इत्ती सी मुस्कुराहट
इजहार जैसा कुछ
कलाईयों पे इत्र तुम्हारा
मनुहार जैसा कुछ
ख्वाबों में तेरे रतजगे
विस्की में तेरा नाम
उनींदी आँखों में तुम
पुराने प्यार जैसा कुछ
तेरे सीने पे सर रख के
तेरी धड़कनों को सुनना
मन के आंगन में खिलता
कचनार जैसा कुछ
बाँहों में तोड़ डालो
तुमने कहा था जिस दिन
रंगरेज ने रंगा मन
खुमार जैसा कुछ
खटमिट्ठे से तेरे लब
चक्खे हैं जब से जानां
दिल तब से हो रहा है
दिलदार जैसा कुछ
कलमें लगा दीं तुमने
मेरी तुम्हारीं जब से
लगता है आसमां भी
गुलजार जैसा कुछ