tag:blogger.com,1999:blog-8251191037711858199.post8397575067807387052..comments2024-03-16T10:24:55.941+05:30Comments on लहरें: कोडनेम सी.के.डी.Puja Upadhyayhttp://www.blogger.com/profile/15506987275954323855noreply@blogger.comBlogger9125tag:blogger.com,1999:blog-8251191037711858199.post-88009277889510773192015-03-07T19:23:13.125+05:302015-03-07T19:23:13.125+05:30बहुत अच्छा लगा आपका पोस्ट पढ़कर..धन्यवाद..बहुत अच्छा लगा आपका पोस्ट पढ़कर..धन्यवाद..SAKET SHARMAhttps://www.blogger.com/profile/11249488966676421573noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8251191037711858199.post-59689648610454694082013-09-22T00:17:18.656+05:302013-09-22T00:17:18.656+05:30बहुत देर से तुम्हरा पोस्ट सब पढ़ रहे हैं, बीच-बीच ...बहुत देर से तुम्हरा पोस्ट सब पढ़ रहे हैं, बीच-बीच में कोनो-कोनो पोस्ट पर टिपिया भी दे रहे हैं ताकि तुमको पता चल जाये कि हम कुल केतना देर तक ई ब्लॉग पर चक्कर लगाते रहे।.... अब डायरेक्ट्ली तो नहीं कह सकते हैं न कि कभी हमरे ब्लॉग पर भी आओ, बहुत चीप लगता है न॥ ;-)<br /><br />वैसे तुम बड़ी ब्लॉगर हो सब जगह थोड़े न जाती हो, तहियों कभी मन करे तो हमरे जैसा टुच्चा-पुच्चा लोग के बारे में सोच लिया करो....<br /><br />अरे छोड़ो मज़ाक कर रहे थे... ऐसे ही बकर करने का मन हो रहा था.... आज बंगलौर बहुत अकेला लग रहा है.... :(<br />Shekhar Sumanhttps://www.blogger.com/profile/02651758973102120332noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8251191037711858199.post-56074760166415397972012-05-30T09:19:21.612+05:302012-05-30T09:19:21.612+05:30बढि़या किस्सागोई, जब हर पल लगे कि कुछ होने को है ...बढि़या किस्सागोई, जब हर पल लगे कि कुछ होने को है और जो कुछ हो वह कहानी में होने जैसा ही हो.Rahul Singhhttps://www.blogger.com/profile/16364670995288781667noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8251191037711858199.post-44047236600901280252012-05-30T09:13:26.682+05:302012-05-30T09:13:26.682+05:30सरल नहीं है सी.के.डी. बनना.....लेकिन इतना मुश्किल ...सरल नहीं है सी.के.डी. बनना.....लेकिन इतना मुश्किल भी नहीं। थोड़ा सा बड़ा दिल और थोड़ा सा फक्कड़पना ...बस काफ़ी है। कैरेक्टर मनमोहक है...कुछ-कुछ स्वप्निल सा भी।बस्तर की अभिव्यक्ति जैसे कोई झरनाhttps://www.blogger.com/profile/11751508655295186269noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8251191037711858199.post-29447578501500316702012-05-30T08:57:51.027+05:302012-05-30T08:57:51.027+05:30कल वाली पोस्ट और आज वाली पोस्ट पर आपने सर्दियों की...कल वाली पोस्ट और आज वाली पोस्ट पर आपने सर्दियों की तस्वीर लगाई है.. :( <br />इस भयंकर गर्मी में ऐसी तस्वीरों को देखना थोड़ा सुकून तो देता है :) :)abhihttps://www.blogger.com/profile/12954157755191063152noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8251191037711858199.post-53210637192183930072012-05-30T08:56:37.874+05:302012-05-30T08:56:37.874+05:30सीकेडी का व्यक्तित्व मस्त लगा!!
और लेखक की चिप्पी ...सीकेडी का व्यक्तित्व मस्त लगा!!<br />और लेखक की चिप्पी से भी एकदम सहमत हूँ मैं :)abhihttps://www.blogger.com/profile/12954157755191063152noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8251191037711858199.post-69641657900234972642012-05-30T08:52:00.551+05:302012-05-30T08:52:00.551+05:30सीकेडी जैसे व्यक्तित्व से प्रभावित होना और उसकी तर...सीकेडी जैसे व्यक्तित्व से प्रभावित होना और उसकी तरह मस्तमौला बनने की कोशिश करना, न जाने कितनों युवाओं का स्वप्न रहता है। पर दिल बड़ा करने में न जाने कितने अंग सिकुड़ जाते हैं। यथासंभव सीकेडी बने रहने की कथा कोई साधारण कथा नहीं है।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8251191037711858199.post-23735383552618052762012-05-30T08:03:14.728+05:302012-05-30T08:03:14.728+05:30खुबसूरत लोगों के पास खुबसूरत सूरत ही नहीं खुबसूरत ...खुबसूरत लोगों के पास खुबसूरत सूरत ही नहीं खुबसूरत सीरत भी होती है ,खुशनसीब होते हैं वो लोग जो उनके करीब होते हैं ,यह घटता है हम देख और पहचान नहीं पाते ,जिनकी दृष्टि है वो देखते और लिखा भी लेते हैं . कोई बड़ाई ,जहाँ बात नहीं जमेगी बोल दिया जायेगा कुछ छुट गया ............Ramakant Singhhttps://www.blogger.com/profile/06645825622839882435noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8251191037711858199.post-40807143379313632002012-05-30T06:59:25.941+05:302012-05-30T06:59:25.941+05:30कहानी त बहुत सुन्दर लगी। अच्छी सी। लेकिन ई चिप्पी ...कहानी त बहुत सुन्दर लगी। अच्छी सी। लेकिन ई चिप्पी लेखक की चिप्पी ने झमेला कर दिया। अब हम खोज रहे हैं अपने अंदर के सीकेडी को। मिल नहीं रहा है। का एफ़.आई.आर. कराना पड़ेगा! :)अनूप शुक्लhttps://www.blogger.com/profile/07001026538357885879noreply@blogger.com