tag:blogger.com,1999:blog-8251191037711858199.post2322808655897133467..comments2024-03-16T10:24:55.941+05:30Comments on लहरें: रेत पर लिखी इक इश्क की दास्ताँPuja Upadhyayhttp://www.blogger.com/profile/15506987275954323855noreply@blogger.comBlogger21125tag:blogger.com,1999:blog-8251191037711858199.post-38640371864746659352010-03-21T08:16:08.642+05:302010-03-21T08:16:08.642+05:30रात के सन्नाटे मे समन्दर की आवाजे सुनी? कोई sea mu...रात के सन्नाटे मे समन्दर की आवाजे सुनी? कोई sea music सुनाती है वो..<br /><br />टैन वाली बात पसन्द आयी :) ’वो’ ब्लाग पढता है तुम्हारा.. :P ..कुछ गालिया खाने का इन्तज़ाम तो तुमने कर लिया है :DPankaj Upadhyay (पंकज उपाध्याय)https://www.blogger.com/profile/01559824889850765136noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8251191037711858199.post-67492979214416398142010-03-14T04:49:34.995+05:302010-03-14T04:49:34.995+05:30चिरकुटई तो जबरदस्त रही......पर अच्छा किया जो झोपड़...चिरकुटई तो जबरदस्त रही......पर अच्छा किया जो झोपड़ी नहीं उठा लाईं....बेचारे गरीबों का क्या होता....और नहीं तो हम सब झोपड़ी में ही रहने जाएंगे...हा हा हा हाRohit Singhhttps://www.blogger.com/profile/09347426837251710317noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8251191037711858199.post-40052787567438284612010-03-13T20:31:53.294+05:302010-03-13T20:31:53.294+05:30ऐसा ही कुछ अनुभव था जब दो साल पहले गोवा गए थे...इस...ऐसा ही कुछ अनुभव था जब दो साल पहले गोवा गए थे...इसका ठीक उलट अनुभव था अभी कुछ दिन पहले मुंबई के जुहू बीच पर जाना! लहरों के साथ ढेर सारी बदबू और बार बार पैरों में लिपटती पौलिथिन...pallavi trivedihttps://www.blogger.com/profile/13303235514780334791noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8251191037711858199.post-64601633983437310402010-03-13T12:53:12.595+05:302010-03-13T12:53:12.595+05:30महाबलीपुरम का समन्दर भी सुन्दर है ।महाबलीपुरम का समन्दर भी सुन्दर है ।शरद कोकासhttps://www.blogger.com/profile/09435360513561915427noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8251191037711858199.post-13362347566496237622010-03-13T12:02:09.264+05:302010-03-13T12:02:09.264+05:30जाने क्यों मुझे ऐसा लग रहा है की तुम बातें बता भी ...जाने क्यों मुझे ऐसा लग रहा है की तुम बातें बता भी गयी और ढेर सारी बात छुपा भी गयी. मसलन <br /><br />"तेज़ गर्मी में लहकती हुयी बोगनविलिया की खूबसूरती को बयां करने के लिए शब्द नहीं है.."<br /><br />अब बताओ इसे शब्द तुम नहीं दोगी तो और कौन देगा ?<br /><br />लिख के तो देखो तुम ऐसा कर सकती हो <br /><br /><br /><br />... बहरहाल तुम्हारे आँखों देका हाल पढ़ कर हम भी सैर कर आये... पर देखना कहीं समंदर गिर ना पड़े ज़मीन पे....सागरhttps://www.blogger.com/profile/13742050198890044426noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8251191037711858199.post-85738986834517116212010-03-13T11:31:29.656+05:302010-03-13T11:31:29.656+05:30This comment has been removed by the author.सागरhttps://www.blogger.com/profile/13742050198890044426noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8251191037711858199.post-17182045485049555472010-03-13T09:26:04.764+05:302010-03-13T09:26:04.764+05:30आखिरकार फुर्सत को पकड ही लिया और लिखा डाली चंद बात...आखिरकार फुर्सत को पकड ही लिया और लिखा डाली चंद बातें, चंद यादें। हम तो एक बार ही भागम भाग में समुद्र किनारे गए थे। आनंद ही नही ले पाए थे। खैर....सुशील छौक्कर https://www.blogger.com/profile/15272642681409272670noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8251191037711858199.post-29648540903564218362010-03-13T08:46:04.225+05:302010-03-13T08:46:04.225+05:30कोई कहता है...
सैर कर दुनिया की गाफ़िल....
और कोई ...कोई कहता है...<br /><b>सैर कर दुनिया की गाफ़िल....</b><br />और कोई कहता है...<br /><br /><b>मैं हूँ और दिल-ए-नादान है,<br />क्या सफ़र है और क्या सामान है !</b><br /><br />वैसे गुलज़ार सा'ब याद आते हैं हर सफ़र के वक्त, इसलिए ही तो मेरे आई पॉड में ठूँस ठूँस के भरे हैं....दर्पण साहhttps://www.blogger.com/profile/14814812908956777870noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8251191037711858199.post-67241124676876594872010-03-13T00:26:49.582+05:302010-03-13T00:26:49.582+05:30बहुत अच्छी प्रस्तुति।
इसे 13.03.10 की चिट्ठा चर्चा...बहुत अच्छी प्रस्तुति।<br />इसे 13.03.10 की चिट्ठा चर्चा (सुबह ०६ बजे) में शामिल किया गया है।<br />http://chitthacharcha.blogspot.com/मनोज कुमारhttps://www.blogger.com/profile/08566976083330111264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8251191037711858199.post-59301552858314368192010-03-12T23:19:24.303+05:302010-03-12T23:19:24.303+05:30चिरकुटई बेहद मोहक .........शुभकामना .चिरकुटई बेहद मोहक .........शुभकामना .सुशीला पुरीhttps://www.blogger.com/profile/18122925656609079793noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8251191037711858199.post-39069476879958736092010-03-12T22:07:54.098+05:302010-03-12T22:07:54.098+05:30सागर की लहरों को लगातार आते हुये देखना कवि की कल्प...सागर की लहरों को लगातार आते हुये देखना कवि की कल्पनाओं को रह रह कर उकेरता रहा है । आपकी भी अभिव्यक्ति भी बलवती हो ।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8251191037711858199.post-42765089292465237372010-03-12T21:27:19.716+05:302010-03-12T21:27:19.716+05:30दिलचस्प संस्मरणात्मक विवरणदिलचस्प संस्मरणात्मक विवरणमनोज कुमारhttps://www.blogger.com/profile/08566976083330111264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8251191037711858199.post-84888917248182665562010-03-12T20:56:57.970+05:302010-03-12T20:56:57.970+05:30चिरकुटई पसंद आयी आपकी... और शब्द लहकना बेहद पसंद आ...चिरकुटई पसंद आयी आपकी... और शब्द लहकना बेहद पसंद आया ...<br />ये मिजाज भी पसंद आया टैन के बहाने दोनों का एक रंग का दिखना ... <br /><br /><br />अर्श"अर्श"https://www.blogger.com/profile/15590107613659588862noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8251191037711858199.post-890354561417611352010-03-12T18:44:36.440+05:302010-03-12T18:44:36.440+05:30पूजा,,, क्या आपने दो समन्दर एक साथ देखे हैं ???पूजा,,, क्या आपने दो समन्दर एक साथ देखे हैं ???Rajeyshahttps://www.blogger.com/profile/01568866646080185697noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8251191037711858199.post-22855509934704169672010-03-12T17:41:05.282+05:302010-03-12T17:41:05.282+05:30:) ये मस्त था.. !:) ये मस्त था.. !कुशhttps://www.blogger.com/profile/04654390193678034280noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8251191037711858199.post-50743611135579422692010-03-12T16:58:43.898+05:302010-03-12T16:58:43.898+05:30niceniceRandhir Singh Sumanhttps://www.blogger.com/profile/18317857556673064706noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8251191037711858199.post-7199831958934557352010-03-12T15:57:53.817+05:302010-03-12T15:57:53.817+05:30अरे नहीं कुश, रहने दो...इसी बहाने दोनों एक रंग के ...अरे नहीं कुश, रहने दो...इसी बहाने दोनों एक रंग के दिख रहे हैं...कुछ दिन ही सही. :)Puja Upadhyayhttps://www.blogger.com/profile/15506987275954323855noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8251191037711858199.post-5158344979310576102010-03-12T15:55:48.099+05:302010-03-12T15:55:48.099+05:30हमने तो कभी समन्दर देखा ही नहीं है.. अलबत्ता रेत क...हमने तो कभी समन्दर देखा ही नहीं है.. अलबत्ता रेत के समन्दरो में ज़रूर गोते लगाये है.<br />अच्छा होता जो झुपड़िया ले ही आती.. खैर कोई नहीं..<br /><br />वैसे टैन के इलाज के लिए अपने डाक्टर साहब है.. सुना है डरमेटोलोजिस्ट है.. कहो तो बात करू.. :)कुशhttps://www.blogger.com/profile/04654390193678034280noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8251191037711858199.post-54115504401799877322010-03-12T15:44:19.526+05:302010-03-12T15:44:19.526+05:30पढ़ना तो बहुत बढ़िया लगा , साथ ही आपके द्वारा लगये...पढ़ना तो बहुत बढ़िया लगा , साथ ही आपके द्वारा लगयें गयें फोटो और भी चाँद चाँद लगा रहे हैं ।Mithilesh dubeyhttps://www.blogger.com/profile/14946039933092627903noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8251191037711858199.post-78319463272299572202010-03-12T15:28:22.025+05:302010-03-12T15:28:22.025+05:30new to ur blog.. nd did I hit a jackpot?? .. great...new to ur blog.. nd did I hit a jackpot?? .. great post.. nd most impressive are ur hindi poetry ..<br /><br />hoping to see u .. at my blog..<br />nd ur comments there in ..Gautam Anandhttps://www.blogger.com/profile/13142107405039315978noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8251191037711858199.post-12076660377582227772010-03-12T15:00:01.078+05:302010-03-12T15:00:01.078+05:30ढेर सारी शुभकामनायें.ढेर सारी शुभकामनायें.संजय भास्कर https://www.blogger.com/profile/08195795661130888170noreply@blogger.com