इन्टरनेट पर बिखरे हजारों पन्नो में
घर की कुछ धूल भरी अलमारियों में
गिटार के बेसुरे बजते तारों में
तुम्हारे पहने हुए कुछ कपड़ों में
अटक अटक के गुजरती रात में
गुजर के ठहरे हुए पिछले तीन साल में
पिछले कुछ दिनों से ढूंढ रही हूँ तुम्हारे हिस्से
सबको एक जगह शब्दों में समेट दूँ
शायद फ़िर चैन से रह सकूं तुम्हारे बगैर कुछ पल
वो लम्हे जब तुम मुझसे दूर होते हो
मुझे सबसे शिद्दत से इस बात का अहसास होता है
कि मैं तुमसे कितना प्यार करती हूँ
मगर मैं इस अहसास के बगैर ही जीना चाहती हूँ
मुझे अकेली छोड़ के मत जाया करो...
आज ये गीत बहुत दिनों बात सुना...बचपन में सुना था कई बार...पापा के टीवी के रिकार्डेड प्रोग्राम से शायद, या फ़िर रेडियो से...यहाँ डाल रही हूँ की फ़िर खोजने की जरूरत न पड़े...ताहिरा sayed का वो बातें तेरी वो फ़साने तेरे...
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बहुत खूब, पुरानी पर दिलचस्प, वैसे प्रेम के एहसासात एक ही जैसे होते हैं । अब कोई कैसे बयां करता है यह उसकी काबिलियत पर निर्भर करता है
ReplyDeleteबहुत खूब
ReplyDeleteमगर मैं इस अहसास के बगैर ही जीना चाहती हूँ
ReplyDeleteमुझे अकेली छोड़ के मत जाया करो...
-बहुत भावपूर्ण रचना..अच्छा लगा पढ़कर.
बस ज़िंदगी को अपनी अदा से बहने दीजिए |
ReplyDeleteआपकी अदा खुद तय हो जायेगी ...
इस खुबसूरत एहसास के लिए
बारहा शुक्रिया !
वाह,वाह! क्या बात है। जय हो।
ReplyDeleteवो लम्हे जब तुम मुझसे दूर होते हो
ReplyDeleteगहराई से रची रचना... और अंतरतम से निकली आवाज...
मगर मैं इस अहसास के बगैर ही जीना चाहती हूँ... bful.. wo batein teri wo fasane tere... lajawab
ReplyDeleteबहुत सुन्दर भावमय रचना बधाई
ReplyDeleteसुन्दर... गीत बहुत पसंद आया... शुक्रिया...
ReplyDeletekya bolun... very beautifully written..
ReplyDeleteand one really lucky fellow :)
"पिछले कुछ दिनों से ढूंढ रही हूँ तुम्हारे हिस्से
ReplyDeleteसबको एक जगह शब्दों में समेट दूँ
शायद फ़िर चैन से रह सकूं तुम्हारे बगैर कुछ पल"
यह बात खूब कही है आपने । एहसास इस तरह गुंथ जाते हैं कविताओं में कि क्या कहें ! आभार ।
मोहब्बत को, एहसासों को आप बहुत प्यार से बयाँ करती हैं.
ReplyDeleteसच बहुत प्यार से
khuch kahana kam hoga...
ReplyDeleteप्यार का सही अहसास उसके दूर जाने पर ही होता है :-)..गीत नहीं सुना.. अभी ऑफिस में हूँ ..
ReplyDeleteआ जायेगा भई.. जल्द ही आ जायेगा.. :)
ReplyDeleteऔर यह गीत स्वाति नाटेकर की आवाज में सुनना हो तो कहो.. मैं भेज दूंगा.. मुझे वह वाला ज्यादा अच्छा लगता है..
बहुत खूब........keep it up
ReplyDeleteबेहतरीन.. तुम्हारी छाप और तुम्हारे दिये रन्ग लिये हुए... वाह
ReplyDeletebahut sundar
ReplyDeletepapa ke liye