tag:blogger.com,1999:blog-8251191037711858199.post8804658891877598..comments2024-03-16T10:24:55.941+05:30Comments on लहरें: खेतों में उगा दूं मैं तेरे खतों की फसलेंPuja Upadhyayhttp://www.blogger.com/profile/15506987275954323855noreply@blogger.comBlogger5125tag:blogger.com,1999:blog-8251191037711858199.post-16212809796381940172012-04-06T10:36:07.912+05:302012-04-06T10:36:07.912+05:30दुनियां जाये ......में! हम तो जो दिल में आएगा वोही...दुनियां जाये ......में! हम तो जो दिल में आएगा वोही लिखेंगे ...बिंदास!<br />एक मेरी तरफ़ से .....चल जाये तो दौड़ा देना..नही तो भगा देना...<br />लहरों का मूड हो जाये खराब <br />समंदर में आ जाये सैलाब <br />बचेगा सिर्फ वो ही.....<br />जिसपे लिखा, तेरा नाम इन्कलाब ...<br /><br />खुश रहो !बिंदास...अशोक सलूजाhttps://www.blogger.com/profile/17024308581575034257noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8251191037711858199.post-1354084898607881352012-04-05T22:08:08.642+05:302012-04-05T22:08:08.642+05:30बहुत खूबसूरत है कविता. इन्किलाब जिंदाबाद. कभी कभी...बहुत खूबसूरत है कविता. इन्किलाब जिंदाबाद. कभी कभी लगता है तुम भी वेम्पायेर बेबी की तरह ही हो. इसी तरह सुखी बनी रहो.P.N. Subramanianhttps://www.blogger.com/profile/01420464521174227821noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8251191037711858199.post-35050723836186882082012-04-05T20:00:34.203+05:302012-04-05T20:00:34.203+05:30अच्छा किया कि कह दिया -ये गज़ल नहीं है...............अच्छा किया कि कह दिया -ये गज़ल नहीं है.............वरना मीटर का पाठ पढ़ा देते :-)<br /><br />but expressions are in perfect measurement!!!ANULATA RAJ NAIRhttps://www.blogger.com/profile/02386833556494189702noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8251191037711858199.post-71490135142876486572012-04-05T19:09:55.188+05:302012-04-05T19:09:55.188+05:30घर में लगाये कलमी गुलाब में आता पहला फूल...
बचपन क...घर में लगाये कलमी गुलाब में आता पहला फूल...<br />बचपन की कुछ बातें याद आ गयी इस पंक्ति को पढ़... ग़ज़ल खूबसूरत है...और अगर अनगढ़ है तो शायद इसलिए भी ज्यादा खूबसूरत है...<br />नया हेडर तो और भी खूबसूरत है... :)Smriti Sinhahttps://www.blogger.com/profile/00670824219525092017noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8251191037711858199.post-4938561519247233582012-04-05T17:43:42.281+05:302012-04-05T17:43:42.281+05:30कल्पना जब शब्दों में आ ऐसे विखरती है, कोई और नाम म...कल्पना जब शब्दों में आ ऐसे विखरती है, कोई और नाम मन ही कौंधता ही नहीं है।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.com