tag:blogger.com,1999:blog-8251191037711858199.post4290762122630484074..comments2024-03-16T10:24:55.941+05:30Comments on लहरें: कॉफी हाउस की आखिरी टेबलPuja Upadhyayhttp://www.blogger.com/profile/15506987275954323855noreply@blogger.comBlogger15125tag:blogger.com,1999:blog-8251191037711858199.post-87245632716803647362011-03-10T13:13:29.016+05:302011-03-10T13:13:29.016+05:30i like this blog........kya hua uas baagi ladki ka...i like this blog........kya hua uas baagi ladki ka......Unknownhttps://www.blogger.com/profile/14240506671280724239noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8251191037711858199.post-71624083658785117222011-03-08T14:40:32.676+05:302011-03-08T14:40:32.676+05:30ऐसी ही कुछ याद अपनी भी है, बैंगलोर नहीं, एक ऐसे जग...ऐसी ही कुछ याद अपनी भी है, बैंगलोर नहीं, एक ऐसे जगह से जहाँ से मैंने अपनी पढाई की थी...छोटा सा शहर..और उस शहर का एक कोना...<br /><br />शायद आप उसी कोफ़ी हाउस की बात कर रही हैं, जो मैं सोच रहा हूँ..अगर हां, तो मैं वहां कभी नहीं गया(अफ़सोस)..abhihttps://www.blogger.com/profile/12954157755191063152noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8251191037711858199.post-19697753151298888182011-03-08T13:21:14.982+05:302011-03-08T13:21:14.982+05:30फुर्सत...
ठीक है.फुर्सत...<br />ठीक है.Puja Upadhyayhttps://www.blogger.com/profile/15506987275954323855noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8251191037711858199.post-64059391672717440842011-03-08T13:14:54.273+05:302011-03-08T13:14:54.273+05:30मैं ऐसी एक जगह जानता हूँ, वहां पीपल के पत्ते आपस म...मैं ऐसी एक जगह जानता हूँ, वहां पीपल के पत्ते आपस में बात करते हैं, टेबल की जरुरत नहीं होती. शब्द मन की कागज़ पर टंकित होते जाते हैं धडाधड... <br /><br />तुम फुर्सत से आना, दिखाऊंगा.सागरhttps://www.blogger.com/profile/13742050198890044426noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8251191037711858199.post-90990482840805724382011-03-08T13:14:51.718+05:302011-03-08T13:14:51.718+05:30मैं ऐसी एक जगह जानता हूँ, वहां पीपल के पत्ते आपस म...मैं ऐसी एक जगह जानता हूँ, वहां पीपल के पत्ते आपस में बात करते हैं, टेबल की जरुरत नहीं होती. शब्द मन की कागज़ पर टंकित होते जाते हैं धडाधड... <br /><br />तुम फुर्सत से आना, दिखाऊंगा.सागरhttps://www.blogger.com/profile/13742050198890044426noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8251191037711858199.post-68476537512323518302011-03-06T22:35:47.625+05:302011-03-06T22:35:47.625+05:30बहुत खूब पोस्ट.. कॉफी हाउस में हमने भी कई पल साथ ग...बहुत खूब पोस्ट.. कॉफी हाउस में हमने भी कई पल साथ गुजारें हैं.. http://manojkhatrijaipur.blogspot.com/2010/10/blog-post_24.htmlManoj Khttps://www.blogger.com/profile/06707542140412834778noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8251191037711858199.post-72418310830847450552011-03-03T21:24:48.196+05:302011-03-03T21:24:48.196+05:30हाँ एक जगह है दिल का कोई सुनसान कोना... वो बाज़ारवा...हाँ एक जगह है दिल का कोई सुनसान कोना... वो बाज़ारवाद की चपेट में कभी नहीं आयेगा ....neerahttps://www.blogger.com/profile/16498659430893935458noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8251191037711858199.post-78870789336555319132011-03-03T18:49:01.407+05:302011-03-03T18:49:01.407+05:30काफी हाउस घर के मोहल्ले में ही था सो वहां तो बैठ ...काफी हाउस घर के मोहल्ले में ही था सो वहां तो बैठ नहीं सकते थे, क्योंकि किसी को भी अच्छा नहीं लगता कि वो काफी हाउस जैसी आम जगह में बैठे और शराबखाने में बैठे व्यक्ित की तरह बदनाम हो जाये। अकेले झकमारी करने के लिए बहुतेरी जगहे होती हैं, जिन्हें हम जानते ही हैं, जिनमें हम रहते ही हैं, कोकून से।Rajeyshahttps://www.blogger.com/profile/01568866646080185697noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8251191037711858199.post-30709759707425648022011-03-03T17:30:38.438+05:302011-03-03T17:30:38.438+05:30दिल्ली का काफी हाउस भी बंद हो गया है... वहां की आख...दिल्ली का काफी हाउस भी बंद हो गया है... वहां की आखिरी टेबल पर शाम को सूरज खिड़की से छन कर आता था...अरुण चन्द्र रॉयhttps://www.blogger.com/profile/01508172003645967041noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8251191037711858199.post-13096052618859222552011-03-03T12:34:09.023+05:302011-03-03T12:34:09.023+05:30"वादे की मियाद पूरी होने ही को है...कल ऑनलाइन..."वादे की मियाद पूरी होने ही को है...कल ऑनलाइन ऑक्शन था कॉफी हाउस की काफी चीज़ों का. उसने आखिरी टेबल खरीद ली है...अब उसे रखने को एक कोना चाहिए...पर इतने बड़े शहर में उसे कोई जगह नहीं मिल रही.<br />आप किसी ऐसी जगह को जानते हैं जहाँ एक पुराना, टूटी टांग वाली कॉफी टेबल और एक बागी लड़की एक साथ चैन से रह सकें...कोई ताउम्र जैसे समय के लिए?"<br />सुन्दर व्यंजना है आपकी . साभार -अवनीश सिंह चौहानअवनीश सिंह चौहान / Abnish Singh Chauhanhttps://www.blogger.com/profile/05755723198541317113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8251191037711858199.post-68763136217541581862011-03-03T11:44:06.291+05:302011-03-03T11:44:06.291+05:30haan pooja ji ---- internet connesction ke aage w...haan pooja ji ---- internet connesction ke aage waale computer ke kamre me ..... hai ek aisi jagah ... jahan kursi aur baaghi ladki dono aa sakeinUnknownhttps://www.blogger.com/profile/14829221709337086181noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8251191037711858199.post-63051042214680649842011-03-03T11:07:11.529+05:302011-03-03T11:07:11.529+05:30शीर्षक अपने आप में ही एक नोस्टेलेजिक मूड सेट करता ...शीर्षक अपने आप में ही एक नोस्टेलेजिक मूड सेट करता है .. <br /><br />पहली और आखिरी चार लाईन्स जबरदस्त है ..कुशhttps://www.blogger.com/profile/04654390193678034280noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8251191037711858199.post-80447524732567520072011-03-03T10:41:22.614+05:302011-03-03T10:41:22.614+05:30अच्छी पोस्ट।
शब्द चयन लाजवाब।
बधाई हो आपको।
......अच्छी पोस्ट।<br />शब्द चयन लाजवाब।<br />बधाई हो आपको।<br />...टूटी टांग वाली काफी टेबल... <br />वाह। <br />पूरी पोस्ट पढकर ऐसा लगा मानों हम भी किसी काफी हाऊस के किसी कोने में बैठे हों।Atul Shrivastavahttps://www.blogger.com/profile/02230138510255260638noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8251191037711858199.post-22165201569425780152011-03-03T08:02:41.577+05:302011-03-03T08:02:41.577+05:30कॉफी हाउस का वातावरण, उसमें घुली एक मदिर सी महक, म...कॉफी हाउस का वातावरण, उसमें घुली एक मदिर सी महक, मानसिक ढलान का निश्चेष्ट हल्कापन, ये सब बहुत सुहाता है। आप भाग्यशाली हैं कि आपको वहाँ बैठने का समय मिल जाता है, हम तो समय-रथ में दबे हैं।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8251191037711858199.post-1783721448931571252011-03-03T06:15:56.700+05:302011-03-03T06:15:56.700+05:30वैसे सीन तो अच्छा यही बना है 'टूटी टांग वाली ...वैसे सीन तो अच्छा यही बना है 'टूटी टांग वाली कॉफी टेबल और एक बागी लड़की, आशियाने की तलाश में'Rahul Singhhttps://www.blogger.com/profile/16364670995288781667noreply@blogger.com