मुझे अभी तक यकीन नहीं आ रहा...परसों मेरा नया..एकदम कड़क नया...iPhone 4S आया और दो दिन भी नहीं बीते कि फ़ोन पानी में गिर के तैयार...मुझे मालूम है कि मैं एकदम बेखयाली में रहती हूँ...आधे टाइम दिमाग जाने किधर गया रहता है...लेकिन ऐसे हादसे के लिए मैं वाकई तैयार नहीं थी. एक तो कितनी कितनी बार सोच के ख़रीदा...महंगा है...दाम ज्यादा है...जाने क्या क्या. लेकिन मुझे अच्छे फोन का शौक़ है...अच्छे इलेक्ट्रोनिक का सामान भी कह सकते हैं...
अभी तो दोपहर तक ख़ुशी से फोन लिए ही नाच रही थी...नहाने का पानी भरने के लिए नल चलाया था...ठंढा गरम नॉब ओपरेट कर रही थी कि फोन बजा...अब बदकिस्मती से सुबह घर से बाहर गयी हुयी थी तो जींस ही पहनी हुए थे और पॉकेट में फोन था...तो फ़ोन उठाने के लिए निकाला और फोन कमबख्त एकदम स्लो मोशन में सीधे पानी की बाल्टी में छलांग लगा दिया.
सुबुकते हुए बैठे हैं...दोनों में से किसी बात पर यकीन नहीं आ रहा...कि मेरे पास वाकई एक अच्छा नया iPhone 4S था सफ़ेद संगेमरमर की तरह और अब वही पानी में गिर के...घरेलु नुस्खे आजमा के पड़ा हुआ है. इतना रोना आ रहा है जैसे कभी नहीं आया था...इस फोन से वाकई मुझे प्यार हो गया था :( :( दोस्तों की प्रतिक्रिया तो सुन कर सर धुन लेने का मन कर रहा है अलग से.
नील को fb पर मेसेज किया तो बोलता है कि रो क्यों रही है जिस पानी में फोन गिराया उसी में खुद कूद जा...गौरव को बताया तो वो भी टांग खींच रहा है...अनुपम ने थोड़े फंडे दिए कि धूप में रखो...अब बंगलौर में धूप निकलती कहाँ है :(
थोड़ी देर के लिए हेयर ड्रेयर से सुखाया और अब इन्टरनेट पर पढ़ी सामग्री के हिसाब से उसे एक डब्बे भर के चावल के साथ रख दिया है कल शाम तक के लिए. बहुत रोना आ रहा है...एकदम इस तरह से किसी चीज़ के लिए कभी नहीं लगा था...कल बहुत बहुत खुश हो रहे थे अपने फोन को लेकर. यूँ तो हम ऐसे भी छोटी छोटी चीज़ से खुश हो जाते हैं पर ये बड़ी चीज़ खरीदी थी बहुत दिन बाद...बड़ी मेहनत के पैसे थे...एक किताब लिखी थी कर्णाटक ट्रांसपोर्ट के लिए...कितने महीने जा के खून जलाया था.
अभी बहुत बहुत बहुत उदास हूँ, कल शाम को फोन निकल के फिर से चला के देखूंगी...कुछ न कुछ तो ख़राब हो ही गया होगा.
मेरे फोन को अब दवा की नहीं दुआ की जरूरत है. हम बैठे हुए हैं सजदे में...हे उपरवाले...बच्चे की जान ऐसे ना ले...रहम कर रहम!