तुम
किसी लैंड माईन की तरह
किसी लैंड माईन की तरह
बिछे थे इंतज़ार में
आवाजें, शोर
सब याद नहीं
बस तुम्हारा नाम
जिस्म में चुभ गया है
आवाजें, शोर
सब याद नहीं
बस तुम्हारा नाम
जिस्म में चुभ गया है
असंख्य टुकड़ों में
जहाँ पर आई खरोंचे
वहां झूठ लगाता है
जलता हुआ टिंचर आयोडीन
'शायद' का मरहम
'अफ़सोस' की पट्टी
सच छीलता है
आत्मा की परतें
रिसता है, टपकता है
दर्द बहुत सारा
कुछ खतरनाक से टुकड़े
निकाले हैं डॉक्टर ने बड़ी मुश्किल से
इन टुकड़ों को पिघला कर
एक घड़ीसाज़ बना देता है मेरे लिए
एक अलार्म घड़ी
उसमें हमेशा तुमसे मिलने के मौसम दिखते हैं
प्रोबबिलिटी थ्योरी की तलाश
रिसता है, टपकता है
दर्द बहुत सारा
कुछ खतरनाक से टुकड़े
निकाले हैं डॉक्टर ने बड़ी मुश्किल से
इन टुकड़ों को पिघला कर
एक घड़ीसाज़ बना देता है मेरे लिए
एक अलार्म घड़ी
उसमें हमेशा तुमसे मिलने के मौसम दिखते हैं
प्रोबबिलिटी थ्योरी की तलाश
किसी ठुकराए आशिक ने की होगी
सोचते हुए मैंने निशान लगा दिया है
एटलस में तुम्हारे शहर पर
एटलस में तुम्हारे शहर पर
तुम्हारे होने का वहम
वो खुशनुमा चीज़ है
जो बांधे रखती है मुझे
इस काली मिटटी वाली ज़मीन से
वरना दिल को कौन रोकता
कि वो हमेशा से एक तन्हा एस्ट्रोनोट है
मार्स पर संभावनाएं खोजता हुआ
मुझे टोटली फिट डिक्लेयर कर के
भेज दिया गया दुनिया में वापस
ब्लास्ट में किरिच हुए दिल के साथ
या उसके बगैर बिलकुल आसान है जीना
सब कुछ मुमकिन है
सिर्फ नहीं लिखी जा सकती कविता
मुझे टोटली फिट डिक्लेयर कर के
भेज दिया गया दुनिया में वापस
ब्लास्ट में किरिच हुए दिल के साथ
या उसके बगैर बिलकुल आसान है जीना
सब कुछ मुमकिन है
सिर्फ नहीं लिखी जा सकती कविता
बहुत ही भावपूर्ण अभिव्यक्ति,आभार.
ReplyDeletesunder..
ReplyDelete:)
ReplyDeletesab kuch mumkin hai........... bus nahin likhi ja sakti kavita
vakai
तुम्हारे होने का वहम
ReplyDeleteवो खुशनुमा चीज़ है
जो बांधे रखती है मुझे
इस काली मिटटी वाली ज़मीन से
वरना दिल को कौन रोकता
कि वो हमेशा से एक तन्हा एस्ट्रोनोट है
मार्स पर संभावनाएं खोजता हुआ
बहुत सुंदर ....
एक लैण्डमाइन इतने काम आ सकता है, सच कहा ऐसा तो प्रेमी ही कर सकता है।
ReplyDeleteपहली पंक्ति ही चीर कर रख देती है
ReplyDeleteप्रोबबिलिटी थ्योरी की तलाश
ReplyDeleteकिसी ठुकराए आशिक ने की होगी
Awesome thought...
This comment has been removed by the author.
ReplyDeleteprobability theory ki talash kisi thukraye ashik ne ki hogi
ReplyDeletezabardast