ईश्क हमेशा बचा के रखता है
अपना आखिरी दांव
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लो, लहरों ने अपने पाँव समेट लिए!
अब किनारे की रेत में लिख सकते हो तुम
अपनी प्रेमिका के लिए असंख्य कविताएं
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आखिरी सांस में ही खुलता है रहस्य
कि किससे किया था ताउम्र प्यार
दिल के तहखाने का पासवर्ड होती है
आखिरी हिचकी
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कभी गुलमोहरों के मौसम में मेरे शहर आना.
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कोई नहीं कर सकता है डिकोड
कि इस बेरहम दुनिया में
एक छोटी सी जिंदगी का
पूरा प्यार किसके नाम आया था
---
तुम्हारी कहानियां पढ़ कर
सोचती थी
कहाँ मिल जाती हैं
ऐसी औरतें तुम्हें
अब समझती हूँ
वैसी होती नहीं है कोई भी औरत
तुम्हारा प्यार बना देता है उन्हें वैसा
ये उनके आंसुओं का इत्र है
जो तुम्हारे शब्दों को छूने से उँगलियों में रह जाता है
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Chasing the rains on my bike on a road on fire with crazy gulmohars in bloom.
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Some things are bound to be lost in the flowing river of time unless preserved in poetry.
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चेक कितनी खूबसूरत चीज़ हुआ करती है न...एकदम कंट्रास्टिंग...हलके रंग के ऊपर डार्क रंग की लकीरें...जैसे लाईट लेमन कलर जिंदगी पर एप्पल ग्रीन के चेक्स...जैसे वोदका विथ ऑरेंज जूस...जैसे हॉट चोकलेट विद विस्की...जैसे सीरियस आँखों वाले चेहरे पर मुस्कान...
जैसे मुझे प्यार तुमसे...जैसे गर्मियों की छत पर बारिश के बाद की उमस...जैसे...जैसे...जैसे कुछ भी नहीं...कि कुछ भी किसी की भी तरह नहीं होता...जैसे कोई भी तुम्हारी तरह नहीं होता...
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याद की मफलर में बुना तुम्हारा नाम.
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लिखने को एकदम कुछ नहीं होना...फिर भी शब्दों का ऐसा बवंडर कि शांत होने का नाम न ले और नींद आँखों से कोसों दूर भागी रहे.
ये कुछ पुराने बिखरे हुए ड्राफ्ट हैं...इनमें कोई तारतम्य नहीं है...बस ऐसे ही यहाँ वहाँ पड़े थे...आज इनको छाप देने का मन किया कि मेरा भी कुछ नया देखने का मन कर रहा था...बहुत सारे ड्राफ्ट्स हो गए हैं...सोच रही हूँ थोड़ी फुर्सत निकालकर पहले पुराना माल क्लियर करूं फिर कुछ नया लिखूँ. जिंदगी में थोड़ा सा आर्डर चाहिए होता है...हमेशा केओस(Chaos) अच्छा नहीं होता शायद...मैं इसी बिखराव में जीने की आदी हूँ फिर भी. मैं केओस से ही रचती हूँ...मेरे मन के अंदर हमेशा कोई तूफ़ान उठा रहता है...जाने कैसे तो लोग होते होंगे जिन्हें मालूम होता होगा कि जिंदगी से क्या चाहिए.
पिछले कुछ दिन बड़ी उथल-पुथल वाले रहे...बहुत परेशान, उदास और तनहा रही...टूट बिखरने के दिन थे...मगर खुदा हम इश्क के बन्दों पर वाकई मेहरबान रहता है. मैं गिर रही थी तो उसने फरिश्ते भेज दिए...उन्होंने ने अपने नरम पंख सी हथेलियाँ खोलीं और मुझे थाम लिया...वरना बेहद चोट लगती...शायद कभी न उबर पाने जितनी. दोस्त से बात कर रही थी तो उसने भी यही कहा कि सच में लकी हो तुम...शायद बहुत से लोग मुझे वाकई दुआओं में रखते हैं.
आज कुछ खास नहीं. बस शुक्रिया जिंदगी. शुकिया ऐ खुदा उन सारे लोगों के लिए जो मुझसे इतना इतना सारा प्यार करते हैं.
La vie, je t'aime.
अपना आखिरी दांव
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लो, लहरों ने अपने पाँव समेट लिए!
अब किनारे की रेत में लिख सकते हो तुम
अपनी प्रेमिका के लिए असंख्य कविताएं
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आखिरी सांस में ही खुलता है रहस्य
कि किससे किया था ताउम्र प्यार
दिल के तहखाने का पासवर्ड होती है
आखिरी हिचकी
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कभी गुलमोहरों के मौसम में मेरे शहर आना.
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कोई नहीं कर सकता है डिकोड
कि इस बेरहम दुनिया में
एक छोटी सी जिंदगी का
पूरा प्यार किसके नाम आया था
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तुम्हारी कहानियां पढ़ कर
सोचती थी
कहाँ मिल जाती हैं
ऐसी औरतें तुम्हें
अब समझती हूँ
वैसी होती नहीं है कोई भी औरत
तुम्हारा प्यार बना देता है उन्हें वैसा
ये उनके आंसुओं का इत्र है
जो तुम्हारे शब्दों को छूने से उँगलियों में रह जाता है
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Chasing the rains on my bike on a road on fire with crazy gulmohars in bloom.
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Some things are bound to be lost in the flowing river of time unless preserved in poetry.
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चेक कितनी खूबसूरत चीज़ हुआ करती है न...एकदम कंट्रास्टिंग...हलके रंग के ऊपर डार्क रंग की लकीरें...जैसे लाईट लेमन कलर जिंदगी पर एप्पल ग्रीन के चेक्स...जैसे वोदका विथ ऑरेंज जूस...जैसे हॉट चोकलेट विद विस्की...जैसे सीरियस आँखों वाले चेहरे पर मुस्कान...
जैसे मुझे प्यार तुमसे...जैसे गर्मियों की छत पर बारिश के बाद की उमस...जैसे...जैसे...जैसे कुछ भी नहीं...कि कुछ भी किसी की भी तरह नहीं होता...जैसे कोई भी तुम्हारी तरह नहीं होता...
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याद की मफलर में बुना तुम्हारा नाम.
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लिखने को एकदम कुछ नहीं होना...फिर भी शब्दों का ऐसा बवंडर कि शांत होने का नाम न ले और नींद आँखों से कोसों दूर भागी रहे.
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ये कुछ पुराने बिखरे हुए ड्राफ्ट हैं...इनमें कोई तारतम्य नहीं है...बस ऐसे ही यहाँ वहाँ पड़े थे...आज इनको छाप देने का मन किया कि मेरा भी कुछ नया देखने का मन कर रहा था...बहुत सारे ड्राफ्ट्स हो गए हैं...सोच रही हूँ थोड़ी फुर्सत निकालकर पहले पुराना माल क्लियर करूं फिर कुछ नया लिखूँ. जिंदगी में थोड़ा सा आर्डर चाहिए होता है...हमेशा केओस(Chaos) अच्छा नहीं होता शायद...मैं इसी बिखराव में जीने की आदी हूँ फिर भी. मैं केओस से ही रचती हूँ...मेरे मन के अंदर हमेशा कोई तूफ़ान उठा रहता है...जाने कैसे तो लोग होते होंगे जिन्हें मालूम होता होगा कि जिंदगी से क्या चाहिए.
पिछले कुछ दिन बड़ी उथल-पुथल वाले रहे...बहुत परेशान, उदास और तनहा रही...टूट बिखरने के दिन थे...मगर खुदा हम इश्क के बन्दों पर वाकई मेहरबान रहता है. मैं गिर रही थी तो उसने फरिश्ते भेज दिए...उन्होंने ने अपने नरम पंख सी हथेलियाँ खोलीं और मुझे थाम लिया...वरना बेहद चोट लगती...शायद कभी न उबर पाने जितनी. दोस्त से बात कर रही थी तो उसने भी यही कहा कि सच में लकी हो तुम...शायद बहुत से लोग मुझे वाकई दुआओं में रखते हैं.
आज कुछ खास नहीं. बस शुक्रिया जिंदगी. शुकिया ऐ खुदा उन सारे लोगों के लिए जो मुझसे इतना इतना सारा प्यार करते हैं.
La vie, je t'aime.
वैसी होती नहीं है कोई भी औरत,तुम्हारा प्यार बना देता है उन्हें वैसा | हाँ ! इसलिए भी की आमंत्रण आते रहतें हैं उन शहरों से जहाँ गुलमोहरों के मौसम आते हैं ....क्योंकि आखिर हर कोई जानना चाहता है .....कैसा होता है आखरी हिचकी के साथ बोला गया नाम .............और चाहते हैं सब की वह नाम उनका हो .............(प्रेम चाहे उड़ गया हो ज़िन्दगी की धूप में पहले ही कभी | बहुत ही अच्छा लिखा | संवेदना .............क्योंकि यूँ लिखने पर बधाई नहीं देनी चाहिए |
ReplyDeleteआखिरी सांस में ही खुलता है रहस्य
ReplyDeleteकि किससे किया था ताउम्र प्यार...
जैसे कोई भी तुम्हारी तरह नहीं होता...
शुकिया ऐ खुदा उन सारे लोगों के लिए जो मुझसे इतना इतना सारा प्यार करते हैं...
कुछ लोग होते ही हैं प्यार करने लायक... :)
एक ख़ूबसूरत सुबह... कुछ मुस्कुराती सी...
हृदय की तह से निकली विशेष आवृत्तियों की धड़कन..
ReplyDeleteबहुत कोमल सी कविता
ReplyDeleteThis comment has been removed by the author.
ReplyDeleteKeep restoring order, with ordered chaos still there to strengthen you and your creativity...
ReplyDelete'दिल के तहखाने का पासवर्ड होती है
आखिरी हिचकी'
ये तो रहस्योद्घाटन जैसा है... लेकिन फिर भी एक रहस्य ही क्यूंकि जानने के लिए आखरी हिचकी तक का सफ़र जो तय करना है...!
टुकड़ों में कई अद्भुत बातें सहेज ली गयीं हैं...!
Loads of love,
Best wishes!!!
pooja hats off, luv ur writing style, so fresh, so innovative keep it up........
ReplyDeleteवैसी होती नहीं है कोई भी औरत
ReplyDeleteतुम्हारा प्यार बना देता है उन्हें वैसा
निस्संदेह भावपूर्ण सुंदर अभिव्यक्ति ....!!
बहुत भावप्रवण
ReplyDeleteलिखने को एकदम कुछ नहीं होना...फिर भी शब्दों का ऐसा बवंडर कि शांत होने का नाम न ले और नींद आँखों से कोसों दूर भागी रहे. --- Saabbbash !
ReplyDeleteलो, लहरों ने अपने पाँव समेट लिए!
अब किनारे की रेत में लिख सकते हो तुम
अपनी प्रेमिका* (premikaaon) के लिए असंख्य कविताएं
shabdo mein badi taakat hoti hai. aap to jaadugar ho :)
ReplyDeleteभींगा मन और भींगी कविता...
ReplyDeleteआह! तुम्हारी कविता !
ReplyDeleteवाह! तुम्हारे ड्राफ्ट !
इस पोस्ट के लिए आपका बहुत बहुत आभार - आपकी पोस्ट को शामिल किया गया है 'ब्लॉग बुलेटिन' पर - पधारें - और डालें एक नज़र - बुंदेले हर बोलों के मुंह, हमने सुनी कहानी थी ... ब्लॉग बुलेटिन
ReplyDeleteLife is a divine chaos, Embrace it,Forgive yourself,Breathe. & Enjoy the ride,
ReplyDeletebahut saari cheezen hain ek saath...bahut pyari...
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