अजीब दर्द है कि अब कोई नहीं हम तेरे
दुखाता क्यों है दिल को ये अहसास नहीं मालूम
बहुत मुमकिन था तुमसे हम उस रोज़ भी नहीं मिलते
क्यों ले के आयी है तकदीर तेरे पास नहीं मालूम
अब भी मुस्कुरा देती हूँ जब सामने तू आता है
क्यों अब भी है तेरी जगह थोड़ी खास नहीं मालूम
मुझसे गुज़र जाती हैं तेरी निगाहें
हो जाती हूँ क्यों इससे उदास नहीं मालूम
क्यों चाहती हूँ तुझपर कोई फर्क पड़े
क्यों है तेरी एक नज़र की आस नहीं मालूम
आख़िरी हैं अब जो दो दिन बचे हुये
किस चीज़ की है मुझको तलाश नहीं मालूम
मैं भूल गयी थी कि सब टूट
जो दोस्त था मेरा वो पीछे छूट
और इतना ख़फा है की नफरत भी नहीं करता
खामोश रहता है शिक़ायत भी नहीं करता
वो जो अजनबी यहाँ से गुज़रा है
अभी भी दोस्त है मेरा ... हाँ उसे ये बात नहीं मालूम
ur poem show that u donot know why do u love him or her.i think as per as my knowledge is concern that the person who in love he or she donot know anything that what should say or not to say,why i m in love..he or she donot know dukha aur sukha becoz in love we are in the environment of anand..and anand is beyoun happy and sorrow..
ReplyDeletethis is nice poem and it define real meaning of love .every one have on defination of love and such thing but love is love and no one can express it by words.it is only of feeling and after that our question is gone forever.why i m in love this type of question ..doesnot meaning at all..