12 July, 2010

इश्क की बाइनरी थीसिस

ऑफिस का बहुत सारा काम अटका पड़ा है, रात भी अधूरी, ठिठकी खड़ी है...और कितने चित्र, कितने वादे आँखों में  ठहरे हैं, गुजरते ही नहीं. हाथ का दर्द हद से जियादा बढ़ता जा रहा है, लिखना भी अजीब मजबूरी होती है. पढ़े बिना फिर भी जिया जा सकता है, लिखे बिना...कुछ ऐसा महसूस होता है जैसे खाना नहीं नहीं खाया हो.

कोई सदियों बाद फ़ोन पर पूछता है, वापस नहीं आ सकती...वो कहती है, नहीं बहुत दूर आ गयी हूँ, तुमने पुकारने में बहुत देर कर दी. वो लौटती नहीं है, मुमकिन नहीं था. पर अब भी किसी अधूरी ठिठकी हुयी रात उसके चेहरे की बारीकियों को अपने चश्मे से साफ़ करने में देर कर रही है. ऑफिस का काम पड़ा हुआ है.

किसी प्रोफाइल में गूगल उससे पूछता है, बताओ ऐसा क्या है जो मैं तुम्हें नहीं बता सकता...वो बंद आँखों से टाईप करती है 'वो मुझे याद करता है या नहीं?' गूगल चुप है. पराजित गूगल अनगिनत तसवीरें उसके सामने ढूंढ लाता है. बर्फ से ढके देश, नीली पारदर्शी सुनहली बालुओं किनारों के देश. उसकी तसवीरें बेतरह खूबसूरत होती हैं. वेनिस, परिस, वियेना कुछ शहर जो इश्क की दास्तानों में जीते लगते हैं आज भी. उसकी आवाज सुनकर आज भी वो भूल जाती है कि वो क्या कर रही थी. हाँ, वो गूगल से पूछ रही थी, बताओ दिल के किसी कोने में मैं  हूँ कि नहीं, क्या कभी, दिन के किसी समय वो मुझे याद करता है कि नहीं. गूगल खामोश है. वो गूगल को नाराज भी तो नहीं कर सकती...ऑफिस का काम जो है, आज रात ख़त्म करना होगा.

इश्क जावेदा...सच, पूछो उसकी थकी उँगलियों से...बचपन का प्यार, उफ़. उसकी उँगलियाँ कितनी खूबसूरत थी, और वो जब कम्पूटर पढाता था कितना आसान लगता था. उसके जाते ही सब कुछ बाइनरी हो जाता था, जीरो और वन...वो मुझसे प्यार करता है - वन, वो मुझसे प्यार नहीं करता- जीरो. डेरी मिल्क, उसीने तो आदत लगायी थी...कि आजतक वो किसी से डेरी मिल्क शेयर नहीं करती.

यादें अब भी बाइनरी हैं...वो मुझे याद करता है ...वन...यस...हाँ
वो मुझे याद नहीं करता...जीरो...नो...नहीं

25 comments:

  1. आह!! सुपर्ब...
    स्टैन्डिग ओवेशन.. गज़ब की बाइनरी थीसिस..

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  2. bahut khoob.

    पॉल बाबा का रहस्य आप भी जानें
    http://sudhirraghav.blogspot.com/

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  3. वाह...
    इस बाईनरी थिसिस के लिए यही कहा जा सकता है।

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  4. जीवन में उत्तर की शीघ्रता हो तो बाइनरी बाबा चढ़ बैठते हैं । निर्णय लेने की शीघ्रता हो तो उत्तर किसी भी हाल में चाहिये होता है । जब तक निर्णय नहीं होता तब तक किसी भी स्थिति की प्रायिकता रहती है, निर्णय होते ही वह प्रायिकता ढह जाती है ।
    शीघ्रता, व्यग्रता, अधीरता? क्यों?

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  5. जीरो नही याद करता, वन करता है । मन तो होता ही है स्पिक्यूलेटिव जीव चाहे फूलों की पंखुडियों से खेले या बाइनरी यादों से ।

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  6. यार आप बहुत ही अच्छा लिखती हो... जब भी आपका ब्लॉग पढता हूँ कोई है जो याद आता है और आंसुओ को तो बस बहाना चाहिए बिन बुलाए आने का... सचमुच दिल से लिखती हो... शुभकामनाएँ :-)

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  7. काश इमोशंस भी बाइनरी होते...
    वन एंड ज़ीरो... ज़ीरो ही होता... इमोशंस के केस में भी...

    ब्यूटीफुल एक्सप्रेशंस... हर बार की तरह... डायरेक्ट दिल से :)

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  8. कमाल है.
    जानदार और शानदार

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  9. गूगल देव को हरा पाने का सुख,
    ज़िन्दगी के बाइनरी न होने का दु:ख,
    एक श्मिट ट्रिगर जैसा अंदाज़-
    जो स्लो मूविंग याद को शार्प एज में तब्दील कर दे
    तुम्हारी कलम में IC 54/74LS143 लगा है क्या?
    बात सॉफ़्ट्वेयर से समझ पाने से परे हो गयी-
    तो हार्डवेयर तक जाना पड़ा।
    अपना चश्मा भी कहीं भूल आई हो आज!
    छाता तो याद रहा है न?
    -----------------------
    बहुत उम्दा लिखा है आज, हमेशा से भी ज़्यादा!

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  10. सुन जिंदगी !! किसी किसी रोज़... तेरी बहुत तलब लगती है

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  11. मंगलवार 13 जुलाई को आपकी रचना .. ( सपनो का अनजानी भाषाओँ का देश )... चर्चा मंच के साप्ताहिक काव्य मंच पर ली गयी है आभार

    http://charchamanch.blogspot.com/

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  12. ये पोस्ट पढ़ के लगा कि सबके प्यार की बाइनरी थीसिस एक जैसी ही होती है... लाजवाब पोस्ट के लिए शुक्रिया..

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  13. Very touching........ISHQ par likhna aur padhna vaise bhi hamesha achha hi lagta hai. Uper se aapki post ki theem vahut achhi hai.

    Post achhi lagi.

    Dhanaybaad

    ReplyDelete
  14. Very touching........ISHQ par likhna aur padhna vaise bhi hamesha achha hi lagta hai. Uper se aapki post ki theem vahut achhi hai.

    Post achhi lagi.

    Dhanaybaad

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  15. Ek baar google se poocha tha hamne bhi pooja....Binary mein fas gaya bechara...Page can not be displayed and system hanged.... Dil ko samjhane ke liye kuch bhi likh to pooja....Insani system bhi hang hi hota hai :-)

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  16. इसका copyright मिल सकता है या सीधे-सीधे चुरा लूँ ?

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  17. सो तो है ... ज़ीरो होगा या वन होगा इससे अलग कुछ नही

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  18. मेरी एक फ्रेंड ने एक नज़्म लिखी थी... वही शेयर कर रहा हूँ..

    'कहते है
    गूगल में ढूंढो
    तो मिल जाता है
    कुछ भी....
    कब से तेरा नाम
    डाल के बैठी हूँ.. "

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