परसों एक एचआर का फोन आया एक जॉब ओपनिंग के बारे में...मैं आजकल फुल टाइम जॉब करने के मूड में थी नहीं तो अधिकतर सॉरी बोल कर फोन रख दिया करती थी. इस बार पता नहीं...शायद हिंदी का कोई शब्द था या दिल्ली के नंबर से फोन आया था या कि जिस ऑफिस में पोजीशन खाली थी वो घर के एकदम पास था...मैंने इंटरव्यू के लिए हाँ कर दी.
मेरे इंटरव्यू नोर्मली काफी लंबे चलते हैं...कमसे कम दो घंटे और कई बार तो चार घंटे तक चला है...अनगिनत बातें हो जाती हैं. मुझे खुद भी महसूस होता है इंटरव्यू देते वक्त कि मैं काफी इंटरेस्टिंग सी कैरेक्टर हूँ और मेरे जैसे लोग वाकई इंटरव्यू के लिए कम ही आते होंगे. कभी कभी होता भी है कि इंटरव्यू के लिए गयी हूँ तो लाउंज में बैठे बाकी कैंडिडेट्स को देखती हूँ और सोचती हूँ कि कैसे लोग होंगे. उनमें से अधिकतर मुझे काफी सजग और एक आवरण में ढके हुए लगते हैं...मैं इंटरव्यू में भी फ्री स्पिरिट जैसी रहती हूँ. कितना भी कोई बोल ले...कभी फोर्मल कपड़े पहन कर नहीं गयी...वही पहन कर जाती हूँ जो मूड करता है. जैसे आज का इंटरव्यू ले लो...प्लेन वाईट कुरता पहना था फिर दिल नहीं माना तो बस...चेक शर्ट, जींस, थोड़ी हील के सैंडिल, प्लेन सा बैग और पोर्टफोलियो. हाँ दो चीज़ें मैं कभी नहीं भूलती...हाथ में घड़ी और पसंद का परफ्यूम.
आज भी बारह बजे दोपहर का इंटरव्यू था...मैं बाइक से पहुंची...हेलमेट उतारा...बालों को उँगलियों से हल्का काम्ब किया और पोनीटेल बना ली...रिसेप्शन डेस्क पर जो लड़की थी उसने एक मिनट वेट करने को कहा...तब तक जार्ज...जिसके साथ इंटरव्यू था सामने था. जो कि नोर्मल आदत है...एक स्कैन में पसंद आया कि बंदे ने पूरे फोर्मल्स नहीं पहने थे...डार्क ब्लू जींस, ब्लैक शर्ट और स्पोर्ट्स शूज. लगा कि ठीक है...क्रिएटिव का बन्दा है, क्रिएटिव जैसा है. उसने पूछा...चाय या कॉफी...मैंने कहा...नहीं, कुछ नहीं...बहुत दिन बाद किसी ने हिंदी में पूछा था...दिल एकदम हैप्पी हो गया...फिर जब वो मेरा पोर्टफोलियो देख रहा था तो मैंने देखा कि वो वही इंक पेन यूज कर रहा है जिसपर आजकल मेरा दिल आया हुआ है...LAMI का ब्लैक कलर में. एक पहचान सी बनती लगी...और इंस्टिंक्ट ने कहा कि इसके साथ काम करने में अच्छा लगेगा...अगेन...मुझे नोर्मली लोग पसंद नहीं आते. आजकल तो बिलकुल ही महाचूजी हो गयी हूँ.
इंटरव्यू कितना अच्छा होता है अगर इस बात का प्रेशर नहीं है कि जॉब चाहिए ही चाहिए...कितना अच्छा लगता है कोई आपसे कहे...टेल मे अबाउट योरसेल्फ...और आप फुर्सत और इत्मीनान से उसे अपने बारे में बताते जाइए. कई बार तो इगो बूस्ट सा होता है जब सोचती हूँ कि हाँ...कितना सारा तो तीर मार के बैठे हुए हैं...खामखा लोड लेते हैं, हमको भी न...उदास रहना अच्छा लगता है शायद मोस्टली. (प्लीज नोट द विरोधाभास हियर). मैं एकदम मस्त मूड में चहक चहक कर बात कर रही थी.
इंटरव्यू लेने वाले लोग दो तरह के होते हैं...पहले थकेले टाइप...जो आपसे इतने गिल्ट के साथ बात करेंगे जैसे वो उस जगह काम नहीं करते किसी पिछले जन्म के पाप का फल भुगत रहे हैं और आप भी उस कंपनी में आयेंगे तो उनपर अहसान करेंगे टाइप...वे बेचारे दुखी आत्मा होते हैं, अपने काम से परेशान. मुझे ऐसे लोग एक नज़र में पसंद नहीं आते...अगर आप खुद खुश नहीं हो जॉब में तो नज़र आ जाता है...मेरे जैसे किसी को तो एकदम एक बार में. दूसरी तरह के वो लोग होते हैं जिन्हें अपने काम से प्यार होता है...जब वो आपको कंपनी के बारे में बता रहे होते हैं तो गर्व मिश्रित खुशी से बताते हैं...ये खुशी उनसे फूट फूट पड़ती है...ऐसे लोगों से बात करना भी बेहद अच्छा लगता है...उनके चेहरे पर चमक होती है और सबसे बढ़कर आँखों में चमक होती है. ऐसे लोगों के साथ किसी का भी काम करने का मन करता है और इंटरव्यू का रिजल्ट जो भी आये...मैं वहां ज्वाइन करूँ या न करूं पर इंटरव्यू में मज़ा आ जाता है. आज के इंटरव्यू में ये दूसरे टाइप का बन्दा बहुत दिन बाद देखने को मिला था...एकदम दिल खुश हो गया टाइप.
मुझे एक और चीज़ भा गयी...मेरा नाम अधिकतर लोग Pooja लिख देते हैं...नाम के स्पेलिंग को लेकर बहुत टची हूँ...सेंटी हो जाती हूँ. मेरे ख्याल से ये दूसरी या तीसरी बार होगा लाइफ में कि किसी ने खुद से मेरे नाम की स्पेलिंग सही लिखी हो. मुझे नहीं मालूम कि फाइनली मैं वहां जॉब करूंगी कि नहीं...पर आज का इंटरव्यू लाइफ के कुछ बेस्ट इंटरव्यू में से एक रहेगा.
कुछ दो ढाई बजे वापस आई तो कुणाल का फोन आया उसके इनकम टैक्स के पेपर की जरूरत थी ऑफिस में. मौसम एकदम कातिलाना हो रखा था...ड्राइव करते हुए मस्त गाने सुने और उसके ऑफिस पहुंची. वहां बगल में फोरम मॉल है जहाँ उसे कुछ काम था. हम वहां गए ही थे कि भयानक तेज बारिश शुरू हो गयी...आसमान जैसे टूट कर बरस रहा था. काफी देर सब वेट किये उधर फिर ऑफिस में डिले हो रहा था तो बारिश में भी भीगते भागते सब लोग गए. मैं उस झमाझम बरसती बारिश में एक प्यारे दोस्त से बात कर रही थी...हवा बारिश से भीगी हुयी थी...मॉल में मेरी पसंद के गाने बज रहे थे...इंटरव्यू अच्छा गया था. ओफ्फ क्या मस्त माहौल था.
आज कुणाल ने ऑफिस थोड़ा बंक किया कि आठ साढ़े आठ टाइप छुट्टी...फिर घर पहुंचे. इधर एक App बनाने के मूड में हैं हम लोग तो उसी का रिसर्च चल रहा है. अभी तीन बजे तक साकिब के साथ डिस्कस किये हैं...अब सोने का टाइम आया...पर जैसा कि होता है, जाग गए हैं तो नींद नदारद. सोचा कुछ लिख लूं...अच्छे मूड में लिखने का कम ही मन करता है. बस ऐसे ही...यहाँ सकेरने का मन किया. इतनी अनप्रेडिक्टेबल लाइफ में कभी पुराने पन्ने पलटा कर देखूं तो यकीन हो तो सही कि खिलखिला के हँसने वाले दिन भी होते हैं. भोर होने को आई...अब हम सोने को जाते हैं. आप मेरी पसंद का गाना सुनिए जो मॉल में बज रहा था...बीटल्स का है. मेरा फेवरिट बैंड है.
ग्लास फ्लूट के इन्स्ट्रुमेन्टल में ये गीत...ओह...जानलेवा था...कुछ गीतों पर ऐसे ही यादें स्टैम्प हो जाती हैं...मैं इस गीत को अब कभी भी सुनूंगी..उधर फोरम मॉल की रेलिंग से नज़र आती बारिश, एक दिलफरेब आवाज़ और अनंत खुशियों को महसूस करूंगी.
Sometimes...really...all you need is a tight hug... the wonderful thing about life and friendship and love is...sometimes...a friend sitting in some forlorn corner of the world says those simple words...and you really feel like you have been hugged...tightly. Imagine...underestimating the power of words! It simply is about the intensity behind those words...when you say those words as you feel them...even if you are kilometers apart...a friend's embrace melts all your sadness away. Words heal. Words hug. Words hold your hand.
Thank you...so much...I am glad I have you in my life. I love you.
PS: It just started raining again...my friends in Delhi...I am thinking of you...and for those in the parched corner of the country...for you too. Hugs.
Sometimes...really...all you need is a tight hug... the wonderful thing about life and friendship and love is...sometimes...a friend sitting in some forlorn corner of the world says those simple words...and you really feel like you have been hugged...tightly. Imagine...underestimating the power of words! It simply is about the intensity behind those words...when you say those words as you feel them...even if you are kilometers apart...a friend's embrace melts all your sadness away. Words heal. Words hug. Words hold your hand.
Thank you...so much...I am glad I have you in my life. I love you.
PS: It just started raining again...my friends in Delhi...I am thinking of you...and for those in the parched corner of the country...for you too. Hugs.
कल शाम से ही बारिश हो रही है, झमाझम। कल ऑफिस में पहले अपनी खिड़की खोल कर बूँदों का आक्रोश निहारता रहा और अभी अपने कमरे को खोल कर पानी के सोंधेपर को पूरा फेफड़ों में भर लेने का मन है।
ReplyDeleteहर पल अपने तरह से जी लेने का आनन्द आपके शब्दों में बरसता है, बंगलोर की बारिश की तरह...
इम्प्रेस्ड ...pooja :)
ReplyDeleteबधाई बढ़िया लेखन की !
मुस्कुराती रहे ज़िन्दगी!
ReplyDeleteबहुत सुन्दर ,
ReplyDeleteआज तो बहुत कुछ मिला सिखने को...
कुँवर जी,
यानि के .....मूडी हो ...???
ReplyDeleteखुश रहो !
ये भी बढि़या है :)
ReplyDeletebadhiyaa
ReplyDeletelove, life.........zindagi!
ReplyDeleteBEAUTIFUL POST COMMENT TOMMOROW CHALEGA?
ReplyDeleteकल 19/05/2012 को आपकी यह पोस्ट नयी http://nayi-purani-halchal.blogspot.in (यशोदा अग्रवाल जी की प्रस्तुति में) पर लिंक की जा रही हैं.आपके सुझावों का स्वागत है .
ReplyDeleteधन्यवाद!