tag:blogger.com,1999:blog-8251191037711858199.post2540581993421074973..comments2024-03-16T10:24:55.941+05:30Comments on लहरें: फिगरिंग मायसेल्फ आउटPuja Upadhyayhttp://www.blogger.com/profile/15506987275954323855noreply@blogger.comBlogger19125tag:blogger.com,1999:blog-8251191037711858199.post-56705259931999045552014-05-03T15:24:02.067+05:302014-05-03T15:24:02.067+05:30मैं भी कौशलेन्द्र जी से बिलकुल इत्तेफाक रखता हूँ ।...मैं भी कौशलेन्द्र जी से बिलकुल इत्तेफाक रखता हूँ । Dayanand Aryahttps://www.blogger.com/profile/05806267941810654316noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8251191037711858199.post-82404928905835494872012-03-10T11:23:34.164+05:302012-03-10T11:23:34.164+05:30Beautiful!!
mera dost akram, mere liye hai jo din ...Beautiful!!<br />mera dost akram, mere liye hai jo din bhar ka socha hua mera sunta hai...jab bhi koi naya khayal aata hai to usey phone milata hun :)abhihttps://www.blogger.com/profile/12954157755191063152noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8251191037711858199.post-33534902893023906152012-03-05T21:57:49.920+05:302012-03-05T21:57:49.920+05:30loved itloved itprachihttps://www.blogger.com/profile/06638477208815190124noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8251191037711858199.post-17865784628868156422012-03-04T14:00:53.165+05:302012-03-04T14:00:53.165+05:30Well ur expressions here are always touch...there ...Well ur expressions here are always touch...there is a grip u put in ur words makes reader to attempt for a connection....quite lively and feel-full...<br /><br />All the very good luck for the script....<br /><br />Keep rockin !!! keep blogging!!!Prakash Jainhttps://www.blogger.com/profile/04801182284591806629noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8251191037711858199.post-948071343695846232012-03-04T09:34:51.564+05:302012-03-04T09:34:51.564+05:30कौशलेन्द्र जी...इतने खूबसूरत कमेन्ट का शुक्रिया.
...कौशलेन्द्र जी...इतने खूबसूरत कमेन्ट का शुक्रिया. <br />जिंदगी काफी सिंपल सी जी रहे हैं हम...बस चीज़ों को थोड़ा रुक कर देख लेते हैं...हमारे आसपास ही इतनी खूबसूरती बिखरी हुयी है. इर्ष्या करने लायक कुछ भी नहीं है हमारे चौबीस घंटों में, एकदम आम सी जिंदगी. <br />फिल्म स्क्रिप्ट तो लिखूंगी...उम्मीद है जल्दी लिख लूं कुछ. :)Puja Upadhyayhttps://www.blogger.com/profile/15506987275954323855noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8251191037711858199.post-66575304791049112242012-03-03T23:27:22.007+05:302012-03-03T23:27:22.007+05:30मेरे लिये एकांत समय भी पहरेदार के साथ आता है, अवधि...मेरे लिये एकांत समय भी पहरेदार के साथ आता है, अवधि होते ही बाहर भगा देता है, भीड़ भाड़ में। यही कारण है कि कल्पना सतह में ही छूकर चली जाती है। काश, गहरा उतरना आता, भले ही साँस उखड़ जाती...प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8251191037711858199.post-30988226162870509812012-03-03T23:22:28.707+05:302012-03-03T23:22:28.707+05:30पूजा! सही मायनों तुम अपनी ज़िन्दगी बहुत ही ..बहुत ह...पूजा! सही मायनों तुम अपनी ज़िन्दगी बहुत ही ..बहुत ही....बहुत ही खूबसूरत तरीके सी जी रही हो...इतनी खूबसूरत कि लोगों को ईर्ष्या होने लगे। दरअसल ज़िन्दगी के प्रति तुम्हारी अनुभूति बडी ही अनोखी है...जैसे कोई झरना झर रहा हो ...बिना किसी की परवाह किये, जैसे कहीं जंगल में फूल खिल रहे हों बिना इस परवाह के कि यहाँ उन्हें पूछने वाला कौन है, जैसे कोई परी हो जो रोज सपने में आकर कुछ नायाब उपहार दे जाती हो, जैसे कोई मासूम बच्ची तमाम ख्वाब समेटे हुये खोई रहती हो अपने आप में ही। बेशक! अगर तुम कोई स्क्रिप्ट लिखोगी और उसे खुद ही डायरेक्ट भी करोगी तो एक यादगार फिल्म बनेगी।<br />तुम्हें किसी की नज़र न लगे इसलिये एक दिठौना लगा लेना आज अपने माथे पर। देखना, आज एक खूबसूरत ख्वाब आयेगा तुम्हें...किसी खूबसूरत स्क्रिप्ट का...।बस्तर की अभिव्यक्ति जैसे कोई झरनाhttps://www.blogger.com/profile/11751508655295186269noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8251191037711858199.post-68454534483591951502012-03-03T22:35:11.285+05:302012-03-03T22:35:11.285+05:30एक सीक्रेट बताऊँ...आजकल मौसम बड़ा प्यारा हो रखा है...एक सीक्रेट बताऊँ...आजकल मौसम बड़ा प्यारा हो रखा है...इंदिरानगर में दोपहर को पार्क की सीढ़ियों पर बैठी रहती हूँ...पत्ते स्लो मोशन में गिरते हैं...हलकी सी हवा चलती है...दुपहर धूप छाँव का खेल चलता है, ऐसे में एक १० रुपये की आइसक्रीम कैंडी खरीदती हूँ...अधिकतर ऑरेंज. गाने सुनती रहती हूँ, कुछ सोचती हूँ...कभी कुछ भी नहीं सोचती हूँ. इस शहर से प्यार नहीं करती फिर भी ये शहर एक अच्छा दोस्त तो बनता ही जा रहा है और हौले हौले शब्दों में अपनी जगह भी बनाता जा रहा है...बिना मांगे, बिना चाहे. शायद रिश्ते ऐसे ही बनते हैं. <br /><br />उस वक्त कोई नहीं होता है...इक्का दुक्का लोग दिखते हैं. हर शहर का अपना एकांत होता है...थोड़ा ढूँढने पर अक्सर आसपास ही मिल जाता है. तो ये है इस भीड़ भाड़ वाले शहर में मेरी तन्हाई और ख़ामोशी का पता :)Puja Upadhyayhttps://www.blogger.com/profile/15506987275954323855noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8251191037711858199.post-39103317745879571662012-03-03T19:53:46.142+05:302012-03-03T19:53:46.142+05:30जब मन में कोई विचार उमड़ता है तो ऐसी जगह में बैठने...जब मन में कोई विचार उमड़ता है तो ऐसी जगह में बैठने का मन करता है जहाँ वह आग धीरे धीरे सुलग कर बढ़ती जाये..पता नहीं बंगलोर की भीड़भाड़ आपको लिखने के लिये कैसे मना लेती है।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8251191037711858199.post-61277260921886399442012-03-03T19:10:54.983+05:302012-03-03T19:10:54.983+05:30संजय जी...इन द मूड फॉर लव वोंग कार वाई की सबसे अच्...संजय जी...इन द मूड फॉर लव वोंग कार वाई की सबसे अच्छी फिल्म लगी है मुझे. कहीं से देख सकें तो जरूर देखिये. चुंगकिंग एक्सप्रेस भी बहुत अच्छी लगी थी मुझे...ये फिल्में स्क्रीन पर कविता करती हैं. <br /><br />किताब के और कुछ हिस्से और किस्से जल्दी ही पोस्ट करती हूँ :)<br />कमेन्ट के लिए शुक्रिया.Puja Upadhyayhttps://www.blogger.com/profile/15506987275954323855noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8251191037711858199.post-28791829469924115502012-03-03T18:50:32.181+05:302012-03-03T18:50:32.181+05:30अनुपम भाव संयोजन के साथ बेहतरीन अभिव्यक्ति ।अनुपम भाव संयोजन के साथ बेहतरीन अभिव्यक्ति ।Shanti Garghttps://www.blogger.com/profile/03904536727101665742noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8251191037711858199.post-15223087418671876562012-03-03T15:46:40.108+05:302012-03-03T15:46:40.108+05:30पढ़कर अपने दिन याद आ गया। जीवाजी विश्वविद्यालय, ग्...पढ़कर अपने दिन याद आ गया। जीवाजी विश्वविद्यालय, ग्वालियर। क्लास रूम, कैंटीन, यूनिवर्सिटी के तमाम बगीचे। दोस्तों का साथ। मीठे पल। कुछ खट्टी यादें।लोकेन्द्र सिंहhttps://www.blogger.com/profile/08323684688206959895noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8251191037711858199.post-5444201413962703432012-03-03T14:43:37.452+05:302012-03-03T14:43:37.452+05:30'इन द मूड फॉर लव' तो नहीं देखी पर इस बहाने...'इन द मूड फॉर लव' तो नहीं देखी पर इस बहाने 'चुंगकिंग एक्सप्रेस'याद आ गयी और ये वाली याद दिलाने का शुक्रिया.<br /><br />गुरुदत्त पर किताब पिछले कुछ दिनों से आपकी टॉप शेल्फ पर थी,कुछ और हो जाए इस किताब पर.<br /><br /><br />पोस्ट बहुत चुस्त स्क्रिप्ट की तरह लगी.छवियाँ एक रील की तरह चलने का आभास देतीं है.sanjay vyashttps://www.blogger.com/profile/12907579198332052765noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8251191037711858199.post-49751755036928525932012-03-03T14:24:33.019+05:302012-03-03T14:24:33.019+05:30इस बिखराव के बीच से ही दिव्यता की झलक देख पा रहे ह...इस बिखराव के बीच से ही दिव्यता की झलक देख पा रहे हैं हम... जैसे अपने ही अन्दर झांकना फलीभूत हो रहा हो!अनुपमा पाठकhttps://www.blogger.com/profile/09963916203008376590noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8251191037711858199.post-86128761537615558282012-03-03T12:23:33.811+05:302012-03-03T12:23:33.811+05:30शुक्रिया सुब्रमनियम जी :) मिक्स वेज की बात ही कुछ ...शुक्रिया सुब्रमनियम जी :) मिक्स वेज की बात ही कुछ और है :) पर सकेरने वाला कोई मिलता नहीं यही गड़बड़ है.Puja Upadhyayhttps://www.blogger.com/profile/15506987275954323855noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8251191037711858199.post-31453952939613251992012-03-03T12:22:23.467+05:302012-03-03T12:22:23.467+05:30:) यूनिक और खूबसूरत. कमेन्ट के लिए शुक्रिया किशोर ...:) यूनिक और खूबसूरत. कमेन्ट के लिए शुक्रिया किशोर जी.Puja Upadhyayhttps://www.blogger.com/profile/15506987275954323855noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8251191037711858199.post-88885588337745901912012-03-03T12:20:48.519+05:302012-03-03T12:20:48.519+05:30इतनी सारी स्क्रिप्टें टुकड़ों में ही सही, बन ही चुक...इतनी सारी स्क्रिप्टें टुकड़ों में ही सही, बन ही चुकी हैं. कोई सकेलने वाला हो तो जोड़ जाड कर एक अच्छी खासी फिल्म का कथानक तो बन ही सकता है. आज मिक्स वेज की बात चली थी इसलिए याद आ गयी.all the बेस्ट.P.N. Subramanianhttps://www.blogger.com/profile/01420464521174227821noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8251191037711858199.post-77896545318895056422012-03-03T12:18:14.785+05:302012-03-03T12:18:14.785+05:30रोचक और ज्ञानवर्धक पोस्ट होलियाना टच के साथ |होली ...रोचक और ज्ञानवर्धक पोस्ट होलियाना टच के साथ |होली की शुभकामनायेंजयकृष्ण राय तुषारhttps://www.blogger.com/profile/09427474313259230433noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8251191037711858199.post-44144852900585250522012-03-03T11:51:46.634+05:302012-03-03T11:51:46.634+05:30फ़िल्मी...
अनुभूतियों का सुन्दर ब्यौरा. ज़िंदगी क...फ़िल्मी... <br />अनुभूतियों का सुन्दर ब्यौरा. ज़िंदगी के साथ यही एक खूबी है कि वह अपने आपको कहीं किसी रूप में दोहराती नहीं है. सब कुछ यूनिक है.के सी https://www.blogger.com/profile/03260599983924146461noreply@blogger.com