11 June, 2010
जन्मदिन के फलसफे
मुझे इस बार अपने जन्मदिन से डर लग रहा था. यूँ तो बहुत ज्यादा नंबरों पर ध्यान नहीं देती हूँ पर ये संख्या थी ही ऐसी कि घबराहट होने लगी. कल मेरा जन्मदिन था, और मैं सत्ताईस साल की हो गयी. कोई बहुत बड़ी घटना नहीं थी ये...देश दुनिया में बहुत कुछ उलट पुलट हो रहा था...या यूँ भी कह सकते हैं कि दुनिया में कहीं कुछ भी नहीं हो रहा था. सब ठहरा हुआ था, अपराधियों को सजा नहीं मिल रही थी, कुछ फरार थे...इन्साफ मांगते लोग थक गए थे आदि.
२६ फिर भी बहुत हद तक पच्चीस के आसपास लगता है. मुझे नहीं मालूम कि सोलह वाला खास होना क्या होता है, पर पच्चीस वाला ख़ास होना बड़े अच्छे से महसूस किया है. और ये जिंदगी का एक बेहद खूबसूरत हिस्सा था. २७ एकदम तीस के पास लगता है, आंटी कहलाने वाला डर...नकार दिया जाने वाला डर...जिजीविषा ना होने वाला डर. और मैं काफी दिनों से मन ही मन परेशान हो रही थी, कि इत्ती उम्र हो गयी, सब बच्चे हैं ऑफिस में मेरे सामने, वगैरह.
इन सब के बावजूद कल मुझे बहुत अच्छा लगा. कुणाल कल रात हमको बिना बताये कार में उठा के चलता बना...हमने जैसे सदियों बाद थोड़ा वक़्त साथ बिताया. साथ डिनर किया और खाना भी बहुत अच्छा था...वापसी में केक उठाये और घर आके काटा और जन्मदिन मनाया. दिन में ऑफिस वालों के साथ खाने पर बाहर गए...और रात में फिर कुणाल के साथ बाहर खाना, पर ये बस एक फटाफट इन्तेजाम टाइप्स था.
मुझे वक़्त मिलता है तो अपने बारे में सोचती हूँ...और मुझे लगा कि किसी भी चीज़ को समझने के लिए पहले उसको पूरी तरह जानना जरूरी है, सारी तहों को खोलकर फुर्सत में एक एक बारीकी को समझना जरूरी है...मैंने वक़्त निकाल के यह किया...और मुझे अच्छा लगा. खुद को बहुत हद तक जाना मैंने और अब जाके थोड़ा थोड़ा समझने लगी हूँ. ये अपनेआप में एक बेहद खूबसूरत अहसास होता है.
I knew while walking on this path called life...that to understand yourself, first you need to know yourself thoroughly, inside out...and then you understand what or who you really are...and from here the first seed of acceptance are sown...this someday might grow into a larger and better understanding of the world around me...and this is very comforting.
इसलिए अब मुझे घबराहट नहीं होती. मैं समझती हूँ कि बचपना नहीं कर सकती, नहीं करना चाहिए पर बच्चे की मासूमियत और शरारत होना कोई गलत बात नहीं है किसी भी उम्र में. अंग्रेजी में कहते हैं ना "there is a difference between childish and child like" कुछ कुछ वैसा ही.
और मैंने जाना कि जिंदगी में कुछ चीज़ें जरूरी होती हैं, जैसे मन की शांति...ये अपना काम पूरी ईमानदारी से करने से आती है, काम यानि सिर्फ ऑफिस का काम नहीं...कुछ भी काम. और ये कि जिंदगी में कौन से लोग जरूरी हैं...ये भी कि सब कुछ होते हुए भी कुछ ऐसा है जो मेरा सिर्फ अपना है, जो मैं किसी से बाँट नहीं सकती, बांटना नहीं चाहती...ये जो मेरा है...यही मैं हूँ...मेरी पहचान.
मैंने ये भी समझा, एक बेहद उतार चढाव वाले दिन में...कि ख़ुशी या ग़म, कोई भी हमेशा नहीं रहता...तो यकीन होना चाहिए कि वक़्त गुज़र जाएगा. ये हमेशा से जानती थी, पर माना आज के दिन ही. और हर दौर की एक अपनी जरूरत होती है, और उसके आने से जिंदगी वो होती है जो वो है.
हर ख़ास दिन मेरा इस बात में विश्वास गहरा जाता है कि जिंदगी में प्यार से जरूरी कुछ और नहीं है. कि किसी के साथ बिताये चंद लम्हे कितने दिनों की मुस्कान का सबब बने रहते हैं. कि इश्क सदाबहार होता है...कि उसपर कभी पतझड़ का मौसम नहीं आता...कि मैं लकी हूँ कि मेरी जिंदगी में कुणाल है.
ये वाली तस्वीर मेरी सबसे पसंदीदा है...एक २७ साल की पूजा का...जिसकी आँखों में मुझे एक ढाई साल की पम्मी भी दिखती है.
जन्मदिन मुबारक मेरी जान! ... 27 whatever...sweetheart...you rock!
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पूजा जी, जन्म दिन की बधाई और आशीर्वाद भी..
ReplyDeleteढाई साल की पम्मी को हमेशा बचाए रखना, बहुत खुशियां दिलाएगा.
पूजा,
ReplyDeleteजन्मदिन की हार्दिक बधाइयाँ और शुभकामनाएं !
पूजा ji,
ReplyDeleteजन्मदिन की हार्दिक बधाइयाँ और शुभकामनाएं !
जन्मदिन की हार्दिक बधाइयाँ और शुभकामनाएं ..
ReplyDeleteHAPPY BIRTHDAY POOJA ..
ReplyDeleteजन्मदिन की शुभकामनायें । उम्र में एक पॉज़ का बटन होता है, खोजिये कहाँ छिपा है और बिना झिझक दबा दीजिये ।
ReplyDeleteजन्मदिन की बहुत बहुत बधाई और ढेरों आशीर्वाद्
ReplyDeleteजन्मदिवस की हार्दिक शुभकामनाये स्वीकार करे....२७ पार होकर आंटी होने के डर से लेकर मन की शान्ति तक और फिर पम्मी होने के एहसास तक जो भी आत्मविश्लेषण हुआ वो आदर्श के काफी करीब था....मै अक्सर सोचा करता था की आखिर होना क्या चाहिए जन्मदिन के अवसर पर...यही होना चाहिए...आत्मविश्लेषण...
ReplyDeleteकुंवर जी,
ये वाली तस्वीर मेरी सबसे पसंदीदा है...जिसकी आँखों में मुझे एक ढाई साल की पम्मी भी दिखती है.
ReplyDeleteक्योंकि इसमें आँखे दिख जो रही है.. बाकी फोटोस में तो आँखे ही नहीं दिखी.. ये केक के पास रिद्धि सिद्धि के रूप में डेरी मिल्क क्यों रखी हुई है.. ?
भगवान करे अगला बर्थ डे इस से भी अच्छा रहे.. और हाँ ज़रा संभालना.. कही आस पास के बच्चे पम्मी आंटी ना कह दे.. और तुम्हारे कानो में गूंजता रहे.. आंटी आंटी आंटी..
बहरहाल हैप्पी वाला बर्थडे रख लों
जन्म दिन की अनंत शुभकामनाएं....
ReplyDeleteजबतक पच्चीस की हुई,अपने हर जन्मदिन पर मैं बेतहाशा रोया करती...सब परेशान , मैं भी परेशान...क्योंकि चाहकर भी मैं अपनी रुलाई नहीं रोक पाती ...दरसल जैसे ही मन में यह आता कि एक वर्ष और बीत गया,पर संतोष पाने लायक,उल्लेखनीय कुछ तो न किया अबतक...बस ढार ढार आंसू....
लेकिन इसके बाद कुछ कुछ बदलने लगा...अपने आस पास अपने से जुड़े लोगों को जैसे जैसे सुख संतोष देने में सक्षम होती गयी,मैं भी संतोष पाती गयी और अब नहीं लगता कि कुछ नहीं किया...अब उम्र का बीतना मन पर दुखद या सुखद कोई भी प्रभाव नहीं डालता...क्योंकि अबतक इतना कुछ कमा लिया है कि अगले ही पल अगर जाने का बुलावा आया तो संतोष की एक लम्बी सांस ले आराम से जा सकती हूँ....
देखो ,ऐसा ही कुछ शायद तुम्हारे साथ भी हो...
जीवन में आवश्यक संतोष कमाना ही है,मैंने तो यही जाना...बाकी सब बेमानी है कि किसने तुमने छोटा समझा या आंटी...
जन्मदिन मुबारक।
ReplyDelete'आँखों में मुझे एक ढाई साल की पम्मी' या फिर दिल और दिमाग में बचपन की निर्दोषिता और जिज्ञासा।
मुआ केक का टुकड़ा ......अब तक रास्ते में है .....हमारे लिए पम्मी ही रहोगी...
ReplyDeleteहाँ तस्वीर अलबत्ता हमें दूसरी पसंद है .तुम्हे मालूम है कौन सी....
Happy birthday to you puja.
ReplyDeleteThought we have never met nor talked to each other. Even then it seems to me as if I know you (after reading your blogs for some time). You are someone from near around me.
बहुत बहुत शुभकामनाएं तुम्हें और तुमारे कुणाल को पूजा.
ReplyDeletehappy birthday pooja ! बहुत दिनों से सोच रही थी तुम्हारे ब्लॉग पर आने के लिए और देखो आयी भी तो जन्मदिन पर...
ReplyDeleteऔर भाई जिसको भी बड़े या बूढ़े होने की चिंता लग जाती है, उसे मैं ये कह कर कंसोल कर देती हूँ कि मैं इकतीस साल की हूँ और बिंदास... कोई चिंता नहीं ... थोड़े दिन पहले पंकज को भी समझाया था कि मुझे देखो और थोडा इत्मीनान रखो... just kidding...:-)
हाँ, शायद मेरे खुश रहने की वजह भी ये प्यार ही है...
ये जो फटाफट इन्तेजाम टाईप्स था, कितना अच्छा था.
ReplyDeleteहेप्पी बर्थडे.
belated birthday wishes...:)
ReplyDeletehave wonderful and fulfilling year ahead...
मुझे तो हमेशा पम्मी ही दिखती है.. हाँ मगर जब कभी परेशान होता हूँ तो पूजा कहीं से आ टपकती है..
ReplyDeleteमैं सत्ताईस साल की हो गयी. कोई बहुत बड़ी घटना नहीं थी ये...देश दुनिया में बहुत कुछ उलट पुलट हो रहा था...या यूँ भी कह सकते हैं कि दुनिया में कहीं कुछ भी नहीं हो रहा था. सब ठहरा हुआ था, अपराधियों को सजा नहीं मिल रही थी, कुछ फरार थे...इन्साफ मांगते लोग थक गए थे आदि.
ReplyDelete... खुबसूरत एंगल
I read your blog daily. Your Writing Style is very unique which attracts me
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