07 August, 2009

अकेले हम...अकेले तुम...मेरा सामान हुआ गुम



जरा अपने सामान में चेक करो
मेरा क्या क्या चुप चाप ले गए हो
मुझे बिना बताये
३० दिन की हंसी...
हिसाब लगाओ तो, एक दिन का १० बार तो होता ही होगा
दिन में दो बार करीने से आइना देखना
अक्सर एक बार तुम्हें लिफ्ट देने के कारण
खर्च होता एक्स्ट्रा पेट्रोल
मोड़ पर तुम्हें ढूँढने वाले ५ मिनट
और तुम्हें देख कर १००० वाट से चमकने वाली आँखें
इन सबके बिना जी नहीं सकती मैं...सब भिजवा दो...

या खुद ही लेकर आ जाओ ना...

18 comments:

  1. आ जायेगा यार.. बस थोड़ा सब्र कर लो.. :)
    सब साथ में होगा.. और साथ में होगी उसकी भी १००० वाट से चमकने वाली आँखें, ३० दिन की हंसी, तुम्हें मिस करने वाले 24 घंटे.. और ढ़ेर सारा प्यार.. :)

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  2. आया कि नहीं? आना ही होगा-इस पुकार को सुन!!

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  3. बेहतरीन आह्वान!
    बिना बताए क्यो ले गया आपका ये सामान? क्यो नही संभाल कर रखा था?
    बहुत खूबसूरत रचना

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  4. अच्छा हिसाब लगाया है आपने।

    सादर
    श्यामल सुमन
    09955373288
    www.manoramsuman.blogspot.com
    shyamalsuman@gmail.com

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  5. शानदार। ई अंदाज में आपै लिख सकते हैं डाक्साब। गजनट! जय हो!

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  6. बहुत मार्मिक पुकार है. अब तो बस आता ही होगा.

    रामराम.

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  7. आपकी सहज बातें बहुत छूती हैं....! मन का लिखा ऐसा है होता है..!

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  8. ईश्वर करें हर अरमान पूरे हों। बहुत ही गहरी अभिव्यक्ति।क्या खूब..।

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  9. "sab bhijwaa do ...mera yeh saaman lauta do..."

    are dost unhone to insab ka photocopy (yaadon ki form mein) hi chahi hongi, aur aapne sab kaa sab orignal hi uthaa de diyaa...

    vaise yeh pukaar to seedhe vahan tak pahunch jaayegi...aur kheench hi laayegi unhein... :)

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  10. गुलज़ार के मेरा कुछ सामान की याद दिला दी आज तो.. बहुत अच्छे.. !

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  11. सच्चे मीठे से जज्बात।

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  12. इस हिसाब में अक्सर घाटा होता है.....गुलज़ार का मेरा कुछ सामान याद आया ...इस गाने को जब उन्होंने लिखा था तो पंचम बोले .थे .तुम्हारा कुछ भरोसा नहीं कल को अखबार उठा लायोगे ओर कहोगे की इसकी धुन बनायो ...

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  13. बहुत ही अच्छा जी... :)

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  14. क्या खूब लिखती हैं आप.

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  15. lata ji ka gaya aur gulzar sahab ka likha "mera kuch saamaan, tumhare paas hai.." yaad aa gaya..

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  16. एक अकेली छतरी में जब आधे आधे भीग रहे थे,
    आधे सूखे आधे गीले सुखा तुम्हें मैं ले आई थी..
    गीला मन शायद बिस्तर के पास पड़ा हो..
    वो भिजवा दो मेरा वो सामान लौटा दो...

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