tag:blogger.com,1999:blog-8251191037711858199.post3694896916775375269..comments2024-03-16T10:24:55.941+05:30Comments on लहरें: तिरासीPuja Upadhyayhttp://www.blogger.com/profile/15506987275954323855noreply@blogger.comBlogger11125tag:blogger.com,1999:blog-8251191037711858199.post-54675913451520441102011-02-14T11:21:04.251+05:302011-02-14T11:21:04.251+05:30Beautiful :)
बंगलोर का मौसम बहुत सुहाना है...यूँ त...Beautiful :)<br />बंगलोर का मौसम बहुत सुहाना है...यूँ तो यहाँ अक्सर शाम को बारिश होती है, पर कुछ ऐसी भी शामें होती हैं जब उदासी बरसती है...आज की शाम कुछ वैसी ही थी. खाली जगह भरने को कुछ नया लिखने का मन नहीं किया...तो पुरानी पोस्ट्स देख रही थी. अधूरे रिश्ते जैसे...हेतु हेतु मद भूतकाल...अगर ऐसा हुआ होता तो वैसा होता. (उदाहरण...अगर तुम आज इस शहर में होते तो शाम खूबसूरत लगती.)<br /><br />अपनी सी लगी ये बात!!abhihttps://www.blogger.com/profile/12954157755191063152noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8251191037711858199.post-56320463777309651492011-02-04T22:20:31.726+05:302011-02-04T22:20:31.726+05:30pyar vyar sub bakwas hai dear ,,just do what ever ...pyar vyar sub bakwas hai dear ,,just do what ever u want 2 do. beautiful eyes,udont u think so life much better if u have lots of good true friends. so my little one enjoy life without vasting time.bye.Unknownhttps://www.blogger.com/profile/16321318201137217729noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8251191037711858199.post-91323388750215686342011-02-03T11:38:01.784+05:302011-02-03T11:38:01.784+05:30अधूरे ड्राफ्ट्स से पोस्ट बन सकती है.. ये पहले पता ...अधूरे ड्राफ्ट्स से पोस्ट बन सकती है.. ये पहले पता होता तो अपने सात सौ छियासी पोस्ट पर पहले ही लिख डालता.. <br />खैर पोस्ट बड़ी खूबसूरत.. शब्दों का चयन भी उम्दा.. <br /><br />जब ब्लॉग पर लिखने वाला बिना कमेन्ट की परवाह किये लिखे तो इतना ही अच्छा लिखता है.. गुड पूजाकुशhttps://www.blogger.com/profile/04654390193678034280noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8251191037711858199.post-84553606402423448532011-02-02T21:43:29.813+05:302011-02-02T21:43:29.813+05:30सुब्रमनियम जी...आपके स्नेह से अभिभूत हूँ, दिल तो क...सुब्रमनियम जी...आपके स्नेह से अभिभूत हूँ, दिल तो कर रहा है कलम उठाऊं और खास आपके लिए लिख कर आपको भेज दूं :)Puja Upadhyayhttps://www.blogger.com/profile/15506987275954323855noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8251191037711858199.post-23238790728670227222011-02-02T20:37:03.380+05:302011-02-02T20:37:03.380+05:30क्या बात है! लेखनी को चूमने का मन करता है लेकिन ले...क्या बात है! लेखनी को चूमने का मन करता है लेकिन लेपटोप में टाइप किया होगा. कैसे कहूँ की उसे भिजवादो.P.N. Subramanianhttps://www.blogger.com/profile/01420464521174227821noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8251191037711858199.post-11976980837258423862011-02-02T15:35:21.513+05:302011-02-02T15:35:21.513+05:30बंगलोर का मौसम बहुत सुहाना है...यूँ तो यहाँ अक्सर ...बंगलोर का मौसम बहुत सुहाना है...यूँ तो यहाँ अक्सर शाम को बारिश होती है, पर कुछ ऐसी भी शामें होती हैं जब उदासी बरसती है<br /><br />बादलों को कैसे मालूम पड़ता है कि आप उदास हैं।<br />जो लिखा है, उसे बोझ न समझिये, हर विचार का समय आता है।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8251191037711858199.post-55801177335115910942011-02-02T15:30:21.230+05:302011-02-02T15:30:21.230+05:30आपकी रचनात्मक ,खूबसूरत और भावमयी
प्रस्तुति भी कल...आपकी रचनात्मक ,खूबसूरत और भावमयी<br /> प्रस्तुति भी कल के चर्चा मंच का आकर्षण बनी है<br />कल (3/2/2011) के चर्चा मंच पर अपनी पोस्ट<br /> देखियेगा और अपने विचारों से चर्चामंच पर आकर<br />अवगत कराइयेगा और हमारा हौसला बढाइयेगा।<br />http://charchamanch.uchcharan.comvandana guptahttps://www.blogger.com/profile/00019337362157598975noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8251191037711858199.post-74083789447300236922011-02-02T10:33:18.247+05:302011-02-02T10:33:18.247+05:30सच में एथिक्स इन जर्नालिस्म नाम का पेपर होता था..
...सच में एथिक्स इन जर्नालिस्म नाम का पेपर होता था..<br />यही आश्चर्य होता है मुझे भी ...वो लोग किस प्लेनेट के वासी थे ...<br />शब्दों का अच्छा खासा संसार है आपके पास इसलिए ड्राफ्ट भी हैं इतने सारे ...<br />बहुत खूबसूरत एहसास और लफ्ज़ भी !वाणी गीतhttps://www.blogger.com/profile/01846470925557893834noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8251191037711858199.post-68120044832311019462011-02-02T10:13:59.210+05:302011-02-02T10:13:59.210+05:30aapka likha hamesha prabhawshali hota haiaapka likha hamesha prabhawshali hota haiरश्मि प्रभा...https://www.blogger.com/profile/14755956306255938813noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8251191037711858199.post-8486034012519660562011-02-02T08:42:27.072+05:302011-02-02T08:42:27.072+05:30मैं अपने ही तिलिस्म का दरवाजा भूल गयी हूँ...सिमसिम...मैं अपने ही तिलिस्म का दरवाजा भूल गयी हूँ...सिमसिम...गुमसुम...तुम तुम<br /><br />सोचती हूँ लॉ कर लूं. देर रात किसी मरते हुए कवि की वसीयत खोल कर पढूंगी जिसमें उसकी प्रेमिका का नाम होगा और होगी चंद किताबों के कवर...<br /><br />...ड्राफ्ट...कर रही हूँ जिंदगी...काफी दिनों से मेरी शाम में अटकी पड़ी है...<br /><br />aur ye to bas....<br /><br />एक बेहद खूबसूरत सी अब्सोलुट वोदका..वनिला, एक ग्लेंफिदिच सिंगल माल्ट की गहरी हरी कोर्क लगी... मेरी इच्छा है कि हरी बोटल में रजनीगंधा के फूल डाल दूं...और सफ़ेद वाली में गुलाब के फूल. खुशबू में नशा भी तो तब शायद.....<br /><br />aur kya kya chunoon....aisa lagta hai ek ek lafz jaise main likhna chahti thi....behad khoobsurat<br /><br />बंगलोर का मौसम बहुत सुहाना है...यूँ तो यहाँ अक्सर शाम को बारिश होती है, पर कुछ ऐसी भी शामें होती हैं जब उदासी बरसती है...<br /><br />uffff....do saal pehle thik kuch aisa hi likha tha maine bhi....sab kuch phir se....Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8251191037711858199.post-57980054691121684622011-02-02T02:33:04.819+05:302011-02-02T02:33:04.819+05:30आधी रात को तुम्हारा तुम होने के सामने हर नशा फीका....आधी रात को तुम्हारा तुम होने के सामने हर नशा फीका... आजकल कमबख्त अंगुलियाँ सिर्फ ड्राफ में सहेजने के लिए लिखती हैं... तुम यह बिमारी मत पालो...दो दिन गुज़रे नहीं तुम्हारे शब्दों के एडिक्टस विध ड्राल सीमटम से लाइलाज ...neerahttps://www.blogger.com/profile/16498659430893935458noreply@blogger.com