ही सुंदर भाव
ReplyDeleteइस खूबसूरती से प्यार का माहौल बयाँ किया है आपने कि आपकी इस प्यार भरी जिंदगी से प्यार हो जा रहा है।
ReplyDeletepata nahi kyu itni achchi post padhne k baad bhi romantic feeling nahi aayi....jab ki hum to ek gaana sun k bhi romantic ho jaate hai...
ReplyDeleteshayad waqt kharab chal raha hai...
talaash hai hume bhi in palo ki...
जैसी होनी चाहिये वैसी नही है फिर भी मिठास हैं
ReplyDeleteufff.... yeh meethe ras mein bheege pal...kuch tumhare neh se page pal.... in choti choti jhirriyon se zindagi mein khushi bas yun hi chali aati hai.... umda likha hai !
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