अज़दक पर एक पॉडकास्ट सुना था कुछ दिन पहले। वैसे मैं पॉडकास्ट बहुत कम सुनती हूँ, अच्छा नहीं लगा अधिकतर जो भी सुना है। आवाज की जादूगरी मन मोह गयी...कितनी कितनी बार सुना, दोबारा तिबारा...जाने कब तक।
उसके अलावा जो एकदम से किसी याद के तार छेड़ता सा लगा वो था पार्श्व में बजता गीत। मुझे कमेन्ट करने में थोड़ा डर भी लगा, लेकिन कहे बिना रहा भी नहीं गया।
deja vu...मैंने बहुत कम podcasts सुने हैं, ऐसा एक भी नहीं लगा जो याद हो.
आपको आज पहली बार सुना, ये गीत जो है आपकी आवाज के दरमयान कौन सा है? बेख्याली में मैं कई बार कोई धुन गुनगुनाती रहती हूँ...ये वैसा ही गया हुआ कोई गीत लगा.
तारीफ़ के शब्द नहीं मिल रहे हैं, आज पहली बार कमेन्ट कर रही हूँ तो थोड़ा डर भी लग रहा है. आपकी आवाज बहुत अच्छी है.
और ये पोडकास्ट तो बहुत अच्छा लगा...एक छोटी सी कहानी जैसा. अगर इस गाने का कोई लिंक दे सकेंगे तो आभारी रहूंगी
उन्होंने फिल्म का नाम बताया उससे ढूंढते ढूंढते उसके जापानी version तक पहुंची...इसी सिलसिले में उसका फ्रेंच भी सुना। गीत कहीं मन में बजता सा महसूस होता था।
यूँ तो गाना या फिर सुनना अगलग अलग वजहों से होता है...मेरे लिए सबसे खूबसूरत वजह है कि संगीत को बताया नहीं जा सकता, समझाया नहीं जा सकता। कि इस गीत को सुनकर कैसा लगता है...ये एक ऐसी चीज़ है जो खुद महसूस करनी होती है। और हर एक के लिए हर गीत का अलग असर होता है।
फिर भी मैं कोशिश करुँगी कि इस गीत को सुन कर मुझे कैसा लगता है।
कदम बिलकुल हलके हों, कि डांस करते वक़्त फ्लोर को बिलकुल हलके से छुएं, जैसे कोई तितली फूल पर पल भर को रूकती है। पैर के अंगूठे पर घूम जाऊं...थोड़ा उचक कर तुम्हारी आँखों में देखूं...और जब तुम्हारी बाहों में घूमूं तो तुम्हारी आँखों में पूरे हाल का घूमना नज़र आये बस मेरा चेहरा रुका हो। डांस करना वैसे हो जैसे तन बिलकुल हल्का हो गया हो और ख़ुशी से पैर जमीन पर ना पड़ सकें।
बोल ऐसे हैं कि इनको गाने के लिए फ्रेंच सीखने का मन करे, ऐसी हलकी सी आवाज में हवा में तिरता सा गीत हो खुशबू की तरह। खूबसूरत सी गुलाबी रंग कि कोई ड्रेस हो जिसमें खूब सारी झालर हो...और रात पर रात बीतती जाए पर हम बस आँखों में आँखें डाले थिरकते रहे...और मैं कह सकूँ कि "la vie en rose/ looking at the world through rose coloured glasses".
कल सबरीना देख रही थी, एक पुरानी इंग्लिश फिल्म है audrey hepburn की...वो बेहद खूबसूरत है...और फिर मुझे याद आया कि ये गीत ऐसा सुना हुआ और आत्मा के तार छेड़ता क्यों लगता है। इसके साथ एक बेहद रूमानी प्यार का ख्वाब जो जुड़ा हुआ है।
कॉलेज में फिल्म अप्रेशिअशन के क्लास में दो फिल्में देखी थी इस बेहद खूबसूरत कलाकार की "रोमन होलीडे" और "सबरीना"। उस कच्ची उम्र में ये खूबसूरत गीत कितने शाम अकेले में गुनगुना के थिरकती रही थी...इंतज़ार में...मेरे प्रिंस चार्मिंग के इंतज़ार में। परीकथाओं पर यकीं करती थी, आज भी करती हूँ।
इसलिए ये गीत पहली नज़र के प्यार की तरह ताजगी से भरा अनछुआ सा लगता है...प्यार...दुनिया को गुलाबी चश्मे से ही तो दिखाता है।
je t'aime
ये रहा
उसके अलावा जो एकदम से किसी याद के तार छेड़ता सा लगा वो था पार्श्व में बजता गीत। मुझे कमेन्ट करने में थोड़ा डर भी लगा, लेकिन कहे बिना रहा भी नहीं गया।
deja vu...मैंने बहुत कम podcasts सुने हैं, ऐसा एक भी नहीं लगा जो याद हो.
आपको आज पहली बार सुना, ये गीत जो है आपकी आवाज के दरमयान कौन सा है? बेख्याली में मैं कई बार कोई धुन गुनगुनाती रहती हूँ...ये वैसा ही गया हुआ कोई गीत लगा.
तारीफ़ के शब्द नहीं मिल रहे हैं, आज पहली बार कमेन्ट कर रही हूँ तो थोड़ा डर भी लग रहा है. आपकी आवाज बहुत अच्छी है.
और ये पोडकास्ट तो बहुत अच्छा लगा...एक छोटी सी कहानी जैसा. अगर इस गाने का कोई लिंक दे सकेंगे तो आभारी रहूंगी
उन्होंने फिल्म का नाम बताया उससे ढूंढते ढूंढते उसके जापानी version तक पहुंची...इसी सिलसिले में उसका फ्रेंच भी सुना। गीत कहीं मन में बजता सा महसूस होता था।
यूँ तो गाना या फिर सुनना अगलग अलग वजहों से होता है...मेरे लिए सबसे खूबसूरत वजह है कि संगीत को बताया नहीं जा सकता, समझाया नहीं जा सकता। कि इस गीत को सुनकर कैसा लगता है...ये एक ऐसी चीज़ है जो खुद महसूस करनी होती है। और हर एक के लिए हर गीत का अलग असर होता है।
फिर भी मैं कोशिश करुँगी कि इस गीत को सुन कर मुझे कैसा लगता है।
कदम बिलकुल हलके हों, कि डांस करते वक़्त फ्लोर को बिलकुल हलके से छुएं, जैसे कोई तितली फूल पर पल भर को रूकती है। पैर के अंगूठे पर घूम जाऊं...थोड़ा उचक कर तुम्हारी आँखों में देखूं...और जब तुम्हारी बाहों में घूमूं तो तुम्हारी आँखों में पूरे हाल का घूमना नज़र आये बस मेरा चेहरा रुका हो। डांस करना वैसे हो जैसे तन बिलकुल हल्का हो गया हो और ख़ुशी से पैर जमीन पर ना पड़ सकें।
बोल ऐसे हैं कि इनको गाने के लिए फ्रेंच सीखने का मन करे, ऐसी हलकी सी आवाज में हवा में तिरता सा गीत हो खुशबू की तरह। खूबसूरत सी गुलाबी रंग कि कोई ड्रेस हो जिसमें खूब सारी झालर हो...और रात पर रात बीतती जाए पर हम बस आँखों में आँखें डाले थिरकते रहे...और मैं कह सकूँ कि "la vie en rose/ looking at the world through rose coloured glasses".
कल सबरीना देख रही थी, एक पुरानी इंग्लिश फिल्म है audrey hepburn की...वो बेहद खूबसूरत है...और फिर मुझे याद आया कि ये गीत ऐसा सुना हुआ और आत्मा के तार छेड़ता क्यों लगता है। इसके साथ एक बेहद रूमानी प्यार का ख्वाब जो जुड़ा हुआ है।
कॉलेज में फिल्म अप्रेशिअशन के क्लास में दो फिल्में देखी थी इस बेहद खूबसूरत कलाकार की "रोमन होलीडे" और "सबरीना"। उस कच्ची उम्र में ये खूबसूरत गीत कितने शाम अकेले में गुनगुना के थिरकती रही थी...इंतज़ार में...मेरे प्रिंस चार्मिंग के इंतज़ार में। परीकथाओं पर यकीं करती थी, आज भी करती हूँ।
इसलिए ये गीत पहली नज़र के प्यार की तरह ताजगी से भरा अनछुआ सा लगता है...प्यार...दुनिया को गुलाबी चश्मे से ही तो दिखाता है।
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ये रहा