02 January, 2012

ब्लैक कॉफ़ी विथ दो शुगर क्यूब प्यार

मन की कच्ची स्लेट पर लिखा है
आँख के काजल से तुम्हारा नाम

खुली हथेली पर बनायीं हैं
मिट जाने वाली लकीरें
और मुट्ठी बंद कर दी हैं
गुलाबी होठों के बोसों से
अब कैसे जाओगे छूट के, बोलो?

आज अचानक ही हुयी बरसातें
कि जैसे तुम आये थे एक दोपहर
धूप की चम्मच से मिलाया था
ब्लैक कॉफ़ी में दो शुगर क्यूब प्यार

याद है, अलगनी पर छूट गया था
तुम्हारा फेवरिट मैरून मफलर
तब से हर जाड़ों में
तुम मेरे गले में बाँहें डाले
गुदगुदी लगाते हो मुझे
दुष्ट!

तुम्हारे लिए कुछ किताबें खरीद दूं?
कितनी फुर्सत है तुम्हें
कि मुझे पढ़ते रहते हो


सुनो!
इतनी भी दिलफरेब नहीं हैं
तुम्हारी आँखें
कि मैं बस तुम्हें लिखती रहूँ
शकल भी देखी है कभी, आईने में?


चलो!
अब न पूछो कि कहाँ
तुमने फोन पर कहा था एक दिन
फ़र्ज़ करो,
मैं तुम्हारा हाथ पकड़ कर चलता हूँ
कहीं दूर एक खुला सा मैदान हो
जहाँ से वापस आने का रास्ता हो
या वहीं ठहर जाने का...ऑप्शन
मैं उस ख्वाब से निकली ही नहीं
आज तक भी.

बातें बहुत सी हुयीं है
अब कुछ यूँ करो ना
कभी सामने आ जाओ अचानक
और जब बेहोश हो जाऊं ख़ुशी से
अपनी बांहों में थाम लेना...
बस.

अरे हाँ...जब आओगे ही
तो लौटा देना
वो बोसे जो मैंने तुम्हारे ख्वाबों में दिए थे.
गिन के पूरे के पूरे. साढ़े अट्ठारह
अठारह तुम्हारी बंद पलकों पर
और आधा बोसा
होटों पर...बस.
इससे ज्यादा मैथ मुझे नहीं आता
केस क्लोज्ड. 

16 comments:

  1. :):)
    केस क्लोज्ड!! :P

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  2. @ कितनी फुर्सत है तुम्हें
    कि मुझे पढ़ते रहते हो
    .................
    प्यार का यह विश्वास कितना गहरा है !......पूर्णता में डूबा हुआ ....
    मगर यह आधा चुम्बन कैसे लिया जाता है .......? fir तो chauthaayee भी hotaa hogaa ?
    हिसाब में तो मैं भी बहुत कच्चा रहा हूँ ......

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  3. काफी का मामला देखा और बरबस ही इधर खिंचा चला आया :)
    और आकर जो चाहा वही पाया :)

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  4. बहुत खूब! बहुत सुन्दर भावपूर्ण रचना...

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  5. 'इससे ज्यादा मैथ मुझे नहीं आता'
    इससे ज्यादा गणित जानने की आवश्यकता भी कहाँ है...!
    सुन्दर:)

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  6. अरे वाह... ३ दिन में ३ पोस्ट... मेरे लिए तो न्यू इयर गिफ्ट है जैसे.... :)
    इन हिसाबों में तो हम भी बहुत कमज़ोर हैं...
    इसलिए केस क्लोस्ड... ;) :)

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  7. दो शुगर क्यूब प्यार !

    डाइबीटीज हो जायेगा !

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  8. साढ़े अट्ठारह हो या ढाई (आखर), लगता है कि अद्धे के बिना पूरा नहीं होता प्रेम.

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  9. wah kya baat...bahut hi sunder rchna

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  10. कितना प्यार है तुम्हारे भीतर ! सोचता हूँ अगर पकड़ कर पेड़ की तरह हिलाया जाए ....प्यार ही प्यार गिरेगा

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    1. हाय! इतना सुंदर कमेन्ट! शुक्रिया डॉक्टर साहब :)

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  11. Case closed but love continues....

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