tag:blogger.com,1999:blog-8251191037711858199.post8374667589898968564..comments2024-03-16T10:24:55.941+05:30Comments on लहरें: मृत्यु की न दुखने वाली तीन कहानियाँ Puja Upadhyayhttp://www.blogger.com/profile/15506987275954323855noreply@blogger.comBlogger1125tag:blogger.com,1999:blog-8251191037711858199.post-61413696015266689822017-07-05T18:24:29.954+05:302017-07-05T18:24:29.954+05:30मृत्यु की न दुखने वाली तीनों कहानियों में सचमुच उज...मृत्यु की न दुखने वाली तीनों कहानियों में सचमुच उजाले हैं... इन्हें लिख कर तुमने साँसों की मोहलत खरीदी... पढने वाले इन्हें पढ़कर सांसों की कीमत समझेंगे ही...<br /><br />जाने किस मूड में पढ़ा... पर पढना अच्छा लगा... आँखों की नमी में सुकून था कि कितना कुछ गुनने को है इस लिखे हुए में....<br />-------------------------------------------------------<br />तुम्हारी इच्छा है और अगर सामर्थ्य है तो इस आसन्न मृत्यु से लड़ने के लिए आयुध तैय्यार करो। मेरे हृदय को सात सुरक्षा दीवारों वाले अभेद्य क़िले में बदल दो। <br />***<br />वो उसकी आँखों का रंग देखना चाहती है।<br />***<br />लेकिन उनसे बात करने के बावजूद जो लोग अगले कुछ दिनों में जान दे देते थे, उसका बोझ उस हेल्पलाइन में काम करने वाला कोई भी व्यक्ति सम्हाल नहीं पाता था। <br /><br />और फिर ये भी...<br />मेरे ख़त में आख़िरी दुआ उन सब लोगों के नाम जिन्होंने कभी मृत्युगंध को पर्फ़्यूम की तरह अपनी कलाई पर नहीं रगड़ा है। ईश्वर आपकी आँखों का उजाला सलामत रखे। <br /><br />तीनों कहानियों की भावभूमि हृदय के बेहद करीब लगी... !!<br /><br />लहरें... शुक्रिया!अनुपमा पाठकhttps://www.blogger.com/profile/09963916203008376590noreply@blogger.com