22 April, 2012

पैबंद के टुकड़े...

उसे मालूम नहीं है कि हम आखिरी बार मिल रहे हैं...

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लड़की आज वक़्त लेकर तैयार हुयी है...उसने आज अपनी पसंद के कपड़े पहने हैं...चिकन का काम किया हुआ ब्लैक  फुल स्लीव कुरता जिसकी आस्तीनें उसने बेपरवाही से ऊपर चढ़ा दी हैं...स्काईब्लू जींस. दायें हाथ में घड़ी और बायें हाथ में कांच का एक कड़ा जिसके रंग उसे बेहद पसंद हैं...कानों में सीपियों की बालियाँ...पत्तियों के आकार कीं. ब्लैक उसका फेवरिट कलर रहा है हमेशा से. उसके गोरे रंग पर काले कपड़े फबते भी थे बहुत ज्यादा...उसकी आँखें और ज्यादा काली और गहरी लगती थीं...किसी जादूगरनी सी.
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'पर तुम जाओगी कहाँ?'
जिंदगी सवाल करती है...मैं उसे बताना चाहती हूँ कि मैं उससे दूर भागना चाहती हूँ इसलिए उसे बता कर नहीं जा सकती...लहरें हमेशा समंदर की ओर लौटती हैं...मैं भी शायद...कहीं लौट जाना चाहूं...शायद अतीत के किसी क्षण में.
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'तुम्हें पहले जाना होगा...आई एम होपलेस एट गुडबाय्स'
'मतलब?'
'मुझे विदा करना नहीं आता...मैं अगर पहले जाती हूँ तो लौट लौट आती हूँ...उस लम्हा...उस लम्हे के बाद के काफी लम्हे...इसलिए तुम्हें पहले जाना होगा...मैं इसी जगह खड़ी तुम्हें देखती रहूंगी...और जब तुम वापस नहीं आओगे तो यकीन कर लूंगी कि तुम वापस आने के लिए नहीं गए थे'.
'तुम मज़ाक कर रही हो'
'आई एम सीरियस...आज इतने सालों में पहली बार तुम्हारा ध्यान गया है...याद करोगे तो याद आएगा कि मैं फोन तक नहीं काटती थी कभी.'
'अब...कहाँ जाना है...कब आओगी वापस...कुछ तो बताओ'
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बेस्ट फ्रेंड होने की अपनी तकलीफें हैं...कई बार तो लगता है कि सिर्फ रिसीवर है...फोन में माइक है ही नहीं...उसकी सारी बातें सुन सकता है...अपनी बातें समझाने की कोशिश कर सकता है पर जिद्दी लड़की करेगी एकदम अपने मन का ही...और उसे रोकने का कोई अधिकार नहीं है.
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It's strange how people sense the absolute power when it comes to people they love...coupled with their incessant capacity to hurt they so effortlessly can create a havoc in someone's life.
I wonder if I fall in love only to discover my vulnerability...my fragile sense of completeness. I am the last corner piece in his Jigsaw puzzle...it's anyway beautiful...while he becomes the key centre piece without whom I can't even think of putting the picture together...
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मैं ना रहूँ...यहाँ या कहीं और भी तो तुम्हें मेरी याद आएगी?
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4 comments:

  1. फिल्म "लाइफ इन ए मेट्रो" का गाना "अलविदा" याद आ गया !!!

    ये अलविदा कहना बहुत मुश्किल है , इससे बेहतर कुछ ना कहा जाये | कुछ भी हो, खो गया हूँ इसे पढ़ कर |

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  2. कभी अलविदा ना कहना!

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  3. यादें कहाँ जाती हैं इतनी आसानी से..

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  4. pratibha...I wonder if I fall in love only to discover my vulnerability...my fragile sense of completeness.I am the last corner piece in his jigsaw puzzle..beautiful

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