13 April, 2011

उस सरफिरी, उदास लड़की का क्या हुआ?

बहुत पुरानी बात है...
दो आँखें हुआ करती थीं
बीते बरस 
उनपर कई मौसम आये और गए 

जिस दिन से तुम नहीं आये 
रात का काजल 
आँखों में फैलता चला गया 
और बेमौसम बारिश होने लगी 

जो नदी बरसाती हुआ करती थी
अब सालों भर बहने लगी
आँखों का काला रंग भी
पानी में घुल के फीका पड़ने लगा 

जो दिखते थे सारे रंग 
जिंदगी से रूठ कर चले गए 
बहार को आँखों ने पहचाना नहीं
वो इंतज़ार करते बूढ़ी हो गयी 

सुनते हैं कि बरसों की थकन से 
उसकी आँखें मर गयी थीं 
मगर ये कभी पता ही नहीं चला
उस सरफिरी, उदास लड़की का क्या हुआ?

19 comments:

  1. अच्छे शिल्प में रची गई विचारोत्तेजक कविता।

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  2. Uf!Kitna dard samete hue hai ye rachana! Padhte hue raungte khade ho gaye!

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  3. विरह प्रतीक्षा पीड़ा ही है,
    आँखे भी अनवरत बही हैं,
    मन में जिसका रूप बसाया,
    देखो, वह निष्ठुर न आया।

    जीवन पर क्यों रूठ, कहीं अटका अटका सा,
    वर्तमान को भूल, कहीं भटका भटका सा।

    बहुत हुआ अतिप्रिय, अब तुमको उठना होगा,
    छूट गया वह छोड़ पुनः अब जुटना होगा,
    नहीं कोई अपना जीवन इतना भी भर ले,
    वह अपना क्यों जो अपनों से जीवन हर ले।

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  4. virh pratiksha ka.marmik varnan...dil ko choo gaya.

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  5. एक अलग ही अन्दाज़ की बहुत ही सुन्दर और मार्मिक कविता।

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  6. पंजाब हो या फिर बाकि देश यानि भारत वर्ष..... हर जगह किसी न किसी रूप में आज पर्व का माहोल है ...... शुभकामनाएं ......

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  7. ahsaason ke sab rang bahate rahe aur us ladki ki jGAH WO EK KAVITA BAN GAYEE

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  8. ye to bata do kya hua us baavari ladki ka

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  9. ye to bata do kya hua us baavari ladki ka

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  10. सुना है भीड़ में गोगल्स में उसकी आँखे गुम है

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  11. bahut acchi rachna Puja.

    जिस दिन से तुम नहीं आये
    रात का काजल
    आँखों में फैलता चला गया
    और बेमौसम बारिश होने लगी


    जो नदी बरसाती हुआ करती थी
    अब सालों भर बहने लगी
    आँखों का काला रंग भी
    पानी में घुल के फीका पड़ने लगा
    Bahut khoob.

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  12. pooja aapki virah wali aapki kavita acchhi lagi. aap dushyant kumar ki fan hain ye jaan kaf khushi hui..unhi ki shabdon me kahen to ho kahin bhi aag lekin aag janlni chaihiye.
    amar anand

    manzilaurmukam.blogspot.com
    amaranand07@gmail.com

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  13. दो नैनन में पिया मिलन की आस.

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  14. this one is also very touching..kha se likhti hai aese sabdo ko...kya hua us sarfiri ladki ka..kabhi u hi bataya maione,wo to sarfiri thi apne aap me dubti chali gai.........

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