tag:blogger.com,1999:blog-8251191037711858199.post2635044908200330911..comments2024-03-16T10:24:55.941+05:30Comments on लहरें: जिंदगी का एक दिनPuja Upadhyayhttp://www.blogger.com/profile/15506987275954323855noreply@blogger.comBlogger10125tag:blogger.com,1999:blog-8251191037711858199.post-51692701321988604782010-01-29T17:29:36.582+05:302010-01-29T17:29:36.582+05:30अबरी ऊ बिल्ली को चीपने वाली बातें पे हंसे जा रहा ह...अबरी ऊ बिल्ली को चीपने वाली बातें पे हंसे जा रहा हूं...<br /><br />सागर सचमुच गज़बे लिखता है...और गज़ब तो तुम भी कम नहीं करती हो अपनी लेखनी से...गौतम राजऋषिhttps://www.blogger.com/profile/04744633270220517040noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8251191037711858199.post-12862413295661937192010-01-28T19:01:55.769+05:302010-01-28T19:01:55.769+05:30फिलहाल शाबाश कहे दे रहा हूँ मै भी ....देर से आने ...फिलहाल शाबाश कहे दे रहा हूँ मै भी ....देर से आने के लिए मुआफी......डॉ .अनुरागhttps://www.blogger.com/profile/02191025429540788272noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8251191037711858199.post-23039015555698243752010-01-25T20:51:05.680+05:302010-01-25T20:51:05.680+05:30चोखा मुबारक......वाह गिटार सीखकर हमारी बिरादरी में...चोखा मुबारक......वाह गिटार सीखकर हमारी बिरादरी में शामिल होने के लिये बधाई...प्रसन्नवदन चतुर्वेदी 'अनघ' https://www.blogger.com/profile/03784076664306549913noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8251191037711858199.post-45468377417778310162010-01-23T19:35:16.660+05:302010-01-23T19:35:16.660+05:30तुम अपनी आत्मकथा लिखो पूजा... वो भी ऐसे ही स्टाइल ...तुम अपनी आत्मकथा लिखो पूजा... वो भी ऐसे ही स्टाइल में... बहुत रोचक होगा और बेस्ट सेलर भी... <br /><br />जो कभी कहने से हम बचते रहे या झिझक होती रही तुमने कह दिया... <br /><br />उअर बेईज्ज़ती के लिए शुक्रिया... हमने तुम्हें हिंदी लिंक दिया timepaas करने तुमने अंग्रेजी ब्लॉग का लिंक पकडाया... सारी दुनिया जानती है की हम अंग्रेजी नहीं जानते....).).) PR के पेपर के टाइम ऑफिस से छुट्टी ले लेना... अब हम तुम्हरे सहारे हैं हो पूजा...सागरhttps://www.blogger.com/profile/13742050198890044426noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8251191037711858199.post-18785727565836513602010-01-23T19:04:05.249+05:302010-01-23T19:04:05.249+05:30चोखा .....ह्म्म्मम्म ... क्या याद दिला दिया.... वै...चोखा .....ह्म्म्मम्म ... क्या याद दिला दिया.... वैसे मै बिहार को बिलोंग नहीं करती पर चोखा तो मेरे पूरे परिवार की पसंद है .... मै भी यही सलाह दूंगी जिन्होंने चोखा नहीं चखा वो तुरंत इसे अपनी खिदमत में पेश करने का हुकुम करें ..... <br />फोन पर गप्पें और भूख का इंतजाम एक साथ करना समय का सदुपयोग है ...कोई कुछ भी सोचे हम तो करेंगे भाई ... काम चालू रखो जी ...Renu goelhttps://www.blogger.com/profile/13517735056774877294noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8251191037711858199.post-42273860959942191772010-01-22T23:03:39.469+05:302010-01-22T23:03:39.469+05:30samay bahut kimti hai......ab pata chala, ki kyun ...samay bahut kimti hai......ab pata chala, ki kyun hai...aur kin logo ki wajah se hai, is gyan darshan ke liye aapka bhuteeee...dhanyawaad ! ! !sanjeevhttps://www.blogger.com/profile/04781393492470634572noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8251191037711858199.post-46152195239237320332010-01-22T22:39:05.334+05:302010-01-22T22:39:05.334+05:30अब जब इतने काम कर ही डाले तो हमारी भी शाबाशी ले ली...अब जब इतने काम कर ही डाले तो हमारी भी शाबाशी ले लीजिए.<br />शाब्बाश!अनिल कान्तhttps://www.blogger.com/profile/12193317881098358725noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8251191037711858199.post-64642503831542139922010-01-22T22:38:42.343+05:302010-01-22T22:38:42.343+05:30बिना किसी वजह के या फिर ऐसे ही आज चिढ सी मची हुई थ...बिना किसी वजह के या फिर ऐसे ही आज चिढ सी मची हुई थी,लिखने की कोशिश भी की पर पेन उंगलियो में घुमाने के इलावा कुछ न कर सकी,आपकी पोस्ट ने मूड कुछ फ्रेश कर दिया.और भी गम है जमाने में....डिम्पल मल्होत्राhttps://www.blogger.com/profile/07224725278715403648noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8251191037711858199.post-16218801421506674232010-01-22T21:50:34.785+05:302010-01-22T21:50:34.785+05:30बड़ी कुढ़न (या जलन!) हुई यह पोस्ट पढ़ कर..और खुद पे क...बड़ी कुढ़न (या जलन!) हुई यह पोस्ट पढ़ कर..और खुद पे कोफ़्त भी..कि दुनिया कितनी जल्दी मे है..कहाँ से कहाँ जा रही है कि किसी के पास खाने का टाइम भी नही..और एक हम हैं..कि अपनी जगह से टस से मस होने मे भी सोचते हैं कि चलो कल कर लेंगे...आलस ऐसा कि अगर कयामत भी आकर दरवाजे पर नॉक करे तो पड़े-पड़े ही बोल दें कि भई कल आना..अभी तो आराम कर लूँ..जल्दी क्या है..हाँ अगर कहीं आलू के पराठों की बात हो रही होती है तो कान के साथ मन भी डोल जाता है..मगर हाय आलस..मन संतोष कर लेता है कि अभी तो ५०-६० साल पड़े हैं..पराठे इंतजार कर लेंगे..आत्मसंयम!!!<br />हाँ लगे हाथ चोखा भी डिफ़ाइन कर दिया होता तो संयम परीक्षण के और बहाने मिल जाते..खैर कभी सागर साहब को ही पकड़ा जायेगा..:-)अपूर्वhttps://www.blogger.com/profile/11519174512849236570noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8251191037711858199.post-11142111520584627602010-01-22T21:27:27.725+05:302010-01-22T21:27:27.725+05:30ये हुई न बात :)ये हुई न बात :)डॉ महेश सिन्हाhttps://www.blogger.com/profile/18264755463280608959noreply@blogger.com