tag:blogger.com,1999:blog-8251191037711858199.post1912986904973698744..comments2024-03-16T10:24:55.941+05:30Comments on लहरें: जिंदगी। नीट ओल्ड मोंक में मिली किसी सरफिरे की याद है। Puja Upadhyayhttp://www.blogger.com/profile/15506987275954323855noreply@blogger.comBlogger5125tag:blogger.com,1999:blog-8251191037711858199.post-73640242626817461232015-09-11T09:50:37.800+05:302015-09-11T09:50:37.800+05:30Wow!!! simply good!!! Mam you are so good with wor...Wow!!! simply good!!! Mam you are so good with words... I like your articles and blog!!!<br />Pleas visit my new blog and please give me suggestion!!! Thanks...<br /><br />http://jivanmantra4u.blogspot.inAnonymoushttps://www.blogger.com/profile/05150054591594706309noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8251191037711858199.post-39256159645919332082015-08-20T10:20:45.649+05:302015-08-20T10:20:45.649+05:30ज़िंदगी सपाट रंगों के साथ रुमानी धागों को बुनते रह...ज़िंदगी सपाट रंगों के साथ रुमानी धागों को बुनते रहने का अंतहीन सफर भी तो है....मरदूद यादों के गोटों को जबरन टांकने रहने की कोशिश।Shilpi_MannPakhihttps://www.blogger.com/profile/03173633549858050098noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8251191037711858199.post-58826976107699205732015-01-14T13:34:48.771+05:302015-01-14T13:34:48.771+05:30हाँ ...सच्ची ....... ज़िन्दगी प्रेम यादव की दुकान क...हाँ ...सच्ची ....... ज़िन्दगी प्रेम यादव की दुकान की कुल्हाड़ वाली कड़क चाय भी है जिसे हाथ में पकड़ाते हुये वह सिर्फ़ इतना कहता है “बाबू साहब ! तीसरा महीना शुरू हो गया है ....कुछ पुराना चुकता कर दिया जाय” । ....और तुम्हारे कमेण्ट बॉक्स में एक-एक शब्द रच-रच कर लिखा गया एक बड़ा सा कमेंट भी है ये मुयी ज़िन्दगी जो पोस्ट करते ही एक चौकोर चेहरे के सिम्बल में बदल जाता है जिसकी एक आंख फ़ूट गयी है । यानी सर्वर कब डिस्कनेक्ट हो जाय कुछ पता नहीं ....इसलिये दोबारा लिखने की ज़हमत से बचने के लिये अब मुझे अलग से कमेंट लिखकर कट-पेस्ट करना पड़ता है ....ज़िन्दगी बस ...यूँ ही चल रही है ...झूमती हुयी । बस्तर की अभिव्यक्ति जैसे कोई झरनाhttps://www.blogger.com/profile/11751508655295186269noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8251191037711858199.post-14235023200424094032014-12-31T06:48:42.832+05:302014-12-31T06:48:42.832+05:30शदीद प्यास थी फिर भी छुआ न पानी को
मैं देखता रहा द...शदीद प्यास थी फिर भी छुआ न पानी को<br />मैं देखता रहा दरिया तेरी रवानी को गौतम राजऋषिhttps://www.blogger.com/profile/04744633270220517040noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8251191037711858199.post-2549487218091632432014-12-30T05:46:35.463+05:302014-12-30T05:46:35.463+05:30आपकी लिखी रचना मेरी अंतिम में पोस्ट दिन बुधवार 3...<i><b> आपकी लिखी रचना मेरी अंतिम में पोस्ट दिन बुधवार 31 दिसम्बर 2014 को लिंक की जाएगी...........<a href="http://nayi-purani-halchal.blogspot.in" rel="nofollow"> http://nayi-purani-halchal.blogspot.in </a>आप भी आइएगा ....धन्यवाद! </b></i>yashoda Agrawalhttps://www.blogger.com/profile/05666708970692248682noreply@blogger.com