01 June, 2010

धुएं में लिपटी आवाज

वो कार से उतरते ही फ़ोन लगाती है. और बात करते हुए ही घर में जाती है. अँधेरे घर की लाईट अकेले जलाना अच्छा नहीं लगता इसलिए. फ़ोन की आवाजें कभी फ़ोन में नहीं रहतीं, पूरे घर में चहलकदमी करने लगती हैं. वो सोचती है कि उसे लोगों की आवाजों की कई बारीकियां मालूम हैं.

उसके रिश्ते फकत घर में टहलती इन आवाजों से है, पुरानी, छोड़ी हुयी, गिरती इमारतों की तरह. घर लौटना हमेशा अकेला होता है...किससे बात कर रही है उसके हिसाब से आवाज का एक पसंदीदा कोना होता उस घर में, एक कमरे का छोटा सा घर. एक आवाज है जो एक अकेली बालकनी में टंग जाती है और सिगरेट फूंकती रहती है, उस आवाज से उसे अजीब सा लगाव हो गया है. उस आवाज में गाहे बगाहे ट्रैफिक भी गलबहियां डाले मिलता है, तब वो आवाज एक अकेले की ना होके एक शहर की हो जाती है...एक कभी ना सोने वाले शहर की. वो अक्सर उस आवाज से सिगरेट छीन कर अपनी व्हिस्की के ग्लास में डुबा देती है, फिर रात को पीने का मूड नहीं होता. दूसरा पैग वो वैसे भी खुद अकेले के लिए कभी नहीं बनाती. और वो अक्सर अकेले ही पीती है. अजनबी लोगों के साथ वो जूस या कुछ और पीती है...अजनबी...उसकी जिंदगी में सब अजनबी ही लोग आते हैं. जान पहचान के लोग चाँद पर बने कोलनियों में शिफ्ट कर गए हैं. वहां जाने का किराया नहीं है उसके पास.

उसकी कई बार इच्छा होती है कि इस पसंदीदा आवाज को रिकोर्ड कर ले पर ये बात वो उसे बता नहीं सकती इस लिए रिकोर्ड भी नहीं करती है. भागते शहर के ठहरे हुए ट्रैफिक में रेडियो या सीडी सुनने के बजाये उसकी आवाज सुनेगी तो लगेगा वो उसके साथ लॉन्ग ड्राइव पर गयी है. कार चलते हुए बात नहीं करने का उसका नियम है. वैसे भी वो आजकल बहुत ज्यादा नियमों से बंधने लगी है. उसे अपना बहुत पुराना लिखा कुछ याद आता है "एक उम्र में आ के हर लड़की अपनी माँ की तरह हो जाती है". वो भी अपनी माँ की तरह चीज़ों को करीने से करने लगी है, बहुत कुछ बनाना सीख लिया है उसने. उसकी इच्छा होती है कि माँ होती तो उससे पूछती कि वो उसके जैसे हुयी है कि नहीं कितना बाकी है. उसे अपनी तरह पुरानी चीज़ें अच्छी लगने लगी हैं.
उसे बालों को रंगना पसंद नहीं है, हालाँकि लोग कहते हैं कि उसपर सफ़ेद बाल बहुत सूट करते हैं स्मार्ट और कूल लगती है वो.

उसकी बहनों के बच्चे अपनी इस मौसी को बहुत पसंद करते हैं, उसके गिफ्ट सबसे अच्छे होते हैं. आखिर वो गिफ्ट खरीदती भी तो है सबसे अलग और ढूंढ ढूंढ कर...वो सब कुछ जो शायद उसे कभी खुद के लिए चाहिए होता. पिछले महीने उसने नीलाभ के लिए मोटरसाइकिल खरीदी थी, सबसे लेटेस्ट वाली...नीलाभ नाम भी तो उसी का दिया हुआ है. जिस शाम बच्चे फ़ोन करते हैं वो अपना डाइटिंग मिस कर देती है और आइसक्रीम या गुलाबजामुन खाती है. एक आधा किलोमीटर ज्यादा jog कर लेती है और यूँ ही मुस्कुराते रहती है.

उसकी जिंदगी में सब कुछ जल्दी जल्दी बदलता रहता है, शहर, देश, सोने का समय उठने का समय...पर हर बार लौट के एक घर होता है, और एक आवाज. उसे कुछ और नहीं चाहिए बस उस फ़ोन की आवाज की सीडी.
क्या उसे पूछ के रिकोर्ड करना चाहिए या बिना पूछे?

18 comments:

  1. jahan badal jaye,par kabhi na ghar badle..yun hi jiye jaye..rishton ki na umar badle

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  2. बहुत ही शानदार कहानी......महानगरीय सभ्यता के अलगाव को दिखाती यह कहानी बहुत ही पके हुए साहित्यकार के रूप में आपको प्रतिष्ठित करेगी......! बहुत बहुत अच्छी रचना....!

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  3. ... बहुत सुंदर प्रस्तुति है ......धन्यवाद .

    iisanuii.blogspot.com

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  4. ऑफ़ कोर्स बिना पूछे रिकोर्ड करना चाहिए... एक शब्द होती है - तल्लीनता... वो वहीँ से आती है ... जैसे एक अरसे बाद समाधि की तस्वीर लेना, या फिर ट्राफिक लाइटों का सारा शोट एक दूसरे में मर्ज़ हो जाना, आदमी, आदमी और आदमी का होना, पेड़, पेड़ और पेड़ का होना, पहाड़, पहाड़ और पहाड़ का होना फिर इन बहुवचन का कोई एकवचन होना... कोमन होना...

    छलके हुए प्रकाश में भागती रौशनी को पकड़ना..... मज़ा तो तब है जब रौशनी रेटिना से होकर भागती ही जाए... फिर बूढ़े हो जाना...

    ... अंत में अज़दक जैसा पन्ना लिखना...

    ऑफ़ कोर्स बिना पूछे रिकोर्ड करना चाहिए.

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  5. पुष्पक......कमल हासन .....ओर होटल का कमरा......

    आवाजे भी कब जिंदगी का हिस्सा बन जाती है पता नहीं चलता .......ओर खामोशिया भी !!!!!

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  6. ग्रोईंग गर्ल..

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  7. कुछ काम में पूछने की मनाही होती है

    जैसे प्यार करना
    मजाक करना और
    आवाज़ रिकार्ड करना ... :)

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  8. nice post



    bahut achha laga pad kar

    bahut khub

    http://kavyawani.blogspot.com/

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  9. khamoshiyon mein hum na jane kitne kisse bunte hain apne ander hi ander.....

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  10. अति उत्तम रचना....धन्यवाद .

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  11. अति उत्तम रचना....धन्यवाद .

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  12. @सागर
    'ऑफ़ कोर्स बिना पूछे रिकोर्ड करना चाहिए'

    डरा रहे हो ;)

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  13. @ पंकज,
    चोर के दाढ़ी में तिनका :)

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  14. @ pankaj,

    ab yahan ka bolen aapko amit bhaiya ?

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  15. सागर, पंकज तुम दोनों यहाँ कहे झगड रहे हो भाई, लोग कन्फ्यूज हो जायेंगे,मामला क्लियर कर दूं क्या? ;)

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  16. कोई जवाब अभी तक नहीं आया.. मामला सुलत गया क्या?? :D

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