आज हम सुबह से सेंटी हुए जा रहे हैं...वैसे तो कवि को चौबीसों घंटे सेंटी होने का हक मिला रहता है पर बाकी लोगो की तबियत का ख्याल रखना पड़ता है...तो हम जियो और जीने दो के तहत अपना सारा सेंटी दिल में दफ़न कर लेते हैं। और जब सेंटी होने का दिन आता है तो सारे गड़े मुर्दे उखाड़ कर घोर सेंटी हो जाते हैं।
बात ये है कि किसी कमबख्त ऑफिस वालों ने रिसेशन के ज़माने में भी वैकेंसी निकाल दी, हम भी बैठे ठाले मगजमारी ही कर रहे थे, अब भाई ब्लॉग्गिंग के पैसे थोड़े मिलते हैं...और जिस फ़िल्म की महान स्क्रिप्ट पर हम काम कर रहे थे उसकी एक एक डिटेल किसी को सुनाये बिना चैन ही ना पड़ता था। इस चक्कर में मुझ बेचारी का मोबाइल बिल खाने पीने से ज्यादा महंगा पड़ रहा था। तो हमने सोचा चले जाते हैं इंटरव्यू देने...किसी का दिमाग खायेंगे, थोड़ा खाने के पैसे बचेंगे। मज़े से गए और चूँकि टेंशन कुछ थी नहीं...एकदम बिंदास इंटरव्यू दे दिए...उन बेचारों को शायद हमारी शकल पसंद आ गई...सो उन्होंने अकल टेस्टिंग के लिए एक कॉपी टेस्ट थमा दिया।
ये कॉपी टेस्ट एक ऐसी बला होती है जिसकी तुलना हमें अपने ड्राइविंग लाइसेंस के लिए दिए गए रिटेन एक्साम के अलावा किसी से नहीं कर सकते हैं। कॉपी टेस्ट एक ऐसा टेस्ट होता है जो आपके दिमागी घुमक्कड़पने (पागलपंथी?)को टेस्ट करता है...और बखूबी करता है। मसलन...एक सवाल था...
"Concoct a short story (about 250 words) that starts with Neil Armstrong going on the moon mission, and ends with Mallika Sherawat kissing John F Kennedy। Other characters in the story are a goat, an umbrella, and an undertaker। "
इसका जवाब हम किसी दिन जरूर पोस्ट करेंगे ये वादा है हमारा...और जनाब ऐसे पाँच सवाल थे। सभी सवालों में ऐसी खुराफात मचाई थी हमने कि क्या बताएं, भाई बड़ा मज़ा आया था लिखने में। अब पढने वाले का क्या हाल हुआ था वो हमें नहीं मालूम...पर इसके बाद हमारा एक और राउंड हुआ इंटरव्यू का और फ़िर से तीन सवाल हल करने को दिए गए।
कॉपी टेस्ट घर लाकर करना होता है...यानि कि नींद ख़राब, खाना ख़राब...और सबसे बढ़कर ब्लॉग्गिंग की वाट लग गई, अपना तो ये हाल है कि ब्लॉगर पहले हैं इंसान बाद में तो समझ सकते हैं कि ब्लॉग्गिंग नहीं करने पर कितना गहरा अपराध बोध होता है...लगता है कोई पाप कर रहे हैं, हाय राम पोस्ट नहीं लिखी, कमेन्ट नहीं दिया, चिट्ठाचर्चा नहीं पढ़ी, ताऊ की पहेली का जवाब नहीं ढूँढा...ऐसे ही चलता रहा तो जो भगवान के दूतों ने ब्लॉग्गिंग पर डॉक्टरेट कि डिग्री दे ही वो भी कहीं निरस्त ना हो जाए। अब हम कोई दोक्टोरी पढ़े तो हैं नहीं कि भैया एक बार पढ़ लिए तो हो गए जिंदगी भर के लिए डॉक्टर...हमारा तो दिल ही बैठ जाता है मारे घबराहट के चक्कर आने लगते हैं।
तो मुए ऑफिस वालों ने हमें कह दिया कि मैडम आप आ जाईये हमें आप जैसे पागलों की ही जरूरत है...monday यानि कि १३ बड़ी शुभ तारीख है, तो आप हमारे ऑफिस को कृतार्थ कीजिये। हम तो सदमे में हैं तब से...कहाँ फ्रीलांसिंग का ऐशो आराम और कहाँ साढ़े नौ से छः बजे की खिट खिट उसमें हम ठहरे बहता पानी निर्मला...एक जगह टिक के बैठने में घोर कष्ट होता है हमें।
जले पर नमक छिड़कने को सुबह सुबह एयरटेल वालो का फ़ोन आ गया...हमारे इन्टरनेट कनेक्शन पर 15gb फ्री दे रहे थे डाऊनलोड...मानो उन्हें भी सपना आ गया हो कि हमें अब घर में नेट पर बैठने कि फुर्सत ही नहीं मिलेगी। बस ये आखिरी वार हमारी कमर तोड़ गया...हम तबसे बड़ी हसरतों से अपने लैपटॉप को देख रहे हैं।
मौका है, माहौल है, दस्तूर भी है....सेंटी हो लेते हैं। जाने कैसा होगा ऑफिस और कितनी फुर्सत मिल पाएगी....मेरे बिना अमीबा जैसे प्राणियों पर कौन पोस्ट लिखेगा...उनका उद्धार कैसे होगा। और सबसे बढ़कर मेरा मोक्ष अटक जायेगा...आप तो जानते हैं कि कलयुग में बिना ब्लॉग्गिंग के मोक्ष नहीं मिलता। शायद अगले जनम में फ़िर पोस्टिंग होगी...या हम भी भूत योनि में ही ब्लोग्गिन करने लगें, कौन जाने!
मगर हम हिम्मत नहीं हारे हैं...ब्लॉग्गिंग के गुरुओं से हम माइक्रो पोस्ट लिखना सीखेंगे...या कुछ और उपाय...आज से हम जुगाडू ब्लॉग्गिंग करेंगे। कोई ना कोई जुगाड़ तो होगा ही :)
जुगाडू ब्लोगिंग वाह क्या बात है !
ReplyDeleteजब आपको कुछ पता चल जाये तो हमें भी बता दीजियेगा .....हम भी फायदा उठा लेंगे फिर
मेरी कलम - मेरी अभिव्यक्ति
बधाई।
ReplyDeleteअगर दफ्तर के समय तय हैं - तब तो ब्लॉगिंग में परेशानी कहां। हमारे जैसे की सोचें, जिसकी नौकरी 24X7 की है! :)
वाह , क्या खूब लिखा है , सेंटी सेंटी कह कर क्या खूब हंसाया है |
ReplyDeleteनया आफ़िस ज्वाइन करने की बधाई. और ब्लागिंग तो वो बाढ का पानी है जो चाहे जितनी पाल लगालो ..कहीं ना कहीं से फ़ूट ही लेगा. आप चिंता मत करिये..आपका खाना पीना बंद हो सकता है पर ब्लागिंग रुपी बाढ कभी नही रुकेगी.:)
ReplyDeleteरामराम.
क्या पूजा जी, आप इतने दिन बड़े बड़े घाघड़ ब्लोगरों के बीच में रहकर भी कुछ नहीं सीख पाईं. बच्चों की तरह परेशान हो रही हैं. अरे असली ब्लोगिंग तो ऑफिस में ही होती है. इतिहास गवाह है की बड़ी बड़ी क्रांतिकारी ऐतिहासिक पोस्टें ऑफिस में ही बैठकर (कंपनी/सरकार की चाय पीते हुए) ही लिखी गयी हैं. ये जो बड़े बड़े सिर वाले ब्लोगर हैं वो क्या घर में बैठकर लिखते हैं. अरे इनके घरों में तो इंटरनेट भी नहीं है; शायद कम्प्युटर भी नहीं (कौन पैसा फंसाए). और फिर घर में ब्लोगिंग करेंगे तो बीबी के लिए खाना कौन पकाएगा, कपडे कौन धोएगा? मैडम प्राण न हर लेंगी?
ReplyDeleteआप आराम से ऑफिस ज्वाइन कीजिये और देखिये धीरे-धीरे आपकी पोस्ट्स की लम्बाई कैसे बढ़ती है :)
सेंटीज़्म की जय हो
ReplyDelete:( --> :)
ReplyDeletenaye office ki bahut badhai,ab aap lambi post likhe na likhe,kavita jarur lithti rahe :),varna to hamara hi nuksan hai:),wo delhi ki galiyon ke charche,wo chand rangin haseen kaha milega hame:)
ReplyDeleteजय हो॥
ReplyDeleteव्यस्त जीवन और अधिक सृजनशील हो जाता है। शुभकामनाएँ। कहते हैं कि-
ReplyDeleteमन अर्जुन का भटक रहा हो,
सारथि बुद्धि कृष्ण बना लो,
विश्वासों की हो प्रत्यंचा,
और कर्मगति के बाण,
यह जीवन भी कुरुक्षेत्र है,
जहाँ हर पल है संग्राम।।
सादर
श्यामल सुमन
09955373288
मुश्किलों से भागने की अपनी फितरत है नहीं।
कोशिशें गर दिल से हो तो जल उठेगी खुद शमां।।
www.manoramsuman.blogspot.com
shyamalsuman@gmail.com
बधाई !
ReplyDeleteजहाँ तक जुगाड़ की बात है - आपने लिख ही दिया - माईक्रो ब्लॉगिंग इसका इलाज है। कुछ और भी जुगाड़ है, त्वरित / माईक्रो ब्लॉगिंग के। जैसे
- ट्विटर (twitter.com) SMS to Blog-like
अपने आलोक जी का ही चिट्ठा "नौ दो ग्यारह" देख लीजिये उदाहरण के लिये। माईक्रो क्या, वे तो नैनो पोस्ट भी कर देते हैं।
यदि फ़टाफ़ट ब्लॉग पोस्ट लिखनी है तो एक और भी सुविधा बढ़िया है - http://posterous.com/ यदि GPRS/3G फोन हो और अनुभव हो जाय तो रास्ते चलते भी, फ़टाफ़ट पोस्ट हो सकती है|
नयी स्क्रिप्ट दुनिया में बाँट दी... और हमें खबर तक नहीं.. वेरी बेड
ReplyDeleteजुगाडू ब्लॉगिंग सीखना है तो हमसे सीख लो.. सस्ते में सीखा दूंगा.. पिछले ३ साल से यही तो कर रहा हूँ.. ;)
ReplyDelete@ PD, saste me nahin seekhenge...fokat me sikhana ho to bolo.
ReplyDelete@kush,dekh to rahe ho yaar ki khana peena tak chhoot gaya tha script likhne ke chakkar me...aur uske baad senti hi huye jaa rahe the, kaise batate tumhein :)
सेंटी पोस्ट :) ब्लागिंग मर्ज़ है ऐसा जो अब छूट नहीं सकता है जी ..जुगाड़ बन ही जायेगा देखना माइक्रो पोस्ट का भी और अमीबा पोस्ट का भी :) नया आफ़िस ज्वाइन करने की बधाई.
ReplyDeleteसेंटियापे की जय हो. हमें तो उस कॉपी टेस्ट के पेपर के जवाब वाली पोस्ट का इंतजार है. बाकी ब्लागिंग चलती रहे, यही कामना है.
ReplyDeletepahli bar padha aapko maza aaya . keep blogging either macro or micro...
ReplyDeleteभारत भ्रमण म्हें किया देखा अपरम्पार ...
ReplyDeleteजीवन में जो मिला सब का सब जुगाड़
पर अब तो पूजाजी,हो गई हद भी पार
पोस्ट पे सेंटीयापा और ब्लोगिंग में जुगाड़...
बधाई...!
जय हो! जय हो! अब किसकी हिम्मत जो डा.पूजा से डाक्टरी की डिग्री छीन ले। नयी नौकरी की बधाई। अब बंगलौर की गलियां भी बहुत अच्छी लगने लगेगी।
ReplyDeleteवो टेस्ट के जबाब का इंतजार है हमें तो!
pooja vaise main blog likha hon.. but kam hi likha hoon.. but chatting ki aadat itni pad gayi h ki wo mujhse juda nahi ho pati h.....
ReplyDeleteisliye bol raha hoon... ye aise... bhoot h... chatting nd bloogr bhoot ki jitna running karoge... utna karib aata h....
baki to likh hi lena... blog.. chote mote... maine bhi 2 chote blog likhe h...............
मुझे लगता है, जिस तरह का ये इश्क है आपका की इतना सेंटी हुए जा रहें हैं, ब्लॉग्गिंग इसी रफ्तार से चलेगा.
ReplyDeleteबहुत खूब। सबसे पहले तो नई नौकरी की बधाई. बुहत इंट्रस्टिंग तरीके से कही है आपने अपनी बात। मजा आ गया पोस्ट पढ़कर। और हां, हम इंतजार करेंगे उन सवालों का जवाब आप कब पोस्ट कर रही हैं?
ReplyDeleteCongrats!! :) Wasie humari bhi yahi samsya hai aur shayad kuch jyada hi badi hai isliye jyda post thel nahin pate..
ReplyDeleteWasie microblogging ke liye, Twitter use kar sakti hain. Use blog ke saath link kar dijiye. Wasie hum use isliye use nahin karte kyunki hum utna kam bol nahi pate hain. Shayad aapko bhi problem hogi :P
पूजा,
ReplyDeleteमैनें आप का ब्लाग देखा। बहुत अच्छा लगा।
आप मेरे ब्लाग पर आयें,यकीनन अच्छा लगेगा
और अपने विचार जरूर दें।प्लीज.............
जब आप अपनी फ़िल्म बनायेंगी ,मुझे यकीन
है कि गीत मैं ही लिखुँगा।है ना....
हम तो समझे थे सेंटी वाला मामला है ये तो अंटी वाला मामला निकला।
ReplyDeleteखैर, जुगाड़ पर पूरा देश चल रहा है और, आपकी प्रतिभा देखकर मुझे पूरा यकीन है कि जुगडिया ही लीजिएगा।
सबसे पहले तो बधाई। अजी आफिस में बैठकर तो बहुत ही मजेदार ब्लोगिग होती है। समय से पहले आफिस पहुँचकर कुछ पोस्ट पढ डालो। टी ब्रेक में अपनी पोस्ट डाल दो। लंच में साथियों की पोस्ट पढ डालो। और फिर भी मन ना माने तो छुप छुप के ब्लोगिग कर डालो।
ReplyDeleteनई सर्विस की बधाई। अरे यार मैं तो आपको सिर्फ़ कवि ही समझता था। मगर आप तो व्यंग्यकार भी बहुत ज़बरदस्त हैं। क्या बात है। जनाब हो सके तो अख़बारो में छपने के लिए व्यंग्य भी लिखने शुरु कर दें। समय निकालने से निकलता है।
ReplyDeleteअच्छी लगी आपकी पोस्ट।
माफ़ कीजिएगा कवि नहीं कवियत्री :-):-):-):-)
ReplyDeleteपूजा जी,
ReplyDeleteजो आपकी पोस्ट पर आपके लिए शेर लिखा था उस शेर ने रचना का रूप ले लिया है। अगर समय लगे तो एक बार पढ़ लीजिएगा। कविता का शीर्षक है
इश्क़
१३ को आफिस ज्वाइन कर लिया होगा. आज १८ है. १० से १८ के बीच कोई पोस्ट नहीं आयी.मतलब मसला गंभीर हो गया है. कुछ तो करना पड़ेगा.
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