13 December, 2008

जिंदगी...यादें...और कोरे पन्ने

इतवार...वैसे तो बहुत से कारण होते हैं इंतज़ार करने के...पर ये इतवार थोड़ा अलग है।

मैंने डॉक्युमेंटरी पहले भी बनाई है, पर फिल्मों का पहला अनुभव है...भले ही अतिलघु फ़िल्म कह लें। पिछली पोस्ट पर जो कहानी थी, उसे ही शूट करने वाले हैं। और जैसा की छोटे प्रोजेक्ट्स में होता है...लीड रोल भी मुझे ही करना है...हालाँकि मुझे डायरेक्शन और लिखने में ज्यादा मज़ा आता है। पर सोचा एक बार भूत बन के भी देख लिया जाए। मज़ा तो आएगा ही।

अगले सन्डे एडिट करके तैयार हो जायेगी तो अपलोड भी कर दूंगी...आज बस सोच के अच्छा लगा रहा है और डर भी। उम्मीद है सब अच्छा ही होगा।

क्या जरूरी है

जिंदगी की किताब के

हर पन्ने पर कुछ लिखा हो

कुछ पन्ने तो कोरे रहने दो...

कभी यादों को अपने रंग में रंगने का मन किया तो?

19 comments:

  1. इंतजार रहेगा अगले इतवार का .

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  2. koi jarooree naheen ki har panna bharaa hee ho . khaalee honge to hi na bhare ja sakenge.

    khaalee panne.

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  3. koi jarooree naheen ki har panna bharaa hee ho . khaalee honge to hi na bhare ja sakenge.

    khaalee panne.

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  4. फिलहाल रंग भरिये, बाद में गर मिटाने की जरुरत हुई तो eraser use कर लीजियेगा!
    film ka link जरूर दीजियेगा.

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  5. वास्तविक ज़िन्दगी भी एक ख्वाब है। जैसे सपने चाहें वैसे भर लें पर इसका निश्चय और इरादा होना चाहिये।

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  6. भूत बनकर देख ही लो, भूत के अनुभव कैसे होते होंगे ? आपको एक बात महसूस होगी- कैसे पूरा अस्तित्व गिरवी हो जाता है, उस गहरे आवेश के क्षणों में जब आप एक नितान्त भिन्न अस्तित्व को जीने की कोशिश कर रहे होते हैं !

    आपकी कलम का प्रभाव बहुत कुछ भुतहा ही है, बिना झाड़ फ़ूंक खतम ही नहीं होता.
    बाकी बातें बाद में बताउंगा .धन्यवाद.

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  7. भूत के दर्शन करने के लिये अब अगले सन्डॆ के अलावा चारा भी क्या है ? आशा है ये भूत जी भी ताऊ ही कहेंगे ..वरना क्या पता.. कह बैंठे ..क्यों बे ताऊ...? बताऊं क्या ? :)

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  8. पता नहीं कल रात में क्या समस्या थी जो तुम्हारा पोस्ट नहीं खुल सका.. आज सुबह से भी जितनी बार भी कंप्यूटर ऑन किया बस हैंग हो गया.. शायद आपके भूतिया सिनेमा का असर अभी से ही मेरे लैपटॉप पर हो रहा है.. :)

    ये कविता जो तुमने लिखा है उसे पढ़कर ऐसा लगा जैसे आपने मेरे लिये ही लिखी है..

    चलिये हम तो सिनेमा और उसे बनाने के गुड़, दोनों के इंतजार में बैठे हैं..

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  9. क्या जरूरी है
    जिंदगी की किताब के
    हर पन्ने पर कुछ लिखा हो
    कुछ पन्ने तो कोरे रहने दो...

    वाह बहुत खूब। वैसे जी हमसे इंतजार नहीं किया जाता पर यहाँ इंतजार के अलावा चारा ही क्या बचा हैं।

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  10. शुभकामनाये ......इन्तजार रहेगा .....आप दिखाए तो सही ..
    ओर हाँ कुछ पन्ने कोरे ही रहने चाहिए .....

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  11. अरे वाह.. ये तो हमको पता ही नही था.. मेरी भी सारी स्टोरीज जो मैने ब्लॉग पे पोस्ट की है.. वो सब मेरी ही शॉर्ट फिल्म्स है.. अच्छा लगा ये सब जानकार तो.. क्लाइमॅक्स थोड़ा और इंट्रेस्टिंग होना चैहये.. और फ़ोन अगर पहले आ जाए तो कहानी में दम आ जाएगा...

    जैसे की फ़ोन की घंटी बजी और हीरोइन ने फ़ोन काट दिया.. ये बोलकर की जब मैं तुम्हारे साथ हू कोई और डिस्टर्ब नही करेगा.. उसके जाने के बाद जब फ़ोन बजे तो पता चले.. वैसे सिर्फ़ मुझे लगा.. इंकल्यूडे मत करना..

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  12. kitna sundar likha hai ..

    क्या जरूरी है
    जिंदगी की किताब के
    हर पन्ने पर कुछ लिखा हो
    कुछ पन्ने तो कोरे रहने दो...

    man ki baaten ...

    bahut badhai ..
    kabhi samay mile to mere blog par aayinga .

    dhanyawad.

    vijay
    http://poemsofvijay.blogspot.com/

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  13. इंतज़ार है अगली पोस्ट का

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  14. मैं भी इंतजार करूँगा अगले इतवार का .....अल्लाह करे आप सफल हों ........

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  15. हम भी पंक्ति में खड़े हैं इतवार की प्रतिक्षा में....

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  16. अगले सन्डे एडिट करके तैयार हो जायेगी तो अपलोड भी कर दूंगी...आज बस सोच के अच्छा लगा रहा है और डर भी। उम्मीद है सब अच्छा ही होगा।.................................बेशक अच्छा होगा.........हरगिज अच्छा होगा...........बिल्कुल अच्छा होगा............!!

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  17. क्या जरूरी है

    जिंदगी की किताब के

    हर पन्ने पर कुछ लिखा हो

    कुछ पन्ने तो कोरे रहने दो...

    कभी यादों को अपने रंग में रंगने का मन किया तो?


    itna acha kaise likh deti hai app

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  18. क्या जरूरी है

    जिंदगी की किताब के

    हर पन्ने पर कुछ लिखा हो

    कुछ पन्ने तो कोरे रहने दो...

    कभी यादों को अपने रंग में रंगने का मन किया तो?


    very true lines..

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  19. kya jaroori hai

    jindagi kee kitab ke

    har panne par kuchh likha ho

    kuchh panne to kore rahane do...

    kabhi yadon ko apane rang men rangane ka man kiya to?

    Bahut hi khoobsurt.....alfaaz dil ko chhu gaye :)

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