09 October, 2009

पानियों के रंग

बिखेर दूँ कुछ रंग बहते पानियों में
हमको भी जीने का गुमां हो जाए

ऐसे बरसे अबके बार का सावन
तेरे संग भीगने का गुमां हो जाए

कोयल ऐसे कूके मंजर आते ही
बचपन के गाने का का गुमां हो जाए

उड़ती फिरूं दिल्ली की हवाओं में ऐसी
यादों के जीने का गुमां हो जाए

मन्दिर में कोई ऐसी आरती गाएं सब
किसी भगवान के होने का गुमां हो जाए

सड़कों सड़कों क़दमों की आहट चुन लूँ
फ़िर तेरे लौट आने का गुमां हो जाए

तेरी आंखों में हँसता ख़ुद को देखूं
यूँ जिंदगी जीने का गुमां हो जाए

22 comments:

  1. क्या बात है.. गजल शजल लिखी जा रही है...

    सड़कों सड़कों क़दमों की आहट चुन लूँ
    फ़िर तेरे लौट आने का गुमां हो जाए..


    ये वाला लेकर जा रहा हूँ.. कोई प्रोब तो नहीं

    ReplyDelete
  2. सावन की बारिश में डूब गया वह मौन दिन ...............वाह .

    ReplyDelete
  3. उड़ती फिरूं दिल्ली की हवाओं में ऐसी
    यादों के जीने का गुमां हो जाए

    Badhiya.

    ReplyDelete
  4. बहुत सुन्दर रंग बिखेरे है।

    ऐसे बरसे अबके बार का सावन
    तेरे संग भीगने का गुमां हो जाए

    ये रंग ज्यादा ही पसंद आया।

    ReplyDelete
  5. तेरी आंखों में हँसता ख़ुद को देखूं
    यूँ जिंदगी जीने का गुमां हो जाए
    क्या ख़्वाब है. हसीन और सुन्दर एहसास

    ReplyDelete
  6. बहुत सुंदर कविता, आप ने तो पतझड मै सावन का रंग ला दिया, बहुत अच्छा.एक सुंदर एहसास
    धन्यवाद

    ReplyDelete
  7. उड़ती फिरूं दिल्ली की हवाओं में ऐसी
    यादों के जीने का गुमां हो जाए

    मन्दिर में कोई ऐसी आरती गाएं सब
    किसी भगवान के होने का गुमां हो जाए

    बहुत ही सुन्दर भावनाओं को आपने बेहद खूबसूरती से पेश किया है। हार्दिक बधाई।
    हेमन्त कुमार

    ReplyDelete
  8. लिखती रहें आप यों ही ताकि
    आपसे मिलते रहने का गुमा हो जाए.

    ReplyDelete
  9. शुभा मुदगल का गीत याद आया

    ... अबके सावन ऐसे बरसे... आप भी गाइए...

    ... घटा सावन की ऐसे बरसे.. बरसे...

    खेर दूं कुछ रंग थिरकते पानियों में, हमको भी जीने का गुमां हो जाए..

    नया कलेवर और फ्लेवर दोनों पसंद आया...

    ReplyDelete
  10. शब्द ऐसे ही बनने चाहियें। पानियों को आकार मिलना चाहिये!

    ReplyDelete
  11. tum isi tarah likhte raho,
    teri dosti ka gumaan ho jaaye..

    ReplyDelete
  12. WOW, bahut sundar...I loved it girl...Specially jab kisi ke laut aane ka gumman hone ki baat ki aap ne...

    Thank you for sharing and thank you for reading my blog...Really appreciate it...loved your comments.

    ReplyDelete
  13. उड़ती फिरूं दिल्ली की हवाओं में ऐसी
    यादों के जीने का गुमां हो जाए

    बहुत बढिया...


    वैसे ध्यान रखिएगा कि दिल्ली में प्रदूषन बहुत है...कोई मास्क वगैरा ले के फ्लाई करें तो ज़्यादा बेहतर रहेगा

    खूबसूरत रचना

    ReplyDelete
  14. तेरी आंखों में हँसता ख़ुद को देखूं
    यूँ जिंदगी जीने का गुमां हो जाए

    बहुत सुन्दर ! दिल को छूने वाली पंक्तियां !
    बधाई !

    ReplyDelete
  15. उड़ती फिरूं दिल्ली की हवाओं में ऐसी
    यादों के जीने का गुमां हो जाए

    बहुत सुन्दर ...

    ReplyDelete
  16. सड़कों सड़कों कदमों की आहट चुन लूँ...

    कुछ मिस्‍रे जैसे कि स्वर्ग से उतर कर आते हैं।

    ReplyDelete
  17. bhagwan hone ka gumaa ho jaye.....ati sundar shabd

    ReplyDelete
  18. teri aankhon mein hansta khud ko dekhun, yun zindagi jeena ka gumaan ho jaaye .......

    kahin gehre utar gayee yeh bhavnayein..

    ReplyDelete

Related posts

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...