tag:blogger.com,1999:blog-8251191037711858199.post7057732997747907704..comments2024-03-16T10:24:55.941+05:30Comments on लहरें: अन अफेयर विथ बाइक्स/मुहब्बतेंPuja Upadhyayhttp://www.blogger.com/profile/15506987275954323855noreply@blogger.comBlogger13125tag:blogger.com,1999:blog-8251191037711858199.post-80155440564730882412012-01-25T06:52:05.766+05:302012-01-25T06:52:05.766+05:30प्यारी गुंजन...यहाँ जो तुम्हारे बचपन में खिड़की खु...प्यारी गुंजन...यहाँ जो तुम्हारे बचपन में खिड़की खुली उसमें झाँक कर बड़ा अच्छा लगा। चलो हमारे जैसे खुराफाती और भी थी...छोटे शहरों की ये खासियत होती है कि आप भीड़ में गुम नहीं होते...लोग जानते हैं आपको, मानते हैं, प्यार करते हैं...और उस छोटी सी उम्र में उतने से ही आसमान की दरकार होती है। स्प्लेंडर उस जमाने का सपना हुआ करता था...मुझे भी बेहद पसंद थी...लड़के के बारे में कुछ ऐसे ही विचार मेरे भी थे...धुएँ के छल्ले के बात करके क्या क्या न याद दिला दिया, अब इसपर एक पोस्ट लिखनी पड़ेगी :) <br /><br />इस अच्छे, प्यारे से कमेन्ट के लिए और इतने प्यार के लिए भी...शुक्रिया से ज्यादा सा कुछ अपने लिए रख लो। :)Puja Upadhyayhttps://www.blogger.com/profile/15506987275954323855noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8251191037711858199.post-43251183558088103272012-01-24T13:32:11.458+05:302012-01-24T13:32:11.458+05:30हाहा क्या गज़ब .. नाम बस अलग पर शौक एकदम एकसे
१३ ...हाहा क्या गज़ब .. नाम बस अलग पर शौक एकदम एकसे <br />१३ की उम्र थी तब हमारी .. पापा के पास राजदूत थी .. पर पहले चलाना सिखा स्कूटर .. पहली ही drive में पापा सहित चारों खाने चित्त .. <br />पापा ने कसम खायी की अब कभी नहीं सिखायेंगे .. और हमने की हम सीख कर दिखायेंगे .. आखिर सीख कर ही माने .. फिर तो पापा की राजदूत को भी २ बार खटखटाया .. <br />हम्म एक अलग ही गुरुर और नशा सर चढ़ कर बोलता था तब हमारे .. कुछ तो उम्र का और कुछ इस बात का की हमारे आलावा तब सिर्फ १ दीदी और हुआ करती थीं बरेली में जो राजदूत चलाया करती थीं .. और बस हम <br />ओह्ह क्या शर्त लगा के भागते थे हम अपना स्कूटर .. even एक बार तो हमने अपने comm depart के एक सर से race लगाई .. हाहा चेहरा देखने लायक था तब उनका .. colony में जो कोई भी bike खरीदता था .. गुंजन दी का आशीर्वाद लेने ज़रूर आता था .. साल भर छोटा भाई होने के कारण हम universal दी जो थे :)) <br />well वो वक़्त अलग ही था ... शुरू से दीवानी थी मैं भी स्प्लेंडर की .. सोचा करती थी उसी लड़के से शादी करुँगी जिस के पास स्प्लेंडर होगी .. जो चश्मा लगता होगा .. और जिसे cigarattee के छल्ले बनाने आते होंगे <br />बचपन कितना मासूम होता है ना .. jeans कभी नहीं पहनी .. ना ही अच्छी लगती थी .. सो जब भी bike चलानी होती थी .. भाई की पेंट चढ़ा लिया करते थे .. कार चलानी नहीं पसंद थी .. आज भी नहीं है .. पर आज मजबूरी है <br />गज़ब पोस्ट पूजा .. हालाँकि आपकी हर post superbb ही हुआ करती है ..Gunjanhttps://www.blogger.com/profile/08585406660165756738noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8251191037711858199.post-25970068945187170172011-12-23T23:19:47.958+05:302011-12-23T23:19:47.958+05:30इन्द्रबाला के याद आ गइल...हाई अस्कूल की छात्रा ......इन्द्रबाला के याद आ गइल...हाई अस्कूल की छात्रा ...तब पूरा कन्नौज मंs उहे एगो लइकिया रहल...राजदूत चलाय वाली ...कुल लोग भविष्य वाणी कईलन के हई बुचिया एक दिन ज़रूर पुलिस आंटी बनी.<br />नीमन लागल ...तोहार खीसा....जइसन खुली किताब.....ना कउनो मिलावट ना बनावट .....अइसन लोग भगवान के एकदम करीब रहतड़न....खुस रहS बूची ...बस्तर की अभिव्यक्ति जैसे कोई झरनाhttps://www.blogger.com/profile/11751508655295186269noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8251191037711858199.post-75576472226920588382011-12-05T20:18:12.652+05:302011-12-05T20:18:12.652+05:30:) :) लड़की की बहदुरी की दाद देंगे :D ऐसी ही कुछ ल...:) :) लड़की की बहदुरी की दाद देंगे :D ऐसी ही कुछ लड़कियों के कारण हमारा इस दुनिया से विश्वास उठते उठते रह jaata है :)Puja Upadhyayhttps://www.blogger.com/profile/15506987275954323855noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8251191037711858199.post-46813705820815715112011-12-05T20:09:43.660+05:302011-12-05T20:09:43.660+05:30इस पोस्ट को पढ़कर अपनी एक पुरानी पोस्ट की लाइनें या...इस पोस्ट को पढ़कर अपनी एक पुरानी पोस्ट की लाइनें याद आ गयीं:<br /><a href="http://hindini.com/fursatiya/archives/511" rel="nofollow">सहपाठिन ने जब कानपुर में नौकरी ज्वाइन की तो मोटर साइकिल से आती-जाती। कानपुर में 20 साल पहले मोटर साइकिल से लड़की का चलना कौतूहल का विषय था। लड़के दूर तक स्वयं सेवको की तरह एस्कार्ट करते|</a><br /><br />यह किस्सा सन 89 का है!अनूप शुक्लhttps://www.blogger.com/profile/07001026538357885879noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8251191037711858199.post-4331773984016340112011-11-26T08:37:00.742+05:302011-11-26T08:37:00.742+05:30@ Puja Upadhyay
मैजिस्टिक वाले फ्लाई ओवर में देखा।...@ Puja Upadhyay<br />मैजिस्टिक वाले फ्लाई ओवर में देखा। जब बाइक के साथ बाल भी लहराये तब समझ में आया कि कोई लड़की है। हो सकता है कि लम्बे बालों वाला कोई लड़का हो।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8251191037711858199.post-1169076342076108722011-11-24T22:25:30.518+05:302011-11-24T22:25:30.518+05:30मोटरसाइकिलिंग तो हमारा भी शौक है. हमने भी पहली बार...मोटरसाइकिलिंग तो हमारा भी शौक है. हमने भी पहली बार पापा की हरे रंग की राजदूत ही चलाई थी. (जानदार गाड़ी, शानदार गाड़ी- धर्मेन्द्र). <br /><br />वैसे राजदूत 350 चलाने का मौका मिले तो मत चूकियेगा, उसका पिक-अप और पॉवर दोनों ही कमाल हैं. 0-60 सिर्फ़ 4 सेकेंड में, 150 kmph तक जाती है, आज तक 30 bhp का इंजिन सिर्फ़ उसमें ही था! पहचाने के नहीं. अभी हाल ही में दम मारो दम में राना ने वही बाइक राइड की है.<br /><br />इसे bike world USA ने सदी कि सबसे बढ़िया 10 बाइक्स में से एक माना है !!<br /><br />happy riding !Manoj Khttps://www.blogger.com/profile/06707542140412834778noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8251191037711858199.post-7969887732625039952011-11-24T22:06:17.043+05:302011-11-24T22:06:17.043+05:30Khushi hui ki aapko bhi bike se pyar hai.
Bahut j...Khushi hui ki aapko bhi bike se pyar hai. <br />Bahut jeevant lekhni hai aapki. Ishwar se prarthna hai ki isi tarah aap likhti rahen aur hum jaise log aapko padhte rahe. <br />(HINGLISH ME LIKHNE KE LIYE MAAFI CHAUNGA.)<br /> DHANYAWADshivamhttps://www.blogger.com/profile/05667615494193751216noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8251191037711858199.post-60935380012724850972011-11-24T22:06:02.750+05:302011-11-24T22:06:02.750+05:30This comment has been removed by the author.shivamhttps://www.blogger.com/profile/05667615494193751216noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8251191037711858199.post-77321636993928748112011-11-24T18:33:08.879+05:302011-11-24T18:33:08.879+05:30@प्रवीण जी, फिलहाल गरीब के पास एक फ्लाइट है...महिं...@प्रवीण जी, फिलहाल गरीब के पास एक फ्लाइट है...महिंद्रा फ्लाइट। हाँ चलाती तो मैं भी हूँ लहराते हुये...आपने उस खुराफाती बाला को इंदिरानगर में तो नहीं देखा था, क्लब के पास?Puja Upadhyayhttps://www.blogger.com/profile/15506987275954323855noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8251191037711858199.post-63430753328736598892011-11-24T17:01:35.143+05:302011-11-24T17:01:35.143+05:30दीवाना मतवाला बाइक का।
बाइक से हो प्यार तो क्या कह...दीवाना मतवाला बाइक का।<br />बाइक से हो प्यार तो क्या कहने।SANDEEP PANWARhttps://www.blogger.com/profile/06123246062111427832noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8251191037711858199.post-11607986978928990682011-11-24T11:36:01.623+05:302011-11-24T11:36:01.623+05:30आपको आपका शौक फले फूले, हम तो मोबाइक की आगे वाली स...आपको आपका शौक फले फूले, हम तो मोबाइक की आगे वाली सीट पर कभी बैठे ही नहीं, कभी आवश्यकता ही नहीं पड़ी चलाने की। परसों ही एक लड़की को मोबाइक चलाते हुये देखा, लहराते हुये। या तो आप ही होंगी या आप जैसी कोई और मोबाइक-प्रेमी।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8251191037711858199.post-84753460057316221132011-11-24T11:08:50.481+05:302011-11-24T11:08:50.481+05:30हाय! इस सुख को महसूस करने के लिए तो लड़की बन कर जन...हाय! इस सुख को महसूस करने के लिए तो लड़की बन कर जन्म लेना पड़ेगा। ..गज़ब का लिखा है।देवेन्द्र पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/07466843806711544757noreply@blogger.com