08 September, 2008

दास्तान ऐ दाँत दर्द

ऐसा है कि हमें बचपन से ही मीठा खास पसंद रहा है, मेरी पसंदीदा लाइन है "खाने कि किसी भी चीज़ में चीनी कभी ज्यादा नहीं हो सकती, मीठा जितना हो अच्छा है"।
दोस्तों के आँखें फाड़ फाड़ के देखने के बावजूद मैं काफ़ी में अक्सर दो तीन पैक चीनी तो डालती ही हूँ। डाईबीटीज़ से मरूंगी इसमे किसी को कोई शक नहीं है...खैर जब मरूंगी तब का तब देखेंगे फिलहाल तो मैं किसी और चीज़ से मरने वाली हूँ। हालांकि मेडिकल हिस्ट्री में कोई रिकॉर्ड नहीं होगा कि दाँत दर्द से किसी कि मौत हुयी हो, वैसे हाल में ये एक अजूबा केस होगा और मेरे बारे में माएँ कितने दिनों तक बच्चो को डरती रहेंगे, एक लड़की थी जो बहुत चॉकलेट खाती थी। किंवदंति बन जाउंगी मैं ...
खैर ये तो रही उटपटांग बातें...
मसला ये है कि कल मेरे हाथ में दाँत का एक टुकडा आ गया...अब मेरी उम्र दूध के दाँत वाली तो है नहीं कि खउष हो कर बगीचे में गाड़ने चल दूँ। तो घबरायी...मनिपाल हॉस्पिटल दौडी...
और आख़िर पता चला कि जिंदगी का सबसे भयावह सपना सच हो गया है...डॉक्टर ने कहा रूट कैनाल करना होगा। मैं ठहरी बहादुर लड़की, ऐसे थोड़े डर जाती...मैंने कहा दांत निकल दो पर लगता है इन लोगो ने अच्छे से पढ़ाई नहीं कि है, बोलने लगे क्यों उखाद्वाओगे, परमानेंट टूथ है, खाना कैसे खोज। आख़िर मैंने हथियार डाल दिए।
तो आज जाना है...हिम्मत जुटा रही हूँ।
भगवान करे मनिपाल के doctors बिना रिज़र्वेशन वाले हों, और उन्होंने बिना पर्ची पढ़े एक्साम पास किए हों।

7 comments:

  1. All the best dear fro the war of the root canals....;)

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  2. Pujaji,Maren aapke dushman. Vaise aap daant nikalwane ke peeche kyon padi hain ? root canal achha ilas hai. baaki aapki marji.

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  3. गिरते है शै सवार ही मैदाने जंग में....RCT प्रॉब्लम नही है ,मेरे कई दोस्त डेंटिस्ट है,अब तो वैसे भी इंटर ओरल कैमरा आ गया है...तो धाँय ... धाँय ...(पहली सिटिंग बोले तो )

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  4. good luck...waiting for ur experience...

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  5. kabhee to khul ke baras..keep on writing regards

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