01 April, 2009

अप्रैल फूल कैसे बने?

.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.

ऐसे :D

अब आप हमें गरिया लें...क्या कीजियेगा...भाई हमें तो यही सीधे साधे वाले अप्रैल फूल बनाने में मज़ा आता है.

20 comments:

  1. आपका तरीका वाकई यूनीक लगा.. :)

    ReplyDelete
  2. हां, ऐसे ही बन गये । कोई रास्ता हमें भी सुझाईये । आज कई बार मूर्ख बने ।

    ReplyDelete
  3. अच्छा लगा बनकर..:)

    ReplyDelete
  4. एक तरीका और भी है.....

























    ये....:D

    ReplyDelete
  5. डाक्टर पूजा..आपकी पोस्ट खुलने का इंतजार करता रहा....फ़िर टिपणी बक्सा ..बहुत नीचे चला गया.. पूरे २० मिनट लगे इस काम में..

    पर बडी शांति मिली.. और इंतजार का महत्व मालूम पडा. और बनने मे बडा मजा आया.:)

    रामराम.

    ReplyDelete
  6. दुख गयीं उंगलियां स्क्राल करते करते! शायद मूर्ख बनना यही है! :)

    ReplyDelete
  7. कभी पढ़ी थी यह पंक्तियाँ
    If winter comes, can spring be far behind - Shelly
    प्रकृति के इस क्रम में इस ब्लॉग पर पलाश के फूलhttp://laharein.blogspot.com/2009/03/blog-post_05.html में पलाश के ज़िक्र के बाद तो अप्रैल फ़ूल आना स्वाभाविक ही था
    इसे यह भी कह सकते हैं - आपने अत्यन्त सादगी से अप्रैल-फूल मनाया (बनाया)!

    ज्ञान जी, फ़टाफ़ट स्क्रोल करने के लिये Firefox व Google's Chrome ब्राउज़र में तो बस Space Bar दबाईये। वापस जाने के लिये Shift+Space Bar ।

    ReplyDelete
  8. lo me to aaya hi nahi aap k blog par.......
    dekha meto murkh bana hi nahi....
    :)

    ReplyDelete
  9. ठीक है, बन तो गये. बस, याद रखना-कभी तो मौका हाथ आयेगा ही. :)

    ReplyDelete
  10. aap.............................................................................................rupaali ji.........aur............................................................................................pallavi ji.........................................................................................ye sab...............................................................kya kar rahi ho bhyi.............................................................ham bhi ho gaye naa.....................................................................................................april phool.......!!

    ReplyDelete
  11. आपके पोस्‍ट से बडी टिप्‍पणी तो रूपाली मिश्रा जी ने दे दी ... जैसे को तैसा।

    ReplyDelete
  12. अजी हम तो २२ साल से बने हुये है..... चलिये इस बनने बनाये तो आप ने भी बना दिया. ध्न्यवाद

    ReplyDelete
  13. हमने तो आपकी यह पोस्ट १ अप्रैल को इसलिए नहीं पढ़ी कि आप कही है अप्रैल फूल न बना रही हो ...पर आज ३ अप्रैल को अप्रैल फूल बनाना ...?? आपने अप्रैल फूल बनाने की परम्परा ही बदल दी...अब तो अप्रैल फूल किसी तिथि विशेष को नहीं बल्कि आपकी पोस्ट पढ़ के बनेगे.

    ReplyDelete
  14. अप्रल फूल बनाने का बिजनिस बहुत ही शानदार है इस पर पुस्तक लिखकर उसे प्रकाशित किया जाना चाहएि। मेरे ब्लगा पर भी नजरें इनायत करे। आभारी रहूंगा।
    अखिलेश शुक्ल्
    http://katha-chakra.blogspot.com

    ReplyDelete
  15. आप तो अप्रैल फूल बना के गायब ही हों गयीं

    ReplyDelete

Related posts

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...