words rain
splash on the window panes
of my mind
and wash away
without registering anything...
i stare
at the glass
and wonder
was it long ago
these words assembled
in the jaltarang
created melody
giving expression to emotions
and now
as i listen to the pitter patter
of thoughtless words
devoid of any rythm
or cohesiveness
the colours of life seem faded
it has rained a lot
all my life...
16 January, 2008
08 January, 2008
यादों की किरिचें
shabdon के ढेर आँखों में पड़े रहते हैं
पर भाषा है कोई अनजानी सी
पढ़ नहीं पाता है कोई भी आँखों में
या आँखें ही अजीब है
शायद opaque हैं
जबकि मुझे लगता है transparent होंगी
नहीं है ऐसा
सिर्फ शब्दों के होने से अभिव्यक्ति नहीं होती
उसके लिए बहुत मशक्कत करनी पड़ती है
आँखों कि भाषा पढ़ने के लिए आँखें भी वैसी होनी चाहिऐ
बड़ी बड़ी, कजरारी, काली आँखें, जिनमें एक ही झलक में सब साफ दिख जाए
क्लास के blackboard की तरह
मेरी आँखें तो बड़ी नहीं हैं
छोटी छोटी सी हैं मेरी आँखें
इनमें सारे शब्द उलझ जाते होंगे
बहुत confusing सा होगा
जैसे जगह कम पड़ने पर ख़त में लिख देते हैं
आदि तिरछी लकीरों में ही सारी बातें
मुझे एक पोस्टकार्ड याद आ गया
मेरी बातें हमेशा ज्यादा होती थी
और पोस्टकार्ड में जगह कम
कितनी मुश्किल से अटाना पड़ता था सब कुछ
अगर आँखों से नहीं उठता इतना सारा भर
तो मैं कह क्यों नहीं देती
कह भी दूंगी,पर पहले जान तो जाऊँ कि क्या कहना है
क्या इतना कहना काफी होगा की मैं दुखी हूँ
शायद नहीं
वजहें ढूंढ़नीं होंगी
मैं अकेला महसूस करती हूँ
मैं अनाथ महसूस करती हूँ
कुछ नहीं है
माँ तुम्हारी बहुत याद आती है बस
और तुम आ नहीं सकती हो
पर भाषा है कोई अनजानी सी
पढ़ नहीं पाता है कोई भी आँखों में
या आँखें ही अजीब है
शायद opaque हैं
जबकि मुझे लगता है transparent होंगी
नहीं है ऐसा
सिर्फ शब्दों के होने से अभिव्यक्ति नहीं होती
उसके लिए बहुत मशक्कत करनी पड़ती है
आँखों कि भाषा पढ़ने के लिए आँखें भी वैसी होनी चाहिऐ
बड़ी बड़ी, कजरारी, काली आँखें, जिनमें एक ही झलक में सब साफ दिख जाए
क्लास के blackboard की तरह
मेरी आँखें तो बड़ी नहीं हैं
छोटी छोटी सी हैं मेरी आँखें
इनमें सारे शब्द उलझ जाते होंगे
बहुत confusing सा होगा
जैसे जगह कम पड़ने पर ख़त में लिख देते हैं
आदि तिरछी लकीरों में ही सारी बातें
मुझे एक पोस्टकार्ड याद आ गया
मेरी बातें हमेशा ज्यादा होती थी
और पोस्टकार्ड में जगह कम
कितनी मुश्किल से अटाना पड़ता था सब कुछ
अगर आँखों से नहीं उठता इतना सारा भर
तो मैं कह क्यों नहीं देती
कह भी दूंगी,पर पहले जान तो जाऊँ कि क्या कहना है
क्या इतना कहना काफी होगा की मैं दुखी हूँ
शायद नहीं
वजहें ढूंढ़नीं होंगी
मैं अकेला महसूस करती हूँ
मैं अनाथ महसूस करती हूँ
कुछ नहीं है
माँ तुम्हारी बहुत याद आती है बस
और तुम आ नहीं सकती हो
In loving memory
how long does it take to get to terms with a loss?
are there losses one doesnt get over in a lifetime...
What do I do with the aching in my heart that refuses to go away
How long will I miss you maa…I think a lifetime wont be enough
To think that I will never see that face that beamed when I came back from office, to come to terms with the fact that I feel so unloved, so lonely so sad that I don’t know what to do.
Why do people die? What right does death have to take away people from us and never return them.
What do I do with this one shattered existence of mine, unable to do anything but to sit and sulk and cry my heart out. But nothing seems to pacify me.
Where is peace? How do I console myself, where are those words? Where is life?
Mere questions without anwers
Existence without reason, without objective without desires.
Mummy I miss you very much, I so wish you were able to come back. I love you.
are there losses one doesnt get over in a lifetime...
What do I do with the aching in my heart that refuses to go away
How long will I miss you maa…I think a lifetime wont be enough
To think that I will never see that face that beamed when I came back from office, to come to terms with the fact that I feel so unloved, so lonely so sad that I don’t know what to do.
Why do people die? What right does death have to take away people from us and never return them.
What do I do with this one shattered existence of mine, unable to do anything but to sit and sulk and cry my heart out. But nothing seems to pacify me.
Where is peace? How do I console myself, where are those words? Where is life?
Mere questions without anwers
Existence without reason, without objective without desires.
Mummy I miss you very much, I so wish you were able to come back. I love you.
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