'डांस विथ मी?'
'क्यूँ'
'गाना बहुत अच्छा आ रहा है'
'और'
'धूप बड़ी खूबसूरत खिली है'
'तो'
'तुम्हारी आँखें बहुत सुन्दर लगेंगी'
'अच्छा'
'चलो, डेरी मिल्क पेपरमिंट वाला'
'प्रोमिस'
'हाँ...अब चलो भी...गाना ख़त्म हो जायेगा'
'तुम कहते हो मुझे डांस करना नहीं आता'
'अरे बाबा...आई विल लीड...तू बस ऐसे मेरे काँधे पर हाथ रख, नाउ होल्ड माय हैण्ड एंड मूव विद मी'
'ये गाना कितना पुराना है?'
'तब का है जब तुम पैदा भी नहीं हुयी थी'
'बस सोलह साल पुराना...लगता तो ऐसा है जैसे साठ साल पुराना हो...इसके साथ तो भूत भी घर के डांस करने लगे होंगे'
'वाल्त्ज़ कहते हैं इसे'
'ह्म्म्म'
---
और लड़की हँसे जा रही थी...खुश थी बहुत...क्यूँ खुश थी उसे मालूम नहीं था...उसे डांस करना एकदम नहीं आता था, ये क्लास्सिक बालरूम डांस तो एकदम नहीं...पर उसका डांस पार्टनर अभी अभी डिफेन्स अकेडमी से वापस आया था और उसके सारे स्टेप्स एकदम सिंपल थे...उसके साथ डांस करना वाकई उतना ही आसान था जितना की उसके साथ पिट्टो खेलना...वो सब कुछ बता देता था...बस उसके पीछे पीछे चलते जाओ. हालाँकि वो उससे कुछ साल बड़ा था पर ये उम्र के फासले को उसने कभी तरजीह दी ही नहीं बचपन से. एक उम्र आती है न जब अचानक से वो सारे बच्चे जिनके साथ आप खेल के बड़े हुए हैं...अचानक से लड़की और लड़के में बंट जाते हैं...लड़कियों के साथ खेलो...लड़के सब अचानक से 'भैया' की पदवी को प्राप्त हो जाते हैं. वो तो अच्छा हुआ विक्की के पापा का उस वक़्त ट्रांसफर हो गया था कुछ सालों के लिए तो वो आज भी उसे उसके नाम से बुला सकती है.
अभी कल ही तो अंकल लोग शिफ्ट हुए हैं वापस अपने घर में...सुबह सुबह सब लोग नाश्ते पर आने वाले हैं पर विक्की एकदम सुबह सुबह उठ कर आ गया है...वो तो ब्रश ही कर रही थी की पहुँच के तैयार...फिर रेडियो पर गाने आ रहे थे और वो अपने फेवरिट जगह पर थी...शीशम के पेड़ों से छन कर भोर की नर्म धूप आ रही थी...विक्की झूले को धक्का दे रहा था और झूले की पींगें बहुत ऊँची होती जा रही थीं...हवा में दोनों की किलकारियां घुलती जा रहीं थीं. दोनों अब भी बच्चों की तरह हँसते थे...बहुत देर तक झूला आसमान को चूमता रहा...धूप धूल में उनका नाम लिखती रही और भी जाने क्या क्या पैटर्न बनाती रही...धीरे धीरे झूले की रफ़्तार कम पड़ी...और रुक गयी. विक्की वहीं धूल में बैठा उसे अपनी कहानियां सुना रहा था...होस्टल की...वहाँ के लड़कों की...तीरअंदाजी के...और दर्जनों खेल जो वो खेलता था. लड़की कौतुहल से उसकी हर बात सुन रही थी...उसके लिए वो एक एकदम नयी दुनिया थी. पैर के अंगूठे से वो धूल में विक्की का नाम भी लिखती जा रही थी...साथ में अपना भी...पर यहाँ वो उसका पूरा नाम लिखती थी...विक्रम सान्याल...उसे बचपन से उसका नाम बहुत पसंद था...क्यूँ पसंद था मालूम नहीं.
विक्की ने रेडियो पर ढून्ढ के एक चैनल लगाया...जाने कहाँ का स्टेशन पकड़ रहा था...ये गाने लड़की ने कभी सुने नहीं थे...
'डांस विथ मी'
---
लड़की को एक भी गाना समझ नहीं आ रहा था पर उसे विक्की के साथ डांस करना बहुत अच्छा लग रहा था...सुबह की प्यारी धूप...हवा...झूमते शीशम के पेड़...उसकी फेवरिट लाइट ब्लू फ्रोक और आज तो विक्की ने भी बड़ा प्यारी टीशर्ट पहनी थी ब्लू रंग की...दोनों खाली पैर धूल में दुनिया का सबसे सोफिस्टिकेटेड डांस कर रहे थे ये भी लड़की को कहाँ पता था. विक्की ने कंधे से उसका हाथ बड़े प्यार से हटाया और सीने पर बायीं तरफ रखा...ठीक वहाँ जहाँ दिल होता है...लड़की की हथेली ने उसकी भागती धड़कनों को बड़े आश्चर्य से सुना.
---
'विक्की, ये तुम्हारा दिल इतनी तेज़ क्यूँ धड़क रहा है?'
लड़का एक लम्हे के लिए ठहरा और उसे बांहों में भरते हुए उसके माथे पर एक नन्हा सा किस किया.
'बिकॉज आई लव यू'
'ओह'
लड़की की आँखें आश्चर्य से और गोल गोल हो गयीं और फिर बहुत हौले से उसके चेहरे पर हलकी सी लाली आ गयी...
'और सुनो पगली...मैं स्कूल में रहूँगा अभी कुछ साल...तुम यहाँ किसी और लड़के से प्यार व्यार न कर बैठो इसलिए बताये देता हूँ...मैं वापस आऊंगा जल्दी...तब तक मेरी रहना...ओके?'
'ओके'
'प्रोमिस?'
'डेरी मिल्क दिलाओगे?'
'यस माय प्रिंसेस...और कुछ चाहिए'
'मम्म...नहीं'
---
---
क्या लगता है? हैप्पी एंडिंग होगी या सैड? वैसे तो मैं लिख रही हूँ तो जैसा मूड आये लिख सकती हूँ...लड़का दूर मिलिट्री स्कूल में है...लड़की सुन्दर है...चंचल है...जरूर उसे और कोई भी चाहता होगा...और उसे किसी और से प्यार हो गया तो?
---
---
'डांस विथ मी?'
'क्यूँ'
'अरे अभी शादी की न तुमसे'
'और'
'आई लव यू'
'तो'
'डेरी मिल्क की पूरी आलमारी है घर में'
'अच्छा'
'हमेशा इत्ता प्यार करोगे मुझसे?'
'प्रोमिस'
'तुम भी न...'
'पता है, मुझे कई बार डर लगता था कि तुम्हें कोई और चुरा ले जाएगा'
'धत...डेरी मिल्क प्रोमिस था न...कैसे टूट जाता'
---
यु नो...कुछ अच्छी चीज़ें कभी नहीं बदलतीं...उन्हें बदलना भी नहीं चाहिए...जैसे प्यार और चोकलेट का कॉम्बिनेशन...जैसे मेरा और तुम्हारा प्यार...जैसे चांदनी रात में तुम्हें याद करना...जैसे धूप में खुश हो जाना...जैसे शीशम की डाल के झूले...जैसे बाइक पर बाल खोल कर स्पीडब्रेकर जम्प करना...पतझड़ के बाद वसंत का आना...तुम्हारे फोन का अलग रिंगटोन होना...तुम्हारी हंसी में खुश हो जाना...और मेरी जान...किसी से बहुत बहुत प्यार करना तो उसके साथ हमेशा चोकलेट बाँट के खाना...डार्क चोकलेट भी.
लव यू.
'क्यूँ'
'गाना बहुत अच्छा आ रहा है'
'और'
'धूप बड़ी खूबसूरत खिली है'
'तो'
'तुम्हारी आँखें बहुत सुन्दर लगेंगी'
'अच्छा'
'चलो, डेरी मिल्क पेपरमिंट वाला'
'प्रोमिस'
'हाँ...अब चलो भी...गाना ख़त्म हो जायेगा'
'तुम कहते हो मुझे डांस करना नहीं आता'
'अरे बाबा...आई विल लीड...तू बस ऐसे मेरे काँधे पर हाथ रख, नाउ होल्ड माय हैण्ड एंड मूव विद मी'
'ये गाना कितना पुराना है?'
'तब का है जब तुम पैदा भी नहीं हुयी थी'
'बस सोलह साल पुराना...लगता तो ऐसा है जैसे साठ साल पुराना हो...इसके साथ तो भूत भी घर के डांस करने लगे होंगे'
'वाल्त्ज़ कहते हैं इसे'
'ह्म्म्म'
---
और लड़की हँसे जा रही थी...खुश थी बहुत...क्यूँ खुश थी उसे मालूम नहीं था...उसे डांस करना एकदम नहीं आता था, ये क्लास्सिक बालरूम डांस तो एकदम नहीं...पर उसका डांस पार्टनर अभी अभी डिफेन्स अकेडमी से वापस आया था और उसके सारे स्टेप्स एकदम सिंपल थे...उसके साथ डांस करना वाकई उतना ही आसान था जितना की उसके साथ पिट्टो खेलना...वो सब कुछ बता देता था...बस उसके पीछे पीछे चलते जाओ. हालाँकि वो उससे कुछ साल बड़ा था पर ये उम्र के फासले को उसने कभी तरजीह दी ही नहीं बचपन से. एक उम्र आती है न जब अचानक से वो सारे बच्चे जिनके साथ आप खेल के बड़े हुए हैं...अचानक से लड़की और लड़के में बंट जाते हैं...लड़कियों के साथ खेलो...लड़के सब अचानक से 'भैया' की पदवी को प्राप्त हो जाते हैं. वो तो अच्छा हुआ विक्की के पापा का उस वक़्त ट्रांसफर हो गया था कुछ सालों के लिए तो वो आज भी उसे उसके नाम से बुला सकती है.
अभी कल ही तो अंकल लोग शिफ्ट हुए हैं वापस अपने घर में...सुबह सुबह सब लोग नाश्ते पर आने वाले हैं पर विक्की एकदम सुबह सुबह उठ कर आ गया है...वो तो ब्रश ही कर रही थी की पहुँच के तैयार...फिर रेडियो पर गाने आ रहे थे और वो अपने फेवरिट जगह पर थी...शीशम के पेड़ों से छन कर भोर की नर्म धूप आ रही थी...विक्की झूले को धक्का दे रहा था और झूले की पींगें बहुत ऊँची होती जा रही थीं...हवा में दोनों की किलकारियां घुलती जा रहीं थीं. दोनों अब भी बच्चों की तरह हँसते थे...बहुत देर तक झूला आसमान को चूमता रहा...धूप धूल में उनका नाम लिखती रही और भी जाने क्या क्या पैटर्न बनाती रही...धीरे धीरे झूले की रफ़्तार कम पड़ी...और रुक गयी. विक्की वहीं धूल में बैठा उसे अपनी कहानियां सुना रहा था...होस्टल की...वहाँ के लड़कों की...तीरअंदाजी के...और दर्जनों खेल जो वो खेलता था. लड़की कौतुहल से उसकी हर बात सुन रही थी...उसके लिए वो एक एकदम नयी दुनिया थी. पैर के अंगूठे से वो धूल में विक्की का नाम भी लिखती जा रही थी...साथ में अपना भी...पर यहाँ वो उसका पूरा नाम लिखती थी...विक्रम सान्याल...उसे बचपन से उसका नाम बहुत पसंद था...क्यूँ पसंद था मालूम नहीं.
विक्की ने रेडियो पर ढून्ढ के एक चैनल लगाया...जाने कहाँ का स्टेशन पकड़ रहा था...ये गाने लड़की ने कभी सुने नहीं थे...
'डांस विथ मी'
---
लड़की को एक भी गाना समझ नहीं आ रहा था पर उसे विक्की के साथ डांस करना बहुत अच्छा लग रहा था...सुबह की प्यारी धूप...हवा...झूमते शीशम के पेड़...उसकी फेवरिट लाइट ब्लू फ्रोक और आज तो विक्की ने भी बड़ा प्यारी टीशर्ट पहनी थी ब्लू रंग की...दोनों खाली पैर धूल में दुनिया का सबसे सोफिस्टिकेटेड डांस कर रहे थे ये भी लड़की को कहाँ पता था. विक्की ने कंधे से उसका हाथ बड़े प्यार से हटाया और सीने पर बायीं तरफ रखा...ठीक वहाँ जहाँ दिल होता है...लड़की की हथेली ने उसकी भागती धड़कनों को बड़े आश्चर्य से सुना.
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'विक्की, ये तुम्हारा दिल इतनी तेज़ क्यूँ धड़क रहा है?'
लड़का एक लम्हे के लिए ठहरा और उसे बांहों में भरते हुए उसके माथे पर एक नन्हा सा किस किया.
'बिकॉज आई लव यू'
'ओह'
लड़की की आँखें आश्चर्य से और गोल गोल हो गयीं और फिर बहुत हौले से उसके चेहरे पर हलकी सी लाली आ गयी...
'और सुनो पगली...मैं स्कूल में रहूँगा अभी कुछ साल...तुम यहाँ किसी और लड़के से प्यार व्यार न कर बैठो इसलिए बताये देता हूँ...मैं वापस आऊंगा जल्दी...तब तक मेरी रहना...ओके?'
'ओके'
'प्रोमिस?'
'डेरी मिल्क दिलाओगे?'
'यस माय प्रिंसेस...और कुछ चाहिए'
'मम्म...नहीं'
---
---
क्या लगता है? हैप्पी एंडिंग होगी या सैड? वैसे तो मैं लिख रही हूँ तो जैसा मूड आये लिख सकती हूँ...लड़का दूर मिलिट्री स्कूल में है...लड़की सुन्दर है...चंचल है...जरूर उसे और कोई भी चाहता होगा...और उसे किसी और से प्यार हो गया तो?
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'डांस विथ मी?'
'क्यूँ'
'अरे अभी शादी की न तुमसे'
'और'
'आई लव यू'
'तो'
'डेरी मिल्क की पूरी आलमारी है घर में'
'अच्छा'
'हमेशा इत्ता प्यार करोगे मुझसे?'
'प्रोमिस'
'तुम भी न...'
'पता है, मुझे कई बार डर लगता था कि तुम्हें कोई और चुरा ले जाएगा'
'धत...डेरी मिल्क प्रोमिस था न...कैसे टूट जाता'
---
यु नो...कुछ अच्छी चीज़ें कभी नहीं बदलतीं...उन्हें बदलना भी नहीं चाहिए...जैसे प्यार और चोकलेट का कॉम्बिनेशन...जैसे मेरा और तुम्हारा प्यार...जैसे चांदनी रात में तुम्हें याद करना...जैसे धूप में खुश हो जाना...जैसे शीशम की डाल के झूले...जैसे बाइक पर बाल खोल कर स्पीडब्रेकर जम्प करना...पतझड़ के बाद वसंत का आना...तुम्हारे फोन का अलग रिंगटोन होना...तुम्हारी हंसी में खुश हो जाना...और मेरी जान...किसी से बहुत बहुत प्यार करना तो उसके साथ हमेशा चोकलेट बाँट के खाना...डार्क चोकलेट भी.
लव यू.
प्यार को तुमने अपना गुलाम बना लिया है अलादीन का जिराग...फूंक मारो और वो हाज़िर :-)
ReplyDeleteCan't stop smiling after reading this :) :)
DeleteYahan se flying kiss bhejun to aapke London tak pahunchega?
pata hai aapka blogs pad ki itna maja aata hai jitna kabhi bhi kisi or cheej nahi aaya... aapke blog ko pad ke mujhe bhi kuch likhne ka man karta hai... nice... keep it up
ReplyDeleteबहुत बेहतरीन....
ReplyDeleteमेरे ब्लॉग पर आपका हार्दिक स्वागत है।
बहुत ही बेहतरीन रचना....
ReplyDeleteमेरे ब्लॉग पर आपका स्वागत है।
डेलिकेट डांसिंग, पता नहीं लड़कियों को डांसिंग क्यों पसंद है।
ReplyDeleteये तो मुझे भी पता नहीं :) पर बहुत से लड़कों को भी डांसिंग पसंद होती है :) :)
Deleteचलिये डांस और मन की उथल पुथल पर भी एक पोस्ट बनी...डांस मुझे भी भाता है पर डेलिकेट नहीं।
Deletebahot pasand aayee......
ReplyDeleteThis comment has been removed by a blog administrator.
ReplyDeleteThis comment has been removed by the author.
Deleteदोनों जगह एक ही बात ....
ReplyDeleteअनुशील और लहरें ...
और ..मेरी एक सलाह !!!
जो बुरा लगे ,उसे भूल जा
जो अच्छा लगे ,उसे याद रख
जो कढवा लगे ,उसे थूक दे
जो स्वाद लगे,उसे और चख ||
दोनों के स्नेह को ...
शुभकामनाएँ!
As sweet and lovable as dairy-milk, as gentle and delicate as Waltz.
ReplyDeleteLoved every word of it. :)