आज मैंने एक सिगरेट सुलगा कर
होठों पे रख ली
याद आयी वो शाम
जब पहली बार तुम्हारा नाम लिया था...
धुआं धुआं सा कोहरा था उस वक्त
दिसम्बर की सर्द रात में सोयी दिल्ली पर
और हम सड़कों पर भागे जा रहे थे...
कितनी दूर चले आए हैं
उस शाम से भागते भागते
बारिशों वाले इस शहर में...
जहाँ सिगरेट जलते ही बुझ जाती है।
फ़िर भी मैंने एक सिगरेट सुलगाई
भीगी आंखों से धुएं के पार देखा
हम दोनों कुछ ज्यादा साफ़ नज़र आ रहे थे...
एन एच ८ की वो सड़क
दूर तक सीधी दौड़ती हुयी
रात भर जागती थी हमारे साथ
ये शहर बड़ी जल्दी सो जाता है
मासूम बच्चे की मानिंद
और हम ढूँढ़ते रहते हैं
कहाँ जा के खेलें...
वो हवाईजहाज़ किस देश से आए हैं
मैं तुम्हें एक दिन पेरिस घुमाऊंगा
तुम कहा करते थे
यहाँ हवाई अड्डा शहर से दूर बना है
बहुत कुछ नहीं है यहाँ दिल्ली के जैसा
हम और तुम भी नहीं है
इसलिए आज मैंने एक सिगरेट सुलगा ली
यूँ लगा की हम फ़िर से वही हो गए हैं
दिल्ली की सड़कों पर भटकते हुए
रात के यायावर...बेफ़िकर...हमसफ़र
good lines
ReplyDeletebetter composed
as u r copywiter u can play better with the words
regards
bahut acchha hai ...
ReplyDeleteइसलिए आज मैंने एक सिगरेट सुलगा ली
ReplyDeleteयूँ लगा की हम फ़िर से वही हो गए हैं
दिल्ली की सड़कों पर भटकते हुए
रात के यायावर...बेफ़िकर...हमसफ़र
बहुत सुंदर ! शुभकामनाएं !
बहुत सुंदर और अलग सी बात कहती है आपकी यह रचना ..बहुत पसंद आई मुझे यह
ReplyDeleteपूजा..... कभी बाँटूगा तुमसे एक कविता.... सारी तो नही पर उसका एक हिस्सा ऐसी सी सोच का है.....वैसे तुम्हारा अंदाज जुदा है ......ओर सच बताऊँ मुझे बहुत अजीज है....
ReplyDeleteप्रेम में पहले तो लोग दारूपान करते थे, अब धूम्रपान करने लगे है. याद रखी - भारत में सार्वजनिक स्थलों पर धूम्रपान की मनाही है और ब्लॉग एक सार्वजनिक स्थल है.
ReplyDeleteवैसे कविता अच्छी है.
इसलिए आज मैंने एक सिगरेट सुलगा ली
ReplyDeleteयूँ लगा की हम फ़िर से वही हो गए हैं
bahut bhawukta hai.....lekin
achcha laga
Vah, bahut sundar chitran. behtrin prastuti.
ReplyDeleteगहरी बात...सुन्दर रचना, बधाई!!! वैसे धूम्रपान ठीक नहीं.. :)
ReplyDeleteNo smokin in public places please!!
ReplyDeleteएन एच ८ की वो सड़क
ReplyDeleteदूर तक सीधी दौड़ती हुयी
रात भर जागती थी हमारे साथ
You have taken me with you Pooja. wonderful lines, i felt something very deep in there. how emotional these words are!very wonderfuly written.
मैं तुम्हें एक दिन पेरिस घुमाऊंगा
तुम कहा करते थे
you have lost yourself in deep thoughts pooja, i am overwhelemd and carried away. very fine rendition.
thanks for sharing
regards
Manuj Mehta
यूँ लगा की हम फ़िर से वही हो गए हैं,
ReplyDelete.... सड़कों पर भटकते हुए
Bahut Achchha laga.
Badhai
यूँ लगा की हम फ़िर से वही हो गए हैं,
ReplyDelete.... सड़कों पर भटकते हुए
Bahut Achchha laga.
Badhai
you r a real master.. bahut hi sundar lines hai.. bahut acha likha...
ReplyDeleteअच्छी कविता। मजाक में कह रहा हू-वैसे कविता में भी सिगरेट पर पाबंदी लगनी चाहिए, कहीं पढ़कर कुछ लोग पीने न लग जाऍं।
ReplyDeletebahut hi alag alag sa aapka andaaz hume bahut hi pasand aaya....
ReplyDeletebadi hi vastavik kintu samvednatmak khadi boli hai aapki...
आज मैंने एक सिगरेट सुलगा कर
ReplyDeleteहोठों पे रख ली
याद आयी वो शाम
जब पहली बार तुम्हारा नाम लिया था...
बात में तो गहराई है
कविता और सिगरेट का
नाता पुराना है
behatarin.....
ReplyDeletesundar...
बहुत सुंदर अंदाज. छोटी छोटी पंक्तियाँ कैसे जादू कर देती हैं ये कविता पढ़ के समझ में आ रहा है.
ReplyDeleteशायद यादों को भी जरुरत होती है किसी साथ की आने के लिए तभी तो कभी मौसम, कभी कुहरा और कभी सिगरेट सहारा बनते हैं.
बधाई हो इतनी सुंदर भावनाओं के लिए
वो हवाईजहाज़ किस देश से आए हैं
ReplyDeleteमैं तुम्हें एक दिन पेरिस घुमाऊंगा
तुम कहा करते थे
यहाँ हवाई अड्डा शहर से दूर बना है
बहुत कुछ नहीं है यहाँ दिल्ली के जैसा
ये आपकी अब तक की सबसे अच्छी पंक्तियाँ लगीं।
सच में सुलगाई थी?
This comment has been removed by the author.
ReplyDeleteआज मैंने एक सिगरेट सुलगा कर
ReplyDeleteहोठों पे रख ली
याद आयी वो शाम
जब पहली बार तुम्हारा नाम लिया था...
unhi honton per cigrate kar rakhna jin se kabhi naam liya gaya tha. accha laga shayad ghalti ka ahsaaas aur us hisse ko jaladene ki khuwahish
bahut sundar....u have a very different style.keep it up.
ReplyDeleteलगा की हम फ़िर से वही हो गए हैं
ReplyDeletekuch pal yado k aise hote hai jinhe yaad karke hame khushi milti hai aur is bat ka gam bi hota hai ki vo pal ham dobara nahi ji sakte
bahut acha laga
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