19 November, 2008

जागने का वक्त आ गया है.

हमें याद है की १०वीं में हमारा सिविक्स नाम का विषय होता है...उसी में हम संविधान के बारे में पढ़ते थे। हम जब fundamental rights के बारे में पढ़ते हैं तो उसी पैराग्राफ में हमारी duties के बारे में भी लिखा होता है। ऐसा क्यों होता है कि हम अपने अधिकारों को लेकर बहुत सचेत रहते हैं और हो हल्ला भी मचाते हैं पर अपनी जिम्मेदारियों का क्या? क्या अपनी जिम्मेदारियां ताक पर रखने के बाद हमें अपने अधिकारों के लिए लड़ने का हक है?
इस दौर में सब सब सवाल करते हैं कि आप क्या कर रहे हो...समाज के लिए...देश के लिए वगैरह वगैरह, ये सवाल करने के पहले वो ये बताएं कि उन्होंने क्या किया है, किस बदलाव कि दिशा में कदम उठाये हैं?
आज मैं भी ऐसे ही एक बदलाव के बारे में कहना चाहती हूँ जी बहुत जरूरी है। और ये है वोट देना, हममें से अधिकतर लोग सरकार को कोसते हैं उसकी हर नाकामी पर, मगर जब वोट देने का वक्त आता है हम अपनी जिम्मेदारी से पीछे हट जाते हैं। हालाँकि मैं मानती हूँ कि इसका एक बहुत बड़ा कारन ये है कि कोई भी एलेक्टीओं में खड़ा होने वाला नेता इस काबिल नहीं होता कि उसे चुना जाए। सारे भ्रष्ट और अक्सर अपराधिक पृष्ठभूमि के होते हैं। पर वोट देना पहला कदम है हमारे देश के लिए कुछ सार्थक करने कि दिशा में।
हम कॉलेज में थे जो चुनाव और राजनीति को गंभीरता से लेते थे...जेएनयू में तो खास तौर से इस तरह कि हवा चलती है कि आप किसी न किसी विचारधारा से प्रेरित हो ही जाते हैं। मेरे कुछ दोस्त ऐसे भी हैं जिन्होंने राजनीति में उतरने का और चीज़ों को बदलने का प्रण लिया है। मुझे उन पर गर्व है, मैं सीधे इलेक्शन में उतर तो नहीं सकती पर मैंने वादा किया है कि उनका इलेक्शन कैम्पेन मैं सम्हालूंगी।
मैं और मेरे जैसे कई लोग इस लिए भी वोट नहीं दे सकते क्योंकि हमारा नाम हमारे घर कि वोटर लिस्ट में जुदा है, और हम रहते हैं दूसरे शहर में...अब वोट कैसे दें।मुझे ये मालूम नहीं था कि किसी भी शहर में ६ महीने तक रहने के बाद हम अपना नाम वहां की वोटर लिस्ट में शामिल करने के लिए आवेदन दे सकते हैं। और वोट करने के लिए बस लिस्ट में नाम होना जरूरी है, वोटर आइडी कार्ड नहीं है तो DL या PAN कार्ड भी चलता है।इस सारी प्रक्रिया को बिल्कुल आसान कर दिया है टाटा टी ने अपने नए वेबसाइट में
मेरा आपसे अनुरोध है कि आप www.jaagore.com पर जरूर जाएँ। वाकई वोट करना अब बिल्कुल आसान हो गया है। मैंने अपने सारे दोस्तों को इस बारे में बताया और उन्होंने भी सूचना को आगे forward किया।ummid है इन छोटे छोटे क़दमों से ही हमारा हमारे अपने भारत का सपना पूरा होगा।

वंदे मातरम्

13 comments:

  1. बहुत सकारात्मक सोच है आपकी ! हर बड़ी मंजिल को पाने के लिए पहले एक पहला छोटा सा कदम उठाना ही पङता है ! आपका एक छोटा सा प्रोत्साहन कल एक बड़ी क्रान्ति भी ले आयेगा ! बहुत शुभकामनाएं !

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  2. पूजा जी
    नमस्कार
    आपने एक सकारात्मक
    सोच के तहत
    ये जरिया बताया है
    अच्छा लगा
    हम में से कुछ ही लोग ऐसे होंगे
    जिन्होंने
    अपना नाम मतदाता सूची में न जुद्वाया हो,

    शायद हमें कुछ ऐसा उपाय सुझाने की जरूरत है
    जो, निचले तबके और उन तक ये सहूलियत उपलब्ध हो सके जो
    चाहते हुए भी वोट नहीं कर सकते या फ़िर किन्ही और कारणों से ,निष्पक्ष
    मतदान नहीं कर पाते.
    शिक्षित वर्ग तो अपने प्रयास से ये काम कर ही लेता है,
    फ़िर भी, इस नवीन जानकारी के लिए आप को बधाई.
    मुझे उम्मीद है की आप इस तरह के सकारात्मक कार्यों में
    हमें भी अपने साथ समझेंगी ,
    बहुत अच्छा लगा.
    आपका दोस्त
    विजय
    जबलपुर
    म प्र

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  3. पूजा जी
    नमस्कार
    आपने एक सकारात्मक
    सोच के तहत
    ये जरिया बताया है
    अच्छा लगा
    हम में से कुछ ही लोग ऐसे होंगे
    जिन्होंने
    अपना नाम मतदाता सूची में न जुद्वाया हो,

    शायद हमें कुछ ऐसा उपाय सुझाने की जरूरत है
    जो, निचले तबके और उन तक ये सहूलियत उपलब्ध हो सके जो
    चाहते हुए भी वोट नहीं कर सकते या फ़िर किन्ही और कारणों से ,निष्पक्ष
    मतदान नहीं कर पाते.
    शिक्षित वर्ग तो अपने प्रयास से ये काम कर ही लेता है,
    फ़िर भी, इस नवीन जानकारी के लिए आप को बधाई.
    मुझे उम्मीद है की आप इस तरह के सकारात्मक कार्यों में
    हमें भी अपने साथ समझेंगी ,
    बहुत अच्छा लगा.
    आपका दोस्त
    विजय
    जबलपुर
    म प्र

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  4. अच्छी जानकारी...एक और मित्र ने बताया था यूं इस के बारे में.देखना आज हुआ.टी.वी. इसका बड़े जबरद्स्त तरिके से प्रचार भी आता है

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  5. बहुत अच्‍छी जानकारी दी है आपने हम पाठकों को। हमें जरूर जागना चाहिए।

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  6. क्या अपनी जिम्मेदारियां ताक पर रखने के बाद हमें अपने अधिकारों के लिए लड़ने का हक है?
    सही कहा.. आपके मेरे चिट्ठे पर कमेंट आने के बाद सोच रहा था कि अगर आप लिख ही देती तो अच्छा होता.. खैर यहां उसकी झलक दिख गई.. :)

    अभी जाते हैं जागो रे पर.. मुझे पप्पू बनने का शौक नहीं है..

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  7. सही कह रही हैं आप. jaagore.com really seems to be a boon. Let's see how it all culminates.

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  8. बहुत बढ़िया काम किया आपने यह

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  9. क्या कविता पसन्द नही, या मेरी ट्टिपणी दोष-पूर्ण थी? न स्वीकारने का कारण मेल पर दें. अगिम धन्यवाद....उम्मेद साधक

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